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Side Effects Of Sleeping In Darkness: कई लोगों को रात में बिना अंधेरे के नींद नहीं आती है, जिस वजह से उन्हें अंधेरे में सोने की आदत रहती है. अंधेरे में सोने की आदत को अक्सर लोग बेहतर नींद के लिए जरूरी मानते हैं, लेकिन कई रिसर्च में इसके कई नुकसान को भी बताया गया है. आइए जानते हैं पूरे तरह से अंधेरे में सोने के क्या नुकसान हो सकते हैं…
अंधेरे में सोने और स्वास्थ्य पर इसके प्रभाव को लेकर कई वैज्ञानिकों ने शोध किया है. जापान में किए गए एक स्टडी में पाया गया कि पूरी तरह से अंधेरे में सोना कुछ लोगों में मेलाटोनिन के असंतुलन का कारण बन सकता है, जो मोटापा, डीप्रेशन और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं से जुड़ा है. इस स्टडी में सुझाव दिया गया कि कमरे में हल्की रोशनी रखना मानसिक स्वास्थ्य और वेट मैनेजमेंट में मददगार हो सकता है.
पूरी तरह अंधेरे में सोने से मेलाटोनिन हार्मोन का असंतुलन हो सकता है, जो बॉडी के बायोलॉजिकल साइकिल को प्रभावित करता है. यह मेटाबॉलिज्म को धीमा कर देता है और मोटापे का खतरा बढ़ा सकता है. साथ ही, इससे ऊर्जा के स्तर में कमी और तनाव बढ़ने जैसी समस्याएं हो सकती हैं. हल्की रोशनी में सोने से यह समस्या कम हो सकती है.
रोशनी का स्तर नींद की गुणवत्ता पर सीधा असर डालता है. अगर कमरे में पूरी तरह अंधेरा हो तो यह ब्रेन को आराम का संकेत देता है, लेकिन जरूरत से ज्यादा अंधेरा बॉडी के कई कामों को बाधित कर सकता है. शोधकर्ताओं के अनुसार, हल्की रोशनी में सोने से शरीर को रिलैक्स महसूस होता है और नींद में खलल कम होता है. इसके अलावा, हल्की रोशनी मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद हो सकती है.
सही नींद के लिए जरूरी है कि सोने का वातावरण संतुलित हो. कमरे में ब्लैकआउट पर्दे लगाने की बजाय, हल्की डिम लाइट का उपयोग करना बेहतर है. इससे न केवल नींद अच्छी होती है, बल्कि वजन और स्वास्थ्य से जुड़ी अन्य समस्याओं को भी टाला जा सकता है. नींद का माहौल बनाते समय बैलेंस बनाना सबसे जरूरी है.
Tags: Health, Health benefit
FIRST PUBLISHED : January 2, 2025, 13:06 IST
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