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इंसानों का दुश्मन नहीं, पर्यावरण का रक्षक है बाघ! PTR की वायरल फोटो देख आप भी कहेंगे वाह Tiger

पीलीभीत : पीलीभीत, लखीमपुर समेत उत्तर प्रदेश में लगातार बढ़ते इंसानों और जंगली जानवरों के संघर्ष के बीच भले ही इंसान बाघों को अपना दुश्मन समझ बैठा हैं लेकिन बाघ जंगल और इंसानी जीवन के सर्वाइवल के लिए कितने महत्वपूर्ण हैं यह बहुत ही कम लोग जानते हैं. हाल ही में पीलीभीत टाइगर रिजर्व का एक फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. जिसको लेकर लोग अब अलग अलग तरह की प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं. गौरतलब है की उत्तर प्रदेश का पीलीभीत इंसानों और जंगली जानवरों के संघर्ष के लिए हमेशा चर्चा में रहता है.

इस पर्यटन सत्र पीलीभीत टाइगर रिजर्व के खूबसूरत और भारी भरकम बाघों की जमकर साइटिंग हो रही है. यही कारण है कि पीटीआर सिर्फ पर्यटकों की नहीं बल्कि देश-दुनिया के नामचीन वाइल्डलाइफ फोटोग्राफरों की पहली पसंद बना हुआ है. वहीं इस बात को भी नहीं नकारा जा सकता कि पीलीभीत टाइगर रिजर्व के खूबसूरत जंगल व वन्यजीवों को दुनिया के सामने लाने में वाइल्डलाइफ फोटोग्राफर्स ने अहम भूमिका निभाई है.

प्रकृति का सर्वोच्च रक्षक है बाघ
मशहूर वाइल्डलाइफ फोटोग्राफर अर्पित कुब्बा पिछले कुछ समय से पीलीभीत टाइगर रिजर्व की सैर पर हैं. उन्होंने इस दौरान के कई फोटो सोशल मीडिया पर शेयर किए हैं. हाल ही में उन्होंने एक ऐसा फोटो साझा किया है जिसमें एक बाघ पेड़ को कस कर जकड़ा हुए नजर आ रहा है. जिस पर लोग बाघ को प्रकृति का सर्वोच्च रक्षक बताते हुए प्रतिक्रिया दे रहे हैं.

जंगल में इंसानी दखल बढ़ा संघर्ष
बाघों की प्रकृति के संरक्षण में भूमिका पर अधिक जानकारी देते हुए स्वतंत्र शोधकर्ता और वन्यजीव विशेषज्ञ प्रांजलि भुजबल ने लोकल 18 को बताया कि बाघ जंगल के सबसे अहम वन्यजीवों में से एक है.  बाघ की मौजूदगी के चलते जल, जंगल व जमीन समेत हजारों प्रजातियों के वन्यजीवों की सुरक्षा होती है. महज बाघ के डर मात्र से अपराधिक प्रवृत्ति के लोग जंगल में घुसपैठ से कतराते हैं. हां इस बात को नहीं नकारा जा सकता है कि बीते कुछ दशकों में इंसानों और बाघों के बीच संघर्ष बढ़ा है. लेकिन कहीं न कहीं इसके पीछे का कारण भी इंसानी गलतियां ही हैं. इंसानों को चाहिए कि सब अपने अपने स्तर से संरक्षण की दिशा में कार्य करें.

FIRST PUBLISHED : December 24, 2024, 16:22 IST

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