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नई दिल्ली. ऑलराउंडर कॉर्बिन बॉश इनदिनों सुर्खियों में हैं. साउथ अफ्रीका की क्रिकेट टीम इस समय सेंचुरियन में पाकिस्तान के खिलाफ सीरीज का पहला टेस्ट मैच खेल रही है. कॉर्बिन ने इस मैच के जरिए अपने टेस्ट करियर का आगाज किया. उन्होंने बॉक्सिंग डे टेस्ट मैच में दो बड़े रिकॉर्ड बनाकर इसे यादगार बना दिया. बतौर बॉलिंग ऑलराउंडर बॉश ने पहले अपनी तेज गेंदबाजी से कहर बरपाया और फिर 9वें नंबर पर उतरकर बल्लेबाजी में धमाका किया. डेब्यू टेस्ट की पहली ही गेंद पर विकेट लेने वाले बॉश ने बल्ले से ताबड़तोड़ अर्धशतक ठोककर इतिहास रच दिया. वह ऐसा करने वाले पहले साउथ अफ्रीकी क्रिकेटर बन गए. उनके ऑलराउंड प्रदर्शन से साउथ अफ्रीका ने सीरीज के पहले टेस्ट मैच पर अपना शिकंजा कस लिया है. कार्बिन का सफर संघर्ष से भरा रहा है. 5 साल की उम्र में उनके पिता का देहांत हो गया था. कठिनाइयों को झेलकर कॉर्बिन ने यहां तक का सफर तय किया. उनके पिता भी साउथ अफ्रीका के लिए क्रिकेट खेल चुके हैं.
30 वर्षीय कॉर्बिन बॉश (Corbin Bosch) ने पाकिस्तान के खिलाफ बॉक्सिंग डे टेस्ट मैच की पहली पारी में 4 विकेट चटकाए. इसके बाद उन्होंने 93 गेंदों पर नाबाद 81 रन की पारी खेली जिसमें 15 चौके शामिल थे. डेब्यू टेस्ट में 4 विकेट और अर्धशतक जड़ने वाले वह साउथ अफ्रीका के 135 साल के टेस्ट इतिहास में पहले क्रिकेटर बन गए हैं. बॉश की शानदार पारी के दम पर साउथ अफ्रीका ने पाकिस्तान के खिलाफ पहली पारी में 301 रन बनाए.इसके साथ मेजबान साउथ अफ्रीका को पहली पारी में 91 रन की बढ़त मिली. पांच साल की उम्र में पिता का साया सिर से उठने के बाद कॉर्बिन को काफी मुश्किलें झेलनी पड़ीं. साल 2000 में कॉर्बिन के पिता टेरटियस बॉश का देहांत हो गया. उन्होंने साउथ अफ्रीका की ओर से एक टेस्ट और दो वनडे खेले.
पिता ने ब्रायन लारा को बनाया था पहला शिकार
साल 1992 में साउथ अफ्रीका की क्रिकेट में वापसी के बाद कॉर्बिन के पिता टेरटियस बॉश ने वेस्टइंडीज के खिलाफ इंटरनेशनल डेब्यू किया. उनके पहले शिकार विंडीज के दिग्गज क्रिकेटर ब्रायन लारा थे. फरवरी 2000 में बॉश का 33 साल की उम्र में अचानक निधन हो गया. उस वक्त कॉर्बिन की उम्र सिर्फ 5 साल थी. टेरटियस बॉश का टेस्ट करियर 26 साल की उम्र में खत्म हो गया. उन्हें एलन डोनाल्ड की तरह बेहतरीन तेज गेंदबाज माना जा रहा था. लेकिन 33 साल की उम्र में वह दुनिया को छोड़ गए.
जांच में जहर की हुई पुष्टि
टेरटियस बॉश की जब मौत हुई तब कहा गया कि गिलेन बार सिंड्रोम से वह जूझ रहे थे जिसकी वजह से उनकी मौत हुई है. लेकिन उनकी बहन ने इसे संदिग्ध बताते हुए जांच की मांग की थी. 18 महीने बाद टेरटियस के शव को कब्र से निकाला गया और जांच में जहर के संकेत मिल थे.लेकिन तब इसकी पुष्टि नहीं हो पाई थी. इसके बाद दूसरी बार फिर शव को निकाला गया, तब शरीर के कुछ ही अंश मिले थे और उस समय जांच में जहर के सबूत भी सामने आए. हालांकि ये अभी तरह रहस्य बना हुआ है कि किसने उन्हें जहर दी थी. छोटी उम्र में इतना बड़ा दर्द सहने वाले कॉबिर्न अब अपने पिता के नक्से कदम पर चल पड़े हैं. वह पिता की ही तरह दाएं हाथ से तेज गेंदबाजी करते हैं.14 फरवरी को उनके पिता की 14वीं डेथ एनिवर्सिरी थी. वह पहली बार अंडर 19 वर्ल्ड कप में वेस्टइंडीज के खिलाफ मैच में दुनिया के सामने आए.
FIRST PUBLISHED : December 28, 2024, 06:47 IST
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