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प्रीति कुमारी: क्रिकेट के मैदान से राष्ट्रीय पहचान तक का सफर, बिहार की लड़की ने कैसे मारा मैदान

चंदौली: खेल किसी भी व्यक्ति के जीवन का अभिन्न हिस्सा बन सकता है. यह न केवल शारीरिक और मानसिक मजबूती देता है, बल्कि सफलता और पहचान दिलाने का भी जरिया है. बिहार के बक्सर जिले की प्रीति कुमारी ने इस बात को साबित कर दिखाया है. प्रीति ने क्रिकेट के क्षेत्र में अपनी पहचान बनाते हुए अपने सपनों को पंख दिए हैं. उनका लक्ष्य राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जीत हासिल कर देश का नाम रोशन करना है.

खेल के सफर में पहला कदम रखने वाली प्रीति कुमारी फिलहाल उत्तर प्रदेश के मुगलसराय खेल स्टेडियम में हर रोज अभ्यास करने जाती है. जहां उन्होंने लोकल 18 की टीम से मुलाकात के दौरान बताया कि वह बचपन में ही अपने घर के नजदीक बने खेल मैदान में बड़े भाई और अन्य युवाओं को देखकर खेल की भावना जागृत हुई. वर्ष 2017 में जब वह 10वीं कक्षा में पढ़ रही थी, तभी इसने अपने आस पड़ोस के रहने वाले अन्य युवतियों को इकट्ठा कर छोटी सी टीम के साथ खेलना शुरू किया था. उसे नहीं पता था कि इस छोटे से खेल मैदान में अभ्यास कर वह आगे तक का भी सफर कर सकती है.

बतौर बॉलर के लिए हुआ चयन
खेल में रुचि होने के साथ इसे आगे बढ़ना था. तभी इसे एक मौका मिला जब पटना के ऊर्जा स्टेडियम में बिहार महिला टीम के लिए ट्रायल होना था. वहां बतौर बॉलर के लिए इसका चयन कर लिया गया और बिहार रणजी ट्रॉफी में खेल कर इसने अपनी पहचान बनायी. वर्ष 2018 से 2019 में सीनियर वूमेंस क्रिकेट के लिए खेल कर बिहार को एक पहचान दिलाने का काम किया है. इन्होंने अपने कोच के बारे में बताया कि शुरुआती दौर में उनके प्रशिक्षक मनोज जी एवं वर्तमान में योगेश राणा इनके कोच हैं. जिनके सानिध्य में रहकर अभ्यास करने का मौका प्राप्त हुआ है.

कड़ी मेहनत एवं लक्ष्य को पाने के लिए करना होगा मेहनत
इन्होंने बताया कि कोई भी खेल हो उस खेल में लड़कियों को भाग लेना काफी मुश्किल है. सामाजिक परिस्थितियों और कई अन्य कारक होते हैं. जिसके चलते लोगों को कई तरह की बातें सुनने को मिलती है. मेरे साथ भी कई लड़कियों ने खेल मैदान तक सफर किया. लेकिन सामाजिक कुरीतियों की वजह से वह पीछे की ओर हट गयी. मेरे साथ ऐसा नहीं हुआ. खेल मैदान में डटे रहने का परिणाम हुआ की आज आगे बढ़ रहे हैं. जिसमें मेरे घरवालों का पूरी तरह से सपोर्ट है. इन्होंने अन्य लड़कियों के लिए संदेश दिया कि कुछ पल के लिए मुश्किल है. लेकिन नामुमकिन नहीं आप किसी भी क्षेत्र में आगे बढ़ सकती हैं.

FIRST PUBLISHED : December 30, 2024, 15:22 IST

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