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Airport News: बर्लिन में बैठे पैसेंजर को लगा कि उनकी सालों पुरानी कारगुजारियों को भारत में सभी भूल चुके होंगे. वह इसी गलतफहमी के साथ बर्लिन से दिल्ली के रवाना पहुंच गए. यहां तक सब ठीक रहा. एयरपोर्ट पर पासपोर्ट में भी सबकुछ सही पाया गया. लेकिन, इसी बीच, आईसीएस यानी इमिग्रेशन इंफार्मेशन सिस्टम ने एक ‘खेल’ कर दिया. साहब के इस खेल की वजह से उनका सालों पुराना भेद सबके सामने आ गया. जिसके बाद, उन्हें हिरासत में लेकर एयरपोर्ट पुलिस के हवाले कर दिया गया.
दरअसल, यह मामला दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट का है. तड़के करीब साढ़े पांच बजे टर्किश एयरलाइंस से आईजीआई एयरपोर्अ पहुंचे पैसेंजर्स का इमिग्रेशन चेक जारी थी. इसी दौरान, इसी फ्लाइट से आए एक शख्स डॉक्युमेंट स्क्रुटने के लिए इमिग्रेशन काउंटर पहुंचे. पासपोर्ट क्लीन था और उसने कोई ऐसी चीज नहीं थी, जिससे इमिग्रेशन ऑफिसर को कोई आपत्ति हो. इमिग्रेशन क्लीयरेंस पूरा होता, इससे पहले इमिग्रेशन इंफार्मेशन सिस्टम (ICS) से एक अलर्ट पॉपअप जनरेट हो गया.
अपने ही जवाब में फंसा पैसेंजर, हुआ गिरफ्तार
इस पॉपअप के जरिए आईसीएस ने इमिग्रेशन ऑफिसर को अलर्ट किया था कि क्लीयरेंस के लिए आए पासपोर्ट के डिपार्चर से जुड़ी कोई भी जानकारी उनके सिस्टम में दर्ज नहीं है. इस अलर्ट को देखने के बाद इमिग्रेशन अफसर ने इस बाबत पैसेंजर्स से कुछ सवाल पूछे, लेकिन वह किसी भी सवाल का संतोषजनक जवाब नहीं दे पाया. जिसके बाद, इस पैसेंजर को हिरासत में लेकर आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस के हवाले कर दिया गया है. वहीं, आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस ने इस पैसेंजर के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 319(2), 318 (4) और पासपोर्ट एक्ट की धारा 12 के तहत एफआईआर दर्ज कर अरेस्ट कर लिया है.
किसी दूसरे के पासपोर्ट पर गया था विदेश?
पुलिस सूत्रों के अनुसार, अरेस्ट किए गए पैसेंजर की पहचान अशोक कुमार के रूप में हुई है. वह मूल रूप से पंजाब के जालंधर का रहने वाला है. संभावना जताई जा रही है कि यह शख्स किसी दूसरे के पासपोर्ट पर गैरकानूनी तरीके से विदेश गया था. आरोपी के खिलाफ इमरजेंसी सर्टिफिकेट जारी होने की बात भी सामने आई है. इस मामले में आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस की तफ्तीश जारी है.
FIRST PUBLISHED : December 5, 2024, 15:37 IST
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