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नई दिल्ली : ‘अनुपमा’ लेटेस्ट एपिसोड में राघव जब माउथ ऑर्गन बजाने में नाकाम रहता है, तो उसे लगता है कि शायद वो टूट चुका है. उसी वक्त अनुपमा उसे एक नया माउथ ऑर्गन देती है. वो बताती है कि ये उसने खुद के लिए खरीदा था, पर अब चाहती है कि राघव इसे अपनाए. राघव उपहार लेने में झिझकता है, क्योंकि ये उसके लिए नया एक्सपीरिएंस है. मगर अनुपमा, जो खुद एक कलाकार है, उसे भरोसा दिलाती है कि संगीत बांटने से ही उसका जादू बढ़ता है.

राघव और अनुपमा एक सौदा तय करते हैं- वो उसे माउथ ऑर्गन सिखाएगा और वो उसे डांस. दोनों कला की भाषा में एक-दूसरे के करीब आते हैं. जब राघव पहली बार माउथ ऑर्गन बजाता है, अनुपमा को माही की याद आ जाती है. राघव उसकी बेचैनी को महसूस करता है और उसे सुकून देने की कोशिश करता है.

दिल की उलझनें

अनुपमा राघव से अपनी उलझनें बांटती है- माही और राही के बीच के इमोशंस और वसुधरा द्वारा बार-बार ठुकराया जाना. ये उसके भीतर एक थकावट भर देता है. लेकिन राघव का शांत और सहज स्वभाव उसे थोड़ा चैन देता है.

जैसे-जैसे मोहल्ले में बातें फैलती हैं- राघव और अनुपमा के तीसरे विवाह की अटकलें लगाई जाती हैं- अनुपमा उन आवाजों को अनदेखा कर खुद को माउथ ऑर्गन सीखने में व्यस्त रखती है. वो जानती है कि लोगों की सोच उसके फैसलों को नहीं चला सकती.

राही का सामना- दोस्ती पर सवाल

राही, अनुपमा से उसकी और राघव की नजदीकी पर सवाल उठाती है. वो कहती है कि ये रिश्ता सही नहीं लगता. अनुपमा शांत और दृढ़ होकर जवाब देती है कि जैसे उसने कभी यशदीप के साथ अपने रिश्ते को साफ रखा था, वैसे ही राघव के साथ भी कुछ नहीं छुपा है- ये सिर्फ दोस्ती है, जिसमें इज्जत और समझ है.

लीला और परितोष का शक

लीला और परितोष पूछते हैं कि अगर राघव को अनुपमा से प्यार हो जाए, तो वो क्या करेगी? अनुपमा का जवाब साफ होता है- अगर कुछ भी अनुचित लगा, तो वो रिश्ता खत्म कर देगी. लेकिन बिना किसी ठोस वजह के, वो अपने दोस्तों से मुंह नहीं मोड़ेगी. राघव उसे जज नहीं करता, सुनता है और वही सुकून उसे चाहिए.

राही का स्वीकार और शंका

राही मानती है कि अनुपमा उसकी दुश्मन नहीं है, पर वो राघव पर भरोसा नहीं कर सकती. अनुपमा उसे समझाती है—“अगर मुझसे प्रेम है, तो मुझ पर भरोसा करो. मैं कोई ऐसा फैसला नहीं लूंगी जो गलत हो.”

राजा इशानी को प्रभावित करने के लिए एक वीडियो रिकॉर्ड करना चाहता है. लेकिन अनिल उसे समझाता है कि दूसरों की भावनाओं की कद्र करना जरूरी है. राही और प्रेम चुपचाप जश्न मनाना चुनते हैं- शब्दों के बिना भी कई बातें कही जा सकती हैं.

प्रार्थना की पीड़ा और अनुपमा का फैसला

घर में अनुपमा माउथ ऑर्गन बजाने की कोशिश करती है, तभी वो प्रार्थना को रोते हुए देखती है. वो तुरंत उसके पास जाती है और कारण पूछती है. लीला बार-बार उसे घर से भेजने की जिद करती है, लेकिन अनुपमा डटकर खड़ी होती है. उसे लगता है कि एक गलत कदम, शाह और कोठारी परिवारों के बीच एक नई दीवार खड़ी कर सकता है.

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