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Meerut: मेरठ को विश्व में स्पोर्ट्स सिटी के नाम से जाना जाता है. यहां की खेल सामग्री की डिमांड 70 से अधिक देशों में है. धोनी, कोहली, तेंदुलकर जैसे खिलाड़ियों ने मेरठ के बल्ले से कमाल किया है. ऐसे में 20 जून 202…और पढ़ें

बेट्स देखते भारतीय खिलाड़ी
मेरठः क्रांति धरा मेरठ को स्पोर्ट्स सिटी के तौर पर विश्व में पहचाना जाता है. मेरठ में तैयार होने वाली विभिन्न प्रकार की स्पोर्ट्स सामग्री की डिमांड देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी देखने को मिलती है. वहीं, अगर हम क्रिकेट बैट की बात करें तो भारतीय खिलाड़ियों के साथ-साथ विदेशी खिलाड़ियों की भी पसंद मेरठ के बने बल्ले ही रहते हैं. ऐसे में 20 जून 2025 में इंग्लैंड में टेस्ट सीरीज का आगाज होने वाला है. उसको लेकर भी मेरठ के बल्ले की डिमांड देखने को मिल रही है.
लोकल -18 की टीम द्वारा मेरठ सूरजकुंड स्पोर्ट्स गुड्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अनुज कुमार सिंघल से खास बातचीत की गई. अनुज कुमार सिंघल के अनुसार क्रिकेट की क्षेत्र की अगर बात की जाए तो भारतीय खिलाड़ियों की पहली पसंद मेरठ का बना बल्ला ही रहता है. जिससे वह आपको राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय स्तर के क्रिकेट टूर्नामेंट खेलते हुए नजर आएंगे. इसी के साथ उन्होंने बताया कि विदेशी खिलाड़ियों की बात करें तो 85% तक खिलाड़ी मेरठ के बने बल्ले से ही खेलते हुए नजर आते हैं.
उन्होंने बताया कि इंग्लैंड टेस्ट सीरीज को देखते हुए भी खिलाड़ियों द्वारा कस्टमाइज बल्ला तैयार कराना शुरू कर दिया है. जो कि मेरठ की प्रतिष्ठित एसजी और एसएस के बल्ले को खिलाड़ी पसंद करते हैं. उन्होंने बताया कि आईपीएल के दौरान भी मेरठ के बल्ले की धमक देखने को मिल रही है. ऐसे में इंग्लैंड सीरीज में भी आपको इसी तरह का नजारा देखने को मिलेगा. जब राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी मेरठ के बल्ले बनने से खेलेंगे.
क्वालिटी की बदौलत बनाई पहचान
अनुज कुमार सिंघल बताते हैं यूं तो आपको विश्वभर में बल्ले बनते हुए दिखाई देंगे. लेकिन मेरठ के बल्ले अपनी क्वालिटी को लेकर अपनी एक अलग पहचान रखते हैं. उन्होंने बताया कि यहां पर बेहतर स्टॉक और क्वालिटी पर फोकस किया जाता है. जहां आधुनिक टेक्नोलॉजी आधारित मशीनों का उपयोग किया जाता है. वहीं बेट्स को अंतिम फिनिशिंग कारीगर हाथ करते हुए दिखाई देंगे.
बैट बनाने का कारोबार शुरू किया
खिलाड़ियों के अगर बात करें तो सुरेश रैना, रिंकू सिंह, केएल राहुल, महेंद्र सिंह धोनी, सौरभ गांगुली, सचिन तेंदुलकर, ऋषभ पंत, भुवनेश्वर कुमार, सहित अन्य खिलाड़ी अपने हिसाब से भी बैट यहां पर तैयार पहले कराएं है. दरअसल वर्ष 1947 में बंटवारे के दौरान मेरठ आए रिफ्यूजी द्वारा मेरठ में बैट बनाने का कारोबार शुरू किया था. जब 8 से 10 व्यापारी ही इस कारोबार से जुड़े थे. आज सैकड़ो की संख्या में व्यापारी इस कारोबार से जुड़े हुए हैं. वहीं हजारों की संख्या में लोगों के जीवन का यह है कि जरिया बन चुका है.

काशी के बगल चंदौली से ताल्लुक रखता हूं. मुझे बिजेनस, सेहत, स्पोर्टस, राजनीति, लाइफस्टाइल और ट्रैवल से जुड़ी खबरें पढ़ना पसंद है. मैंने मीडिया में करियर की शुरुआत ईटीवी भारत से की थी. डिजिटल में पांच साल से ज्या…और पढ़ें
काशी के बगल चंदौली से ताल्लुक रखता हूं. मुझे बिजेनस, सेहत, स्पोर्टस, राजनीति, लाइफस्टाइल और ट्रैवल से जुड़ी खबरें पढ़ना पसंद है. मैंने मीडिया में करियर की शुरुआत ईटीवी भारत से की थी. डिजिटल में पांच साल से ज्या… और पढ़ें
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