[ad_1]
दिसंबर शुरू होते ही लोग हॉलिडे के मूड में आने लगते हैं. इस महीने के अंत में अधिकतर लोग छुट्टी प्लान कर लेते हैं और नए साल का जश्न मनाने के लिए घूमने निकल जाते हैं. कुछ लोग दिसंबर महीने की तुलना शुक्रवार से कर देते हैं क्योंकि इस दिन के बाद शनिवार और रविवार आता है यानी छुट्टी का दिन. इस महीने लोग बाकी महीनों के मुकाबले ज्यादा रिलैक्स महसूस करते हैं. विदेशों में और भारत में कई मल्टीनेशनल कंपनियां अपने कर्मचारियों को 1 जनवरी तक लगातार छुट्टी दे देती हैं. यह घूमने का मूड कभी-कभी व्यक्ति को हॉलिडे ब्रेन फॉग का शिकार बना देता है. हॉलिडे ब्रेन फॉग को वेकेशन ब्रेन भी कहते हैं.
दिमाग हो जाता है कंफ्यूज
सर गंगाराम हॉस्पिटल के न्यूरोलॉजिस्ट डॉक्टर अंशु रोहतगी कहते हैं कि ब्रेन फॉग मेंटल फॉग है. यह दिमाग की एक ऐसी स्थिति है जिसमें वह चीजों को समझ नहीं पाता. दिमाग बातों को याद नहीं रखता और फोकस खत्म हो जाता है. इससे व्यक्ति हमेशा दुविधा में रहता है. बोलते वक्त उसे सही शब्द नहीं मिलते. दिमाग को ऐसा लगता है कि वह किसी सपने में जी रहा है.
ठंड बढ़ने से दिमाग पर पड़ता है असर
मनोचिकित्सक प्रियंका श्रीवास्तव कहती हैं कि दिसंबर के मौसम में लोग काम नहीं करना चाहते. इसका सबसे बड़ा कारण है मौसम. दिसंबर में ठंड बढ़नी शुरू हो जाती है. रात लंबी और दिन छोटे होने लगते हैं. इससे लोग आलस से घिरने लगते हैं. बॉडी की एक्टिविटी कम हो जाती है जिससे काम करने की क्षमता घटती है और दिसंबर वीकेंड की तरह लगने लगता है. वहीं बाजारीकरण के कारण आसपास क्रिसमस और न्यू ईयर की डेकोरेशन बढ़ जाती है जिससे दिमाग प्रभावित होता है और लगता है कि वेकेशन का समय करीब आ गया है. हर किसी में ब्रेन फॉग अलग-अलग तरीके से हो सकता है. इस दौरान एकाग्रता घटती है. लोग चीजें भूलने लगते हैं. अवेयरनेस कम हो जाती है. ब्रेन फॉग दिसंबर में शुरू होता है और जनवरी के अंत तक रहता है.
वेकेशन पर होने के बाद भी कई बार दिमाग थकान महसूस करता है (Image-Canva)
छुट्टी के दौरान ऐसा क्यों होता है
वेकेशन मेंटल हेल्थ के लिए अच्छी होती है. यह समय इंसान का अपना खुद का समय होता है जिसमें वह दिल खोलकर मजा करता है और खुद की बॉडी को काम और तनाव से दूर रखकर रिलैक्स होने का मौका देता है. लेकिन कुछ लोगों में इसका उल्टा असर होता है. कुछ व्यक्ति जब वेकेशन पर जाते हैं तो उन्हें नया माहौल मिलता है. व्यक्ति के आसपास कई सारी चीजें पहली बार हो रही होती हैं और इन सब चीजों के बीच दिमाग खुद को एडजस्ट करने की कोशिश कर रहा होता है. इस अनफैमिलियर माहौल के चलते दिमाग दुविधा में पड़ जाता है और व्यक्ति अजीबो-गरीब तरीके से सोचने लगता है. नई जगह, नई भाषा, नया माहौल, नए लोगों के चेहरे, नया खाना कई बार व्यक्ति को एंजॉय करने की जगह कंफ्यूज कर देता है.
स्ट्रेस होता है हावी
ब्रेन फॉग में दिमाग पर धुंध सी छा जाती है. दरअसल घूमने के दौरान व्यक्ति का लाइफस्टाइल बदल जाता है. पार्टी करने से नींद पूरी नहीं होती. जंक फूड और अल्कोहल का सेवन बढ़ जाता है. कभी-कभी सालभर का वर्कलोड भी दिसंबर तक हावी रहता है जिससे दिमाग स्ट्रेस में रहता है. ब्रेन फॉग होने से दिमाग थकान महसूस करता है. इन सब कारणों से व्यक्ति को लगता है कि वह सपने में घूम रहा है.
इन वजहों से भी बिगड़ सकती है सेहत
ब्रेन फॉगिंग का कारण कुछ भी हो लेकिन इसके इलाज से पहले कुछ टेस्ट कराए जाते हैं. जांच में देखा जाता है कि व्यक्ति का ब्लड शुगर और ब्लड प्रेशर कंट्रोल है या नहीं. इसके अलावा थायराइड, विटामिन डी और बी 12 की जांच होती है. अगर इनमें से कुछ भी गड़बड़ हो तो ब्रेन फॉग की समस्या हो सकती है.
जेट लैग बन सकता है कारण
मनोचिकित्सक प्रियंका श्रीवास्तव के अनुसार ब्रेन फॉग जेट लैग के कारण हो सकती है. जेट लैग अक्सर लंबी हवाई यात्राओं के बाद महसूस होता है. दरअसल जब व्यक्ति फ्लाइट से लंबी यात्रा करता है तो हर देश का समय अलग-अलग होता है और दिन-रात को फर्क बदल जाता है. जैसे अगर व्यक्ति भारत से अमेरिका या ऑस्ट्रेलिया की यात्रा करेगा तो समय, दिन सब बदल जाएगा. इस वजह से शरीर में मौजूद जैविक घड़ी यानी सर्कैडियन रिदम का नई जगह के समय के साथ बैलेंस नहीं बैठ पाता. यह थकान और नींद पूरी नहीं होने की वजह से होता है. इससे व्यक्ति को भ्रम होने लगता है और वह हॉलिडे ब्रेन फॉग का शिकार हो जाता है.
वर्कलोड के चलते कई बार छुट्टियों में भी तनाव ब्रेन फॉग की वजह बन जाता है (Image-Canva)
हॉलिडे पर कैसे बनाए खुद को सेहतमंद
छुट्टी पर रहने के बाद भी अपने लाइफस्टाइल को खराब ना करें. दिमाग को तंदुरुस्त बनाने के लिए हेल्दी रूटीन को अपनाना बेहद जरूरी है. वेकेशन पर सुबह जल्दी उठें, रोज 15 मिनट धूप में बैठे, आधे घंटे से लेकर 40 मिनट तक एक्सरसाइज करें. समय पर खाना खाएं. मीठी चीजों, शराब और सिगरेट से दूर रहे और 8 घंटे की नींद पूरी लें. खाने में प्रोटीन, एंटीऑक्सीडेंट, विटामिन डी और बी-12 से भरपूर चीजें जरूर शामिल करें.
पानी ज्यादा से ज्यादा पीएं
दिसंबर के मौसम में जब व्यक्ति वेकेशन के मूड में होता है तो वह रिलैक्स करने के लिए शराब या कॉफी ज्यादा पीने लगता है. कैफीन और अल्कोहल की वजह से शरीर में पानी की कमी होने लगती है और बॉडी डिहाइड्रेशन का शिकार हो जाती है. इसलिए इस दौरान ज्यादा से ज्यादा पानी पीना चाहिए जिससे डिहाइड्रेशन ना हो. पानी के अलावा नारियल पानी, जूस वाले फल, सूप भी पी सकते हैं. शरीर के वजन के हिसाब से हर 20 किलो पर 1 लीटर पानी पीना चाहिए.
Tags: Global health, Health, Merry Christmas, New Year Celebration, Winter season
FIRST PUBLISHED : December 23, 2024, 22:10 IST
[ad_2]
Source link