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Agency:News18 Uttar Pradesh
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Farming Tips :Farming Tips : भले ही आज आधुनिक कृषि यंत्रों से खेती करना आसान हो गया हो लेकिन खेती में काम आने वाले आज भी बहुत से पुराने यंत्र हैं जो आधुनिक कृषि यंत्रों को पीछे छोड़ देते हैं. ऐसा ही कृषि यंत्र …और पढ़ें
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किसान
हाइलाइट्स
- पुराने कृषि यंत्र आज भी उपयोगी हैं.
- हाथ से चलने वाला प्लाऊ सस्ता और प्रभावी है.
- प्लाऊ बनाने का खर्च मात्र 500-600 रुपए है.
शाहजहांपुर: कृषि में कई आधुनिक यंत्र आ गए हैं जो की खेती के काम को आसान बनाते हैं. लेकिन वर्षों पुराने कई ऐसे यंत्र हैं जो आज ही बेहद उपयोगी साबित हो रहे हैं. पहले ज्यादातर खेती के काम हाथ से चलाए जाने वाले कृषि यंत्रों से होते थे . जिनसे काम करने में समय ज्यादा लगता था लेकिन आधुनिकता के तौर में भी कुछ पुराने कृषि यंत्र आज भी किसानों के लिए बेहद उपयोगी साबित हो रहे हैं. खास बात यह है कि यंत्र उपयोगी होने के साथ-साथ सस्ते भी होते हैं.
शाहजहांपुर के युवा किसान रनजोत सिंह ने बताया कि आज खेती करना आसान हो गया है क्योंकि कई ऐसे यंत्र आ गए हैं जो कई दिनों में होने वाले काम को घंटों में निपटा देते हैं. लेकिन आज भी कई ऐसे पुराने यंत्र है जिनका इस्तेमाल वर्षों पहले से किसान करते आ रहे हैं. ऐसा ही एक कृषि यंत्र है हाथ से चलने वाला प्लाऊ जो कि मेड और कूड़ बनाने के साथ-साथ नाली बनाने के लिए बेहद ही उपयोगी होता है. खास बात यह है कि इसको बनवाना बेहद ही किफायती है.
प्लाऊ बनाने की तकनीक
प्लाऊ को बनाने के लिए 5 से 6 फीट लंबा लकड़ी या बांस का डंडा और 3 फीट लंबे तख्ते की आवश्यकता होती है. इसके साथ-साथ तख्ते के आगे धारदार ब्लेड लगाया जाता है जो लोहे की चादर का बना होता है. साथ ही करीब चार मीटर लंबी रस्सी और 1 फीट लंबे छोटे से डंडे की आवश्यकता होती है. यह वाइपर की तरह दिखता है.
ऐसे काम करता है ये यंत्र
वाइपर की तरह दिखने वाले यंत्र के निचले हिस्से में लगे हुए तख्ते में दोनों सिरों पर कुंडी लगाकर रस्सी को बांध दिया जाता है. इसी तख्ते के बीच में 5 से 6 फीट लंबा डंडा लगा रहता है. यह यंत्र वाइपर या फिर T के आकार का दिखाई देता है. एक किसान लकड़ी के डंडे के सहारे इसको नीचे की ओर दबाता है और दूसरा दोनों सिरों पर बंधी हुई रस्सी को खींचता है.
मात्र इतने रुपए में होगा तैयार
हाथ से चलने वाले इस उपयोगी कृषि यंत्र प्लाऊ को बनाने के लिए 500 से 600 रुपए का खर्च आता है. इस यंत्र का इस्तेमाल किसान वहां भी कर सकते हैं जहां ट्रैक्टर नहीं पहुंच सकता. साथ ही यह सब्जी की खेती करने वाले किसानों के लिए बेहद ही उपयोगी है.
Shahjahanpur,Uttar Pradesh
February 21, 2025, 18:22 IST
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