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City Wall of Hyderabad: हैदराबाद की ऐतिहासिक पहचान रही ‘वॉल ऑफ सिटी’ कभी शहर की सुरक्षा के लिए बनी 9.7 किमी लंबी दीवार थी, जो अब इतिहास बन चुकी है. कुतुब शाही वंश द्वारा बनाई गई यह दीवार 1908 की बाढ़ और समय के…और पढ़ें

हाइलाइट्स

  • हैदराबाद की वॉल ऑफ सिटी अब इतिहास बन चुकी है.
  • दीवार का अधिकांश भाग 1908 की बाढ़ में नष्ट हो गया.
  • आज सिर्फ एक दरवाजा और कुछ अवशेष ही बचे हैं.
हैदराबादः हैदराबाद अपने इतिहास के लिए जाना जाता है कुछ ऐसे इतिहासिक इमारत हैं जो इस शहर की पहचान हुआ करती थी उनमें से एक है वॉल ऑफ सिटी. हालांकि इसका काफी विस्तार हुआ है. यह दीवार हैदराबाद के वर्तमान पुराने शहर के क्षेत्र को घेरती थी. दीवार लगभग 9.7 किमी लंबी थी और 4 मील के क्षेत्र को कवर करती थी. यह बड़े ग्रेनाइट ब्लॉकों से बना है जो शहर भर में प्रचुर मात्रा में उपलब्ध थे.

इतिहास के जानकार मुस्तफा खान बताते हैं कि, दीवार का निर्माण कुतुब शाही वंश के अंतिम सुल्तान अबुल हसन कुतुब शाह ने शुरू कराया था. निर्माण दक्कन के मुगल गवर्नर मुबारिज खान के अधीन जारी रहा. इसका निर्माण हैदराबाद राज्य के पहले निजाम द्वारा पूरा किया गया था. उन्होने कहा कि किताबो में जो लिखा उसके अनुसार दीवार विभिन्न भागों में लगभग 18 फीट ऊंची और 8 फीट चौड़ी थी. जहां खतरे हो सकते थे, वहां तोपें लगाने के लिए जगह थी.

दीवार नष्ट, बचे है सिर्फ दो दरवाजे 
दीवार के बारे पूछने पर उन्होंने आगे कहा की, दीवार का अधिकांश भाग 1908 की महान मुसी बाढ़ के दौरान नष्ट हो गया था और बाद में 1950 और 1960 के दशक में स्वतंत्रता के बाद सरकार द्वारा ध्वस्त कर दिया गया था, और जो बचे हुए थे उसे अतिक्रमण और उपेक्षा के कारण लगभग पूरी दीवार नष्ट हो गई है, अब सिर्फ एक दरवाजा दिखेगा जो इस दीवार की निशानी है कहीं कहीं टूटी दीवार का कुछ हिस्सा आपको दिख जायेगा.

कैसे पहुंचे वॉल ऑफ सिटी 
ये हैदराबाद के पुराने शहर के मुसी नदी के किनारे बनाया गया था आज के समय इसका एक दरवाजा वहां मौजूद हैं, चारमीनार मेट्रो स्टेशन से करीब है, आप आज भी इनके कुछ अंश को देख सकते है.

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हैदराबाद के इस इतिहासिक दीवार को कहा जाता है ‘ वॉल ऑफ सिटी ’ 

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