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Dudhwa National Park News : दुधवा नेशनल पार्क में गैंडा परियोजना के तहत दो गैंडों (एक नर और एक मादा) को खुले जंगल में छोड़ा गया. इन गैंडों को रेडियो कॉलर लगाया गया है. यह कदम वन्य जीव प्रबंधन की ऐतिहासिक पहल है…और पढ़ें

दुधवा के जंगलों में आजाद किए गए गैंडा
हाइलाइट्स
- दुधवा नेशनल पार्क में दो गैंडे आजाद किए गए.
- गैंडों को रेडियो कॉलर लगाया गया है.
- सैलानी अब खुले जंगल में गैंडों को देख सकेंगे.
लखीमपुर : दुधवा नेशनल पार्क के खुले जंगलों में दो गैंडों को पार्क प्रशासन ने गैंडा परियोजना से निकालकर छोड़ने में सफलता प्राप्त की है. इसमें एक नर और एक मादा गैंडा शामिल हैं. इन गैंडों को रेडियो कॉलर भी लगाया गया है ताकि उनके मूवमेंट पर नजर रखी जा सके. दुधवा टाइगर रिजर्व के 27 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में करीब चार दशक से गैंडा परियोजना चल रही है. यहां 46 गैंडे रह रहे हैं। इनमें से कुछ गैंडों को खुले जंगल में छोड़ने का निर्णय लिया गया है. खुले जंगल में छोड़ने से पहले दोनों गैंडों का पशु चिकित्सकों की टीम ने स्वास्थ्य परीक्षण किया.
अब गैंडे खुले में घूम सकेंगे और दुधवा नेशनल पार्क आने वाले सैलानियों को भी दिखाई दे सकते हैं. दुधवा टाइगर रिजर्व के उप वन संरक्षक डॉ. रंगा राजू टी ने बताया कि बुधवार को वन्यजीव संरक्षण के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की गई है. मुख्य विचरण करने वाले गैंडों का यह पुनर्वासन वन्य जीव प्रबंधन की एक ऐतिहासिक पहल है.
दुधवा में गैंडा संरक्षण की शुरुआत
दुधवा टाइगर रिजर्व में गैंडा संरक्षण की शुरुआत 1984 में हुई थी, जब असम और नेपाल से गैंडे लाकर पुनर्वासित किए गए थे. इसके बाद से सख्त सुरक्षा उपायों, प्राकृतिक आवास और वैज्ञानिक अनुसंधान की बदौलत यहां गैंडों की संख्या बढ़ रही है. नवंबर 2024 में 2 गैंडों की सफल रिहाई की गई थी, और अब फिर से दुधवा नेशनल पार्क के जंगलों में दो गैंडों को छोड़ दिया गया है. अब दुधवा नेशनल पार्क के जंगलों में 4 गैंडों का समूह मुख्य रूप से विचरण कर रहा है. गैंडों को स्थापित करने की दिशा में यह एक बड़ा कदम है.
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