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सहारनपुर: देश में तमाम शहरों को स्मार्ट सिटी के लिए काफी समय से चुना गया है लेकिन उनमें से कई इलाके पहले से भी बुरे हाल में हैं. इसी तरह सहारनपुर के कुछ क्षेत्रों में भी स्थिति बदतर है. हम बात कर रहे हैं वार्ड 66 की जहां ठीक स्कूल के सामने तारों का जाल इस कदर फैला है कि किसी भी समय बड़ा हादसा हो सकता है. छोटे-छोटे बच्चे इन तारों से बचते बचाते आगे कीचड़ वाली सड़क से होकर गुजरते हैं. कई बार छोटे बच्चे कीचड़ में गिरकर घायल भी हो चुके हैं.
कॉलोनी के लोगों का कहना है कि अधिकारियों को अवगत भी कराया जा चुका है लेकिन कोई भी सुनने को तैयार नहीं है. लोकल 18 पर बच्चों के पैरंट्स ने बात करते हुए बताया कि उनके साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है. नाले से उस पार सभी पक्की सड़कें बनाई जा चुकी हैं लेकिन उनके वार्ड के इस क्षेत्र में जहां पर रोजाना बच्चों को गंदे पानी से होकर गुजरना पड़ता है उस सड़क को निगम बनाने को तैयार ही नहीं है. इधर खुली पड़ी तारों को लेकर विद्युत विभाग भी आंख मूंदे बैठा है. अब सवाल यह उठता है कि आखिरकार विद्युत विभाग और निगम अधिकारी क्या किसी बड़े हादसे का इंतजार कर रहे हैं या फिर लापरवाही पर लापरवाही हो रही है.
कई बार बच्चे गिरकर हो चुके घायल
दि ग्लोरियस एकेडमी के प्रिंसिपल सब्बर खान ने लोकल 18 से बात करते हुए बताया कि जब स्कूल की छुट्टी होती है या फिर सुबह के समय जब बच्चे स्कूल आते हैं उस समय कुछ लोगों की स्पेशल बच्चों के लिए ड्यूटी लगाई जाती है जिससे कि बच्चों को जमीन पर पड़े इन नंगे तारों से बचाया जा सके. इसके साथ ही 50 मीटर दूर सड़क पर भरे पानी से बच्चों को बचाने के लिए भी कुछ लोगों को लगाया जाता है जिससे कि बच्चे सुरक्षित अपने घर तक पहुंच सके. पैरेंट्स भी शिकायत करते हैं. रोजाना किसी न किसी का बच्चा गंदे पानी में गिरकर घायल हो जाते है.
क्या नगर निगम वार्ड से कर रहा है सौतेला व्यवहार
बच्चों के पेरेंट्स बताते हैं कि स्कूल में बच्चों को छोड़कर जाने और स्कूल से लेकर जाने के लिए उनको खुद आना पड़ता है. इन तारों के जाल को लेकर कई बार विद्युत विभाग के अधिकारियों को अवगत कराया जा चुका है लेकिन कोई सुनने को तैयार ही नहीं है. नगर निगम में भी सड़क की बुरी हालत से अधिकारियों को अवगत कराया गया लेकिन अधिकारी इस सड़क को बनवाने के लिए तैयार नहीं है जबकि सभी वार्ड में अच्छी सड़क बनाई जा रही है लेकिन उनके वार्ड से सौतेला व्यवहार किया जा रहा है.
FIRST PUBLISHED : December 23, 2024, 23:09 IST
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