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UP News: अलीगढ़ में पिता के हत्यारों को जेल की सलाखों में भेजने के लिए 11 साल की बेटी ने साहस दिखाया. उसने कोर्ट में गवाही दी और बताया कि किस तरह हत्या के बाद शव को दो दिन तक घर में छिपाकर रखा गया. आइए जानते है…और पढ़ें

11 साल की बच्ची की गवाही ने बाप के कातिलों को दिलाई सजा, भरी अदालत में पहचाना, वो कोई और नहीं मां…, सुनें ये दर्दनाक कहानीकोर्ट. (फाइल फोटो)

हाइलाइट्स

  • पारिवारिक विवाद के बाद की गई थी हत्या.
  • दो दिन तक घर में छुपाकर रखा गया था शव.
  • पांचों दोषियों को उम्रकैद की सजा हुई.
अलीगढ़: कहते हैं अपराधी कितने भी शातिर क्यों न हो, फिर भी कुछ न कुछ सबूत छोड़ जाते हैं. ऐसा ही कुछ अलीगढ़ के क्वारसी इलाके में हुआ. यहां एक पति-पत्नी की लड़ाई इतनी बढ़ गई कि महिला ने अपने घरवालों के साथ मिलकर अपने पति की हत्या कर दी. इसके बाद शव को पहले छुपा गया. फिर बदबू आई तो पानी की टंकी में फेंक दिया गया. यह सब अपराध 11 साल की बच्ची देख रही थी. वो अपने पिता को बचाना चाहती थी, लेकिन मां की धमकी से सहम गई थी. मगर, अब तीन साल बाद शख्स को न्याय मिल गया है. उसकी बच्ची की गवाही की वजह से सभी दोषियों को कड़ी सजा मिली है. अदालत ने सभी पांचों दोषियों- मां, नानी, मौसी और दो मामाओं को उम्रकैद की सजा सुनाई है और प्रत्येक पर 45,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है.

घटना 12 मई 2022 की है. बेगपुर की गली नंबर तीन के रहने वाले फरीद ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी. उन्होंने कहा था कि उनके बड़े भाई शफीक ने घटना से 12 साल पहले परिवार के विरोध के बावजूद मोहल्ले की जूली से प्रेम विवाह किया था. शादी के बाद वह उसी के घर में रहने लगे. उनके एक बेटी और एक बेटा भी हुआ. घटना वाली शाम शफीक गायब हो गए और 14 मई की सुबह उनका शव बन्नादेवी के भमौला बाईपास इलाके में पोखर के पास कंबल में लिपटा मिला. उन्होंने शफीक की पत्नी जूली, दो साले नन्नू उर्फ इरशाद, शाहरुख, साली शमा व सास मुन्नी के खिलाफ हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराई थी. पुलिस ने आरोपियों को जेल भेजकर चार्जशीट दायर की.

मां ने मारा ईंट से, बाकी ने दबाकर गला घोंटा
पुलिस ने जब पूछताछ की तो कक्षा 3 की छात्रा ने बताया कि 12 मई 2022 को मम्मी और पापा में लड़ाई हो गई थी. पापा शराब के नशे में आए थे. लड़ाई इतनी बढ़ गई कि मां ने गुस्से में पिता के सिर पर ईंट मार दी. वहीं, मामा नन्नू और शाहरूख, मौसी शमा और नानी मुन्नी ने पापा को जमीन पर गिरा दिया और उनका गला घोंट दिया. बच्ची ने कहा, ‘उन्होंने बाद में कोई तरल चीज उन पर डाली और कहा कि अब ये नहीं चिल्ला रहा शायद मर गया. शव को दो दिन तक घर में छुपाकर रखा. मुझे भी धमकाकर चुप रहने को कहा.’

शव को रजाई में लपेटकर…
दो दिन बाद, 14 मई की तड़के नानी व मासी शव को एक रजाई में लपेटा और टिर्री में लादकर ले गईं. वहां इलाके की एक पानी की टंकी के पास फेंक दिया. पुलिस ने बच्ची के बयान और घटनाक्रम के आधार पर आईपीसी की धारा 302 (हत्या), 120-बी (षड्यंत्र), 201 (सबूत मिटाना), और 506 (धमकी) के तहत मामला दर्ज किया. सभी पांचों आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया.

‘बेटी की बहादुरी ने दिलाया न्याय’
सरकारी अधिवक्ता स्वर्णलता ने बताया कि अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश नवल किशोर ने शनिवार को फैसला सुनाया और इसे “निर्दयी और पूर्व नियोजित हत्या” करार दिया. उन्होंने यह भी कहा कि बच्ची की साहसी गवाही के बिना इस केस में न्याय संभव नहीं हो पाता.

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11 साल की बच्ची की गवाही ने बाप के कातिलों को दिलाई सजा, भरी अदालत में पहचाना

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