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Maha Kumbh 2025: धर्म और आस्था की नगरी प्रयागराज में इन दिनों महाकुंभ की तैयारियां जोरों पर हैं. 45 दिन तक चलने वाला यह मेला शुरू होने में अब से लगभग 1 माह बचा है. मेला प्रसाशन की ओर से भी सभी तैयारियां पूरी की जा चुकी हैं. संगम नगरी प्रयागराज में लगने वाले इस मेले में देश-विदेश से लोग स्नान करने के लिए पहुंचते हैं. मेले के दौरान इन सभी स्नान घाटों का नजारा देखते ही बनता है. इस अद्वितीय धार्मिक उत्सव के दौरान प्रयागराज के संगम समेत प्रमुख घाटों पर स्नान करना सुखद अनुभव भरा हो सकता है. इन्हीं में से एक है किला घाट. 2 दिन पहले देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी वहां पहुंचे थे. इस घाट पहुंचना बेहद आसान है. अब सवाल है कि आखिर किला घाट प्रसिद्ध क्यों है? कहां स्थित है किला घाट? कैसे पहुंचें किला घाट? किला घाट का क्या है ऐतिहासिक महत्व? आइए जानते हैं इस बारे में-
प्रधानमंत्री मोदी किला घाट का कर चुके दौरा?
देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 13 दिसंबर को प्रयागराज के महाकुंभ का दौरा किया था. वे सुबह 11:30 बजे प्रयागराज हवाई अड्डे से दोपहर 12:00 बजे किला घाट पहुंचे थे. फिर 12:05 बजे से 12:20 बजे तक प्रयागराज में स्थित अक्षयवट और भारत कूप मंदिरों का दौरा किया था. अगर आप भी कुंभ मेला 2025 के दौरान इस घाट को देखना चाहते हैं, तो इस जगह के बारे में जानकारी जरूर लें.
किला घाट कहां स्थित है?
क्या आप जानते हैं कि किला घाट प्रयागराज के प्रमुख स्नान घाटों में से एक है? जानकारी के लिए बता दें कि यह घाट अकबर किले के पास स्थित है. किला घाट की सबसे अच्छी बात यह है कि यह प्रयागराज के अन्य घाटों की तरह भीड़भाड़ वाला नहीं है. अगर आप शांतिपूर्ण जगह पर कुछ सुकून के पल बिताना चाहते हैं, तो इस घाट पर जरूर जाएं.
ऐतिहासिक महत्व का स्थान
अगर आप भी प्रयागराज घूमने का प्लान बना रहे हैं, तो इस घाट को अपनी यात्रा सूची में जरूर शामिल करें. किला घाट बहुत ही शांत और सुंदर है. इसके अलावा, प्रयागराज की बहती नदियों और खूबसूरत नजारों का आनंद भी ले सकते हैं. यकीन मानिए, यह जगह आपको बहुत पसंद आएगी. शानदार इलाहाबाद किले के पास स्थित यह घाट ऐतिहासिक महत्व भी रखता है. माना जाता है कि इस घाट का उपयोग मुगल सम्राटों द्वारा शाही समारोहों और धार्मिक अनुष्ठानों के लिए किया जाता था.
किला घाट कैसे पहुंचे?
प्रयागराज में किला घाट पहुंचने का सबसे सस्ता तरीका रेलमार्ग है. सबसे पहले आपको वाराणसी जंक्शन रेलवे स्टेशन पहुंचना होगा. हालांकि, आप शहर के किसी भी हिस्से से टैक्सी लेकर प्रयागराज में किला घाट पहुंच सकते हैं. अगर आप चाहें, तो ऑटो-रिक्शा या साइकिल-रिक्शा भी ले सकते हैं.
अक्षयवट मंदिर प्रयागराज
अक्षयवट मंदिर भारत के प्रयागराज में स्थित एक प्राचीन और प्रमुख हिंदू मंदिर है. इसका नाम इसके परिसर में स्थित अमर अक्षय वट वृक्ष से लिया गया है, जिसे भक्त भगवान विष्णु के अवतार के रूप में पूजते हैं. पुराणों के अनुसार प्रलय के समय जब समूची पृथ्वी डूब जाती है तो वट का एक वृक्ष बच जाता है, वही अक्षयवट है. इसे सनातनी परंपरा का संवाहक भी कहा जाता है. इसके एक पत्ते पर ईश्वर बाल रूप में रहकर सृष्टि को देखते हैं.
Tags: Dharma Aastha, Maha Kumbh Mela, Prayagraj, Tour and Travels
FIRST PUBLISHED : December 16, 2024, 08:25 IST
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