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बहराइच की शकुंतला देवी आर्टिफिशियल फूल बनाने में माहिर हैं और डॉ. भीमराव अंबेडकर स्वयं सहायता समूह से जुड़कर इन्हें बेच रही हैं. यूट्यूब से आइडिया लेकर सफल हुईं.

हाथों से बने गुलाब के आर्टिफिशियल फूल!
हाइलाइट्स
- शकुंतला देवी आर्टिफिशियल फूल बनाने में माहिर हैं.
- यूट्यूब से आइडिया लेकर सफल हुईं.
- डॉ. भीमराव अंबेडकर समूह से जुड़कर फूल बेच रही हैं.
बहराइच: इन दिनों बहराइच जिले की शकुंतला देवी सुर्खियों में हैं. इनकी खास पहचान आर्टिफिशियल फूल बनाने की कला से है, जिसे वह डॉ. भीमराव अंबेडकर स्वयं सहायता समूह से जुड़कर बना रही हैं. इन फूलों को देख कर कोई भी धोखा खा सकता है क्योंकि ये फूल असली फूलों की तरह ही दिखते हैं. शकुंतला देवी को यह बिजनेस आइडिया यूट्यूब से आया और अब वह आर्टिफिशियल फूलों को बनाकर उन्हें बेच रही हैं. उनके बनाए हुए फूलों की डिमांड बढ़ रही है और ये फूल लंबे समय तक चलते हैं.
आर्टिफिशियल फूल बनाना एक कला
आर्टिफिशियल फूलों को बनाने की कला में बहराइच की शकुंतला देवी पूरी तरह से माहिर हैं. वह बाजारू कपड़े और अन्य सामग्री से सुंदर और आकर्षक आर्टिफिशियल फूल तैयार करती हैं, खासकर गुलाब के फूल. इन फूलों को देख कर कोई भी यह नहीं पहचान सकता कि यह असली हैं या नकली. इनका डिजाइन और आकार असली फूलों की तरह ही होता है.
कहां-कहां होता है इन फूलों का इस्तेमाल?
इन आर्टिफीशियल फूलों का इस्तेमाल घर की सजावट से लेकर रेस्टोरेंट्स, शादी के मंडप सजाने, और अन्य शुभ अवसरों पर किया जाता है. इन फूलों का सबसे बड़ा फायदा यह है कि ये मुरझाते नहीं हैं और न ही इनका रंग उतरता है. इनका अगर सही तरीके से रखरखाव किया जाए, तो यह सालों तक इस्तेमाल किए जा सकते हैं.
शकुंतला देवी ने अपने इस आर्टिफिशियल फूलों के बिजनेस को डॉ. भीमराव अंबेडकर स्वयं सहायता समूह से जोड़कर इसे एक नई पहचान दी है. आज वह अपने बनाए हुए फूलों को बाजार में बेच रही हैं और इस काम से न केवल खुद आत्मनिर्भर हो रही हैं, बल्कि अपने क्षेत्र की अन्य महिलाओं को भी इस कला में पारंगत कर रही हैं, ताकि वे भी आत्मनिर्भर बन सकें.
एक Idea ने बदली जिंदगी
शकुंतला देवी का यह बिजनेस सिर्फ उनके लिए नहीं, बल्कि कई अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणा बन चुका है. उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि वह इन आर्टिफीशियल फूलों के इस बिजनेस में इतना सफल हो पाएंगी. लेकिन यूट्यूब से आइडिया लेकर उन्होंने इसे अपने जीवन का हिस्सा बना लिया और अब वह इस क्षेत्र में नाम कमा रही हैं. उनके इस कदम ने अन्य महिलाओं को भी आत्मनिर्भर बनने की दिशा में प्रेरित किया है.
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