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Agra News: आगरा के ऊटंगन नदी में हुए दर्दनाक हादसे में 13 युवक डूब गए, जिनमें से 12 की मौत हो गई. जिलाधिकारी अरविंद मलप्पा बंगारी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बचाव अभियान की पूरी जानकारी साझा की. एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और पेराब्रिगेड की संयुक्त टीमों ने छह दिनों तक चले रेस्क्यू ऑपरेशन में हिस्सा लिया.

आगरा: उत्तर प्रदेश के आगरा जिले की ऊटंगन नदी में चल रहा रेस्क्यू ऑपरेशन अब पूरा हो चुका है. ऑपरेशन के दौरान 12 लोगों के शव निकाले जा चुके है. इस बात की जानकारी आगरा के जिलाधिकारी अरविंद मलप्पा बंगारी ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी. उन्होंने बताया कि ऊटंगन नदी में बीते गुरुवार मूर्ति विसर्जन के दौरान 13 लोग नदी में डूब गए थे. इनमें से 12 लोगों के शव अब बरामद कर लिए गए हैं.
इसमें गांव खुशियापुर के करीब 13 युवक शामिल थे. नदी के पास गड्ढा था, जिसमें चार लड़के गिर गए. उन्हें बचाने के लिए अन्य लड़के भी नदी में कूद गए. इस हादसे में कुल 13 लड़के डूबे थे. घटना की सूचना मिलने के करीब आधे घंटे के अंदर प्रशासन और पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंच गए थे. पहले दिन पांच लोगों को नदी से बाहर निकाला गया. विष्णु नाम के एक लड़के को रेस्क्यू के दौरान बचाया गया था.
हालांकि, बारिश के कारण पानी फिर से बढ़ गया, जिससे रेस्क्यू में दिक्कतें आईं. इस दौरान एयर कंप्रेशर मशीन की भी मदद ली गई. करीब 127 घंटे तक चले इस ऑपरेशन में सभी 13 लोगों को निकाला गया, जिनमें से 12 की मौत हो चुकी थी और एक को बचाया गया. इस ऑपरेशन में ग्रामीणों ने पूरा सहयोग किया और प्रशासनिक व पुलिस अधिकारी लगातार घटना स्थल पर कैंप कर रहे थे.
ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि अवैध खनन के कारण नदी में गड्ढा बन गया था, जिसमें शव फंसे थे। इस आरोप की जांच के लिए विशेष टीम बनाई जाएगी. मृतकों के परिवारों को 4-4 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी. नदी के आसपास बैरिकेडिंग कराई जाएगी ताकि भविष्य में ऐसे हादसे न हों.
राहुल गोयल सीनियर पत्रकार हैं, जिन्हें मीडिया 16 साल से ज्यादा का अनुभव है. साल 2011 में पत्रकारिता का सफर शुरू किया. नवभारत टाइम्स, वॉयस ऑफ लखनऊ, दैनिक भास्कर, पत्रिका जैसे संस्थानों में काम करने का अनुभव. सा…और पढ़ें
राहुल गोयल सीनियर पत्रकार हैं, जिन्हें मीडिया 16 साल से ज्यादा का अनुभव है. साल 2011 में पत्रकारिता का सफर शुरू किया. नवभारत टाइम्स, वॉयस ऑफ लखनऊ, दैनिक भास्कर, पत्रिका जैसे संस्थानों में काम करने का अनुभव. सा… और पढ़ें
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