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Kanpur News: लाल इमली मिल के श्रमिकों को 87.40 करोड़ रुपये की मंजूरी मिली, जिससे 36 महीने का वेतन, सात साल का बोनस और लीव इनकैशमेंट का भुगतान होगा. सांसद रमेश अवस्थी के प्रयासों से यह संभव हुआ.

3 सालों तक तानी मुठ्ठियां, अब हो गई बल्ले-बल्ले! कानपुर के लाल इमली मिल को मिला बड़ा तोहफा

सांसद

अखंड प्रताप सिंह, कानपुर: कभी कानपुर की लाल इमली की पहचान पूरी दुनिया में होती थी. यहां पर बनने वाले ऊनी कंबल और वूलन पूरी दुनिया में सबसे अधिक प्रसिद्ध थे, लेकिन कई सालों से यहां पर उत्पादन पूरी तरीके से बंद हो चुका है. वहीं यहां के कर्मचारी लगभग 38 महीने से वेतन न पाने की वजह से लगातार संघर्ष कर रहे थे, लेकिन अब उन सभी श्रमिकों के लिए एक बेहद अच्छी खबर सामने आई है. लाल इमली मिल के सैकड़ों श्रमिकों के लिए एक बड़ी राहत की खबर सामने आई है. केंद्र सरकार ने मिल के कर्मचारियों के 36 महीने के बकाया वेतन, सात साल के बोनस और 2012 से लंबित लीव इनकैशमेंट के लिए कुल 87 करोड़ 40 लाख रुपये की मंजूरी दे दी है. यह फैसला उन श्रमिकों के लिए बड़ी राहत लेकर आया है, जो पिछले कई सालों से अपने अधिकारों के लिए संघर्ष कर रहे थे.

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इस फैसले के पीछे कानपुर के सांसद रमेश अवस्थी की मेहनत और लगातार की गई कोशिशों का बड़ा हाथ रहा. अगस्त 2024 में जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लाल इमली मिल के पुनर्जनन की बात कही थी, तभी से रमेश अवस्थी इस दिशा में लगातार सक्रिय रहे. उन्होंने केंद्रीय कपड़ा मंत्री गिरिराज सिंह से मुलाकात की और लाल इमली मिल के श्रमिकों की समस्याओं को खुलकर उनके सामने रखा. इसके साथ ही उन्होंने संसद में भी बार-बार इस मुद्दे को उठाया और पत्रों के जरिए सरकार से त्वरित कार्रवाई की मांग की.

श्रमिकों ने सांसद रमेश अवस्थी के इस प्रयास की सराहना की है. उनका कहना है कि सांसद ने उनकी आवाज को सही मंच तक पहुंचाया और वर्षों से लटके हुए भुगतान को मंजूरी दिलवाई. अब यह राशि जल्द ही श्रमिकों के खातों में जमा कर दी जाएगी.

लाल इमली कर्मचारी संघ के अध्यक्ष अजय सिंह ने बताया कि लाल इमली और धारीवाल मिल के सभी सेवारत और सेवानिवृत्त कर्मचारियों को छह महीने का बकाया वेतन दिया गया है. इसके बाद बाकी बकाया का भुगतान ऑडिट रिपोर्ट आने के बाद किया जाएगा, जो 27-28 मई तक आने की उम्मीद है.
अजय सिंह ने कहा कि हम 38 महीनों से लगातार आंदोलन कर रहे थे, लेकिन असली राहत तब मिली जब सांसद रमेश अवस्थी ने इस मुद्दे को संसद में मजबूती से उठाया. हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय कपड़ा मंत्री गिरिराज सिंह के भी शुक्रगुजार हैं, जिनके सहयोग से यह फैसला आया.

सांसद रमेश अवस्थी ने कहा कि लाल इमली मिल कानपुर की पहचान है. इस मिल के श्रमिकों का बकाया चुकाना और इसका पुनर्जनन कराना हमारी जिम्मेदारी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कपड़ा मंत्री गिरिराज सिंह के सहयोग से ही यह संभव हो पाया है.

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3 साल से आंदोलन, अब जाकर मिली राहत, कानपुर के लाल इमली मिल को मिला बड़ा तोहफा

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