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अगर टीबी हो जाए, तो जितना जल्दी हो सके इलाज शुरू कर दें. अगर घर में किसी और को खांसी या टीबी का लक्षण आ रहा है, तो उनका भी जांच करा लें, ताकि संतुष्टि मिल जाए. चूंकि यह बीमारी एक दूसरे से फैलता है, इसलिए कुछ बा…और पढ़ें

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वजन घटा, भूख नहीं लग रही? ये लक्षण छुपे खतरे की ओर कर रहें इशारा, तुरंत अपनाए ये उपाय.. जांच भी जरूरी

डॉ सी.के. दास संचारी रोग पदाधिकारी मुजफ्फरपुर 

हाइलाइट्स

  • टीबी के लक्षणों में खांसी, बुखार, वजन कम होना शामिल हैं.
  • 20-50 साल के लोग टीबी से अधिक प्रभावित होते हैं.
  • टीबी से बचाव के लिए जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है.

मुजफ्फरपुर:- मुजफ्फरपुर में टीबी मुक्त भारत को लेकर सभी पंचायतों में जागरूकता अभियान के साथ प्रत्येक एक हजार आबादी पर तीस लोगों का जांच करना है, जिसको लेकर सभी पीएचसी को निर्देश दे दिया गया है. सभी लोग तय समय में जांच को बढ़ाए और टारगेट को पूरा करें. यह बीमारी ज्यादातर मध्यम आयु वर्ग 20 साल से 50 साल तक के लोगों को होता है.

इसके कुछ शुरुआती लक्षण होते हैं, जिसके आधार पर डॉ. मरीज को टीबी की जांच कराकर संतुष्ट करते हैं. जैसे एक सप्ताह से अधिक समय तक खांसी रहना, वजन कम होना, बुखार रहना, खून में बलगम आना, भूख न लगना. जिन व्यक्तियों में ऐसा लक्षण आता है, उनका टीबी का जांच करा लिया जाता है, ताकि संतुष्ट हो जाए कि टीबी की बीमारी हैं या नहीं.

लक्षण दिखे, तो करा लें जांच
अगर टीबी हो जाए, तो जितना जल्दी हो सके इलाज शुरू कर दें. अगर घर में किसी और को खांसी या टीबी का लक्षण आ रहा है, तो उनका भी जांच करा लें, ताकि संतुष्टि मिल जाए. चूंकि यह बीमारी एक दूसरे से फैलता है, इसलिए प्रभावित मरीज को जब खांसी आए, तो इसके लिए उन्हें रुमाल, मास्क का प्रयोग करना चाहिए, ताकि यह बीमारी अपने ही घर में किसी को या आसपास के कम से कम लोगों के बीच फैल सके.

बीमारी होने पर प्रोटोकॉल का करें पालन
मुजफ्फरपुर के संचारी रोग पदाधिकारी डॉ.सी.के. दास ने लोकल 18 को बताया कि टीबी को लेकर जिले में सबसे मुख्य योजना प्रधानमंत्री टीबी मुक्त योजना के तहत अभियान चलाया जा रहा है, जिसमें प्रत्येक एक हजार आबादी पर तीस लोगों का टीबी का जांच करना है. इसको लेकर सभी जगह जागरूकता अभियान भी चलाया जा रहा है. जिन लोगों को शुरुआती कुछ लक्षण दिखाई दे रहा है, उनको यह सलाह दी जा रही है कि पहले टीबी की जांच करा लें. अगर बीमारी हो जाती है, तो घबराए नहीं, बल्कि जो प्रोटोकॉल है, उसका पालन करें और चिकित्सक से परामर्श लेते रहे.

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