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ब्रिसबेन . इस ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर पहले पर्थ फिर एडीलेड और ब्रिसबेन .. तीन अलग अलग शहर में अलग अलग परिस्थितियों में टेस्ट मैच देखने और समझने के बाद यहीं लगा कि सेलेक्शन में ‘कोटा’ सिस्टम ना हो और सही ग्यारह खिलाए जाएं तो सीरीज में टीम इंडिया एक अलग मुकाम पर होती .सबसे ताज़ा उदाहरण आकाशदीप का हैं .
आकाशदीप को पर्थ में ये कह कर दरकिनार किया गया कि हर्षित राणा उनसे बेहतर बल्लेबाज है . चलो ये मान भी लिया जाए तो राणा अपने आपको क्यों साबित नहीं कर पाए . चलिए अब जरा टीम के दूसरे परमानेंट गेंदबाज़ सिराज की बात करें तो वे टीम में क्यों हैं ये राज़ आज तक कोई सुलझा नहीं पाया अब उनके बारे में ये भी नहीं कह सकते कि वे बेहतर बल्लेबाज है . और गेंदबाज़ी में वो क्या कर रहे हैं ये हर कोई देख रहा है . अब आकाशदीप की बात करें तो अपने ऑस्ट्रेलिया दौरे पर अपने पहल् ही मैच में ही उन्होंने गेंद और बैट दोनों के साथ महफ़िल लूटने का काम किया .
रगड़ा सेलेक्शन का जिन्न निकला आकाशदीप
पहले दो टेस्ट में बेंच पर बैठ कर मैच देखने, पानी पिलाने और ताली मारने वाले आकाशदीप ने ब्रिसबेन का बॉस बनकर दिखा दिया . जब मौक़ा तब चौका वाली कहावत आकाशदीप पर एकदम फिट बैठती है. पहले पारी में अच्छी गेंदबाज़ी के बावजूद विकेट ना ले पाने वाले आकाशदीप का साथ क़िस्मत ने दिया . जब फ़ॉलोऑन बचाना था तो उनकी बेधड़क बल्लेबाज़ी काम आई और जिस तरह से उन्होंने कमिंस स्टार्क का सामना किया वो ये बताने के लिए काफ़ी था कि उनके साथ टीम मैनेजमेंट क्या कर रही थी . बल्ले से चमकने के बाद आकाशदीप ने दूसरी पारी में ख़तरनाक गेंदबाज़ी करते हुए दो विकेट चटकाए .
ये वही खिलाड़ी है जिसने जब डेब्यू किया तो लगा कि एक ऐसा गेंदबाज़ मिल गया जो शमी की जगह की भरपाई करेगा और जब जब मौक़ा मिला तब तब आकाश ने इसे साबित भी किया . पर आज हर किसी के ज़ेहन में सवाल है कि ऑस्ट्रेलिया आते ही आकाशदीप पीछे कैसे चले गए. मजे की बात देखिए टीम मैनेजमेंट सिराज के सेलेक्शन को सहीं साबित करने के लिए उनको बल्लेबाजी क्रम में भी उपर उतारती है पर वहां भी आकाशदीप बाजी मार ले जाते है.
सिराज, राणा से बेहतर है आकाशदीप !
सटीक लाइन लेंथ के सांत लंबे स्पेल डालने की बात हो , या गेंद के सीम, स्विंग कराने की बात हो , मौजूदा फॉर्म को देखते हुए आकाशदीप सिराज से बेहतर नज़र आएँगें .सिराज ने पिछले चार टेस्ट में 6 विकेट लिए हैं और रन बनाने का तो सवाल ही नहीं उठता . तो आकाशदीप ने 5 टेस्ट में 10 विकेट लिए . और बल्लेबाजी में वो कैसे योगदान दे सकते हैं ये हमनें गाबा के मैदान पर देख लिया . पर मुद्दा ये है कि जो हम सब देख पा रहे हैं वो टीम के साथ जुड़े लोग क्यों नहीं देख पा रहे . एक ऐसे खिलाड़ी जो भरोसा देने पर मैच विनर साबित हो सकता है हम उसका ही भरोसा तोड़ रहे हैं . मुद्दा ये नहीं कि टीम मैनेजमेंट सिराज के खिलाए या हर्षित राणा को, मुद्दा ये है कि प्लेइंग इलेवन में वो ही होना चाहिए जो फार्म में हो और टीम के लिए योगदान दे. सिर्फ़ मुँह से क्रिकेट खेलने वालें की टीम में जगह नहीं होनी चाहिए . और ना ही उन खिलाड़ियों के साथ भेदभाव होना चाहिए जो छोटे शहरों से आते हैं और उनका टीम में कोई गॉडफ़ादर नहीं होता.
Tags: Akash Deep, Border Gavaskar Trophy, Gautam gambhir, India vs Australia, Mohammad Siraj, Rohit sharma
FIRST PUBLISHED : December 18, 2024, 11:11 IST
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