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गोंडा. अमेरिका की विकास यात्रा में प्रवासियों का बड़ा योगदान है. खासकर भारतीय मूल के लोगों की भूमिका को नकारा नहीं जा सकता है. एकेडमिक के साथ ही साइंस एंड टेक्‍नोलॉजी, कारोबार और राजनीति में भारतवंशियों ने सफलता के झंडे गाड़े हैं. इसके बावजूद कई बार ऐसी घटनाएं सामने आती हैं, जिससे गंभीर सवाल उठने लगते हैं. अमेरिका के जॉर्जिया प्रांत की राजधानी अटलांटा में एक ऐसी ही वारदात हुई है. बिजनेस में लगातार सफलता हासिल कर रहे भारत के एक पूर्व प्रोफेसर की गोली मारकर हत्‍या कर दी गई. प्रो. श्रीराम सिंह मूल रूप से उत्‍तर प्रदेश के गोंडा जिले के रहने वाले थे. इस घटना से उनकी जन्‍मभूमि के लोग और परिजन स्‍तब्‍ध और सदमे में हैं. श्रीराम सिंह मार्च 2025 में अपने गांव आने वाले थे. परिजनों का कहना है कि बिजनेस राइवलरी में उनकी हत्‍या की गई है.

जानकारी के अनुसार, उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले के रहने वाले 58 साल के डॉ. श्रीराम सिंह की बुधवार को जॉर्जिया की राजधानी अटलांटा में गोली मारकर हत्या कर दी गई. अमेरिका में करीब चार दशक से रह रहे भारतीय शिक्षाविद की हत्या ने उनके जन्मस्थान तुलसीपुर माझा गांव के लोगों को स्तब्ध कर दिया है. तुलसीपुर माझा गांव के प्रधान लालजी सिंह ने बताया कि वह (श्रीराम सिंह) कार से अटलांटा में एक कार्यक्रम में शामिल होने जा रहे थे, तभी कुछ अज्ञात लोगों ने उनकी कार पर अंधाधुंध गोलियां चला दीं.

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बेटे ने दी पिता की हत्‍या की खबर
श्रीराम सिंह की हत्या की खबर उनके बेटे अमित सिंह ने दी. लालजी सिंह ने बताया कि डॉ. सिंह ने साल 1990 में अमेरिका के अटलांटा एग्रीकल्‍चर यूनिवर्सिटी में बतौर प्रोफेसर ज्‍वाइन किया था. गांव में रहने वाले श्रीराम सिंह के छोटे भाई शिवाजी सिंह ने बताया कि अमेरिका में अपने परिवार के साथ रहने वाले उनके बड़े भाई ने दो साल पहले नौकरी छोड़कर अपन व्‍यवसाय शुरू किया था. कारोबार में वह लगातार सफलता हासिल कर रहे थे. उनके बड़े बेटे अमित सिंह FBI में इंजीनियर हैं और छोटे बेटे अंकुर सिंह कैंसर स्‍पेशलिस्‍ट हैं.

श्रीराम सिंह के बिजनेस में पाकिस्‍तानी भी शामिल
अटलांटा में हमलावरों की गोलियों के शिकार बने श्रीराम सिंह के भाई शिवाजी सिंह ने बताया कि बिजनेस में उन्‍होंने काफी प्रगति की थी. उनका कारोबार लगातार बढ़ रहा था. दो साल पहले प्रोफेसर की नौकरी छोड़ने के बाद डॉ. सिंह ने पंजाब मूल के कुछ लोगों के साथ मिलकर बिजनेस शुरू किया था. इसमें पाकिस्‍तान मूल के कुछ लोगों को भी बाद में शामिल किया गया था. शॉपिंग मॉल खोलने के साथ ही उन्‍होंने पेट्रोल पंप और होटल सेक्‍टर में भी कदम रखा था. डॉ. श्रीराम के परिजनों का कहना है कि उनकी सफलता से उनके राइवल परेशान थे और इसी में उनकी हत्‍या की गई है. वह दो साल पहले अपने गांव आए थे और अगले साल मार्च में फिर से गोंडा आने वाले थे, लेकिन उनकी हत्‍या कर दी गई.

(इनपुट: पीटीआई)

Tags: America News, Gonda news

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