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अहमदाबाद प्लेन क्रैश की जांच में ब्लैक बॉक्स अहम भूमिका निभा रहा है. यह नारंगी रंग का होता है और CVR व FDR का कॉम्बिनेशन है. यह हादसे की असली वजह जानने में मदद करता है.

ब्लैक बॉक्स प्लेन क्रैश के बाद हादसे की असली वजह जानने में मदद करता है.
हाइलाइट्स
- अहमदाबाद प्लेन क्रैश की जांच में ब्लैक बॉक्स अहम भूमिका निभा रहा है.
- ब्लैक बॉक्स CVR और FDR का कॉम्बिनेशन होता है.
- ब्लैक बॉक्स नारंगी रंग का होता है ताकि मलबे में आसानी से दिख सके.
अहमदाबाद में हुए प्लेन क्रैश की घटना ने हर किसी को झकझोंर कर रख दिया है. इस एक्सीडेंट को लेकर जांच जारी है. आखिर कैसे पता चलेगा कि जब विमान ने उड़ान भरी तो किस मनहूस चीज से महज 18 सेकंड में वह एक बिल्डिंग से टकरा गई? इस घटना के बाद क्यों प्लेन के ब्लैक बॉक्स की बात होने लगी? तो ये जान लीजिए किसी भी विमान दुर्घटना के बाद एक शब्द सबसे पहले सामने आता है, वो है ‘ब्लैक बॉक्स’. यह विमान का सबसे अहम हिस्सा होता है, जो किसी भी प्लेन क्रैश के बाद हादसे की असली वजह जानने में मदद करता है. हालांकि इसका नाम ‘ब्लैक बॉक्स’ है, लेकिन ये आमतौर पर चटक नारंगी रंग में होता है. इसका कारण है कि अगर विमान हादसे के बाद मलबे में यह बिखर जाए, तो आसानी से नजर आ सके.
क्यों ब्लैक नहीं होता ‘ब्लैक बॉक्स’?
हालांकि नाम ‘ब्लैक बॉक्स’ है, लेकिन यह नारंगी रंग का होता है. इसका उद्देश्य केवल एक है, क्रैश के बाद मलबे में आसानी से पहचान में आ सके. विमान दुर्घटनाएं अक्सर समुद्र, जंगल या दुर्गम इलाकों में होती हैं. ऐसे में काले रंग का बॉक्स मिलना मुश्किल हो सकता है. नारंगी रंग दूर से ही दिख जाता है, जिससे खोजी टीमें उसे जल्दी तलाश सकती हैं.
ब्लैक बॉक्स को क्यों ढूंढा जाता है?
कितनी मुश्किलें झेल सकता है ब्लैक बॉक्स?
ब्लैक बॉक्स को बेहद सख्त परिस्थितियों में भी बचने लायक बनाया जाता है. यह 3,400 Gs तक के दबाव को सह सकता है. 1,100°C तक की आग में भी इसकी मेमोरी सुरक्षित रहती है. यह 19,000 फीट की गहराई से भी हर सेकंड सिग्नल भेज सकता है और वो भी 30 दिन तक लगातार. इसमें लगा अंडरवॉटर लोकेशन बीकन पानी के अंदर होने पर भी उसकी लोकेशन बताता है. बता दें कि ब्लैक बॉक्स किसी भी विमान की याददाश्त की तरह होता है. यह हादसे की असली सच्चाई सामने लाने में मदद करता है और हजारों जिंदगियों को बचाने का रास्ता भी खोलता है.
विविधा सिंह न्यूज18 हिंदी (NEWS18) में पत्रकार हैं. इन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता में बैचलर और मास्टर्स की डिग्री हासिल की है. पत्रकारिता के क्षेत्र में ये 3 वर्षों से काम कर रही हैं. फिलहाल न्यूज18…और पढ़ें
विविधा सिंह न्यूज18 हिंदी (NEWS18) में पत्रकार हैं. इन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता में बैचलर और मास्टर्स की डिग्री हासिल की है. पत्रकारिता के क्षेत्र में ये 3 वर्षों से काम कर रही हैं. फिलहाल न्यूज18… और पढ़ें
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