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नई दिल्ली. कपूर परिवार सिनेमा की दुनिया का वो नाम, जिन्होंने इंडस्ट्री को नायाब हीरे दिए. पृथ्वीराज कपूर, राज कपूर, शम्मी कपूर, शशि कपूर, रणधीर कपूर, ऋषि कपूर से लेकर रणबीर कपूर तक ये वो नाम हैं, जो चार पीढ़ियों से दर्शकों को पर्दें पर अपने एक्टिंग के हुनर से लुभा रहे हैं. राज कपूर को बॉलीवुड का शोमैन कह जाता है. उन्होंने पर्दे के आगे ही नहीं पर्दे के पीछे खड़े होकर भी इंडस्ट्री को एक से बढ़कर एक सितारें दिए. ऋषि कपूर को भी उन्होंने ही स्टार बनाया. क्या आप जानते हैं कि एक नई नवेली एक्ट्रेस ने उन्हें थप्पड़ रसीदे थे, जिसकी गूंज को भूल नहीं पाए और फिर उन्होंने खुद बदला लिया.
ऋषि कपूर ने बॉलीवुड में 40 सालों तक काम किया. इन 40 सालों में उन्होंने एक से बढ़कर एक फिल्में दी, जिन्होंने पर्दे पर काफी धमाल भी मचाया. ‘श्री 420’ में बाल कलाकार के रूप में एंट्री मारने वाले चिंटू जी में साल 1970 फिल्म ‘मेरा नाम जोकर’ में अपने पापा के बचपन का किरदार निभाया और राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार हासिल किया. 1973 में ‘बॉबी’ से बतौर हीरो फिल्मों में उन्होंने एंट्री मारी.
पापा ने मरवाए थे एक्ट्रेस से थप्पड़
ये किस्सा 1982 का है और उस थप्पड़ की वजह बने थे राज कपूर. दरअसल, 80 के दशक में राज कपूर ‘प्रेम रोग’ बना रहे थे जो हिट होने के साथ-साथ आज सिनेमा की कल्ट मूवीज में भी गिनी जाती है. इस फिल्म में ऋषि कपूर लीड रोल में थे और उनके अपोजिट पद्ममिनी कोल्हापुरे थीं. फिल्म में एक सीन था, जहां पद्मिनी को ऋषि को थप्पड़ मारना था. राज साहब ने एक्ट्रेस से असल में अपने बेटे को जोरदार थप्पड़ मरवाया था, ताकि सीन असली लगे. इस बारे में खुद एक्ट्रेस ने खुलासा किया था.
राज अंकल चाहते थे शॉट रियल लगे
हिंदुस्तान टाइम्स को दिए एक इंटरव्यू में पद्ममिनी कोल्हापुरे ने ये किस्सा शेयर किया था. उन्होंने बताया था, ‘थप्पड़ मारने वाला सीन, वाह, मुझे पता है. मुझे चिंटू को थप्पड़ मारना था और जाहिर है, जो आम तौर पर एक एक्शन में होता है ना और वे थप्पड़ को एक्शन के साथ सिंक्रोनाइज करते हैं लेकिन राज अंकल ऐसा नहीं चाहते थे, वह चाहते थे कि मैं उन्हें थप्पड़ मारूं और उन्होंने कहा ‘नहीं नहीं तुम थप्पड़ मारो, मुझे वह शॉट एकदम रियल चाहिए.’

इस फिल्म को कई फिल्मफेयर अवॉर्ड्स मिले.
7-8 बार जड़े थप्पड़
‘मैं थप्पड़ मार रही थी, लेकिन शॉट परफेक्ट नहीं आ रहा था. ऋषि भी चाहते थे कि शॉट रियल गए. उन्होंने मेरे से कहा, ‘तुम आगे बढ़ो और मुझे थप्पड़ मारो.’ कई टेक्स ले पड़े’. पद्ममिनी कोल्हापुरे ने आगे कहा, पहले टेक में, मेरा हाथ बस उस स्विंग के साथ शुरू होता और गाल के पास धीमा हो जाता. कुछ न कुछ गलत होता रहा, कभी कैमरा समस्या, कभी लाइट समस्या, कभी तकनीकी समस्या और मुझे उसे 7-8 बार थप्पड़ मारना पड़ा.
ऋषि कपूर ने जब लिया बदला
एक्ट्रेस ने यह भी शेयर किया कि ऋषि ने उनसे कहा था कि एक दिन वह इसका बदला लेंगे. दिलचस्प बात यह है कि जब दोनों स्टार्स ‘राही बदल गए’ की शूटिंग कर रहे थे और एक्टर को उन्हें थप्पड़ मारना था तो अपना बदला लेने के बजाय ऋषि कपूर ने सिर्फ एक टेक में शॉट पूरा कर लिया.
पद्मिनी कोल्हापुरे और ऋषि कपूर की फिल्में
‘प्रेम रोग’ और ‘राही बदल गए’ के अलावा, पद्मिनी कोल्हापुरे और ऋषि कपूर ने ‘ये इश्क नहीं आसां’, ‘जमाने को दिखाना है’, ‘प्यार के काबिल’ और ‘हवालात’ में साथ काम किया है।
1980 की दूसरी सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म
पद्मिनी कोल्हापुरे और ऋषि कपूर की फिल्म ‘प्रेम रोग’ 1980 के दशक की उन कुछ फिल्मों में से थी जिसने विधवा पुनर्विवाह जैसे विषय को खुले तौर पर उठाया. फिल्म उस साल की दूसरी सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म बनी. इस फिल्म को राज कपूर ने डायरेक्ट किया था.
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