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नई दिल्ली: कल के एपिसोड की शुरुआत राघव की मां द्वारा अनुपमा के साथ अपने दुखद अतीत को शेयर करने से होती है. वो बताती हैं कि राघव ने एक अमीर महिला से शादी की थी, लेकिन उसके भाइयों द्वारा किए गए दुर्व्यवहार के कारण उनके रिश्ते में दरार आ गई. एक दिन, उसकी पत्नी रहस्यमय तरीके से गायब हो गई, और राघव पर उसकी हत्या का झूठा आरोप लगा. जेल जाने के बाद, वो रिश्तों से पूरी तरह कट गया. उसकी मां चाहती हैं कि वो फिर से घर लौटे, और अनुपमा उसे सांत्वना देती है.
राघव जब अपनी रिहाई की तैयारी कर रहा होता है, तो वो अपने साथी कैदियों को अलविदा कहता है. कार्तिक उससे बाहर मिलने की इच्छा व्यक्त करता है, लेकिन राघव कहता है कि उसके लिए कोई इंतजार नहीं कर रहा है. कार्तिक उसे विश्वास रखने की सलाह देता है और कहता है कि भाग्य उसे सही लोगों तक जरूर पहुंचाएगा. विचारों में खोया हुआ राघव माउथ ऑर्गन बजाने लगता है.
कोठारी परिवार में हलचल
कोठारी परिवार में, वसुंधरा अचानक अंतिम समय में प्रार्थना का आयोजन करती है और राही व प्रेम को काम पर जाने से रोकती है. राही, इन योजनाओं से अनजान होकर सहमत हो जाती है, लेकिन बाद में अपने काम पर जाने की जिद करती है. ख्याति को संदेह होता है कि वसुंधरा जानबूझकर राही को रोक रही है. दूसरी ओर, पराग गौतम को प्रेम के लिए एक नया रेस्तरां खोलने के लिए सही जगह खोजने का निर्देश देता है.
रिहाई के बाद राघव की तलाश
रिहाई के बाद, राघव बिना किसी उद्देश्य के भटकने लगता है, जबकि अनुपमा उसे ढूंढने और उसकी मां से मिलाने के लिए कहती है. इसी दौरान, पराग की राघव से टक्कर होती है, लेकिन पराग की आवाज सुनकर भी राघव उसे पहचान नहीं पाता. दूसरी तरफ, माही प्रेम के करीब जाने की कोशिश करती है, जिससे परी चिढ़ जाती है और प्रेम को राही के साथ समय बिताने की सलाह देती है. माही को लगता है कि प्रेम एक दिन राही से ऊब जाएगा.
राही और राघव की मुश्किलें
जब राघव अकेला और हताश महसूस करता है, तो वो आत्महत्या करने का फैसला करता है. उसी समय, राही की कार खराब हो जाती है और वो रास्ते में फंस जाती है. मोहित उसकी मदद करता है, और दोनों एक-दूसरे की चिंता करते हैं. दूसरी ओर, अनुपमा सही समय पर पहुंचकर राघव को आत्महत्या से रोकती है और बताती है कि उसकी मां अभी भी जीवित है. भावुक राघव उससे तुरंत अपनी मां के पास ले चलने की विनती करता है.
नए रिश्ते और पुराने राज
मोहित राही को कुछ गुंडों से बचाता है, तभी प्रेम भी समय पर पहुंच जाता है. वे दोनों मोहित को कोठारी हवेली में ले जाने का फैसला करते हैं, जब तक कि उसे रहने के लिए कोई और जगह न मिल जाए. हवेली में, मोहित ख्याति और प्रेम के साथ अपने अतीत को याद करता है.
राघव का पुनर्मिलन
आखिरकार, अनुपमा अपने वादे को पूरा करते हुए राघव को उसकी मां से मिलवाती है. भावुक मां-बेटे एक-दूसरे को देखकर गले लग जाते हैं. कोठारी हवेली में, ख्याति मोहित को देखकर चौंक जाती है. दूसरी तरफ, राघव अपनी मां को वचन देता है कि वो अब कभी उसे छोड़कर नहीं जाएगा.
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