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Arkmool health benefits: हजारों वर्षों से कई तरह की औषधियों का इस्तेमाल किया जा रहा है. इन आयुर्वेदिक हर्ब्स के उपयोग से आयुर्वेद में कई तरह के रोगों का उपचार किया जाता है. इन्हीं में शामिल है जड़ी-बूटी अर्कमूल, जिसे अकौआ, अकौड़ा या मदार भी कहते हैं. अर्कमूल यह जड़ी-बूटी सिर्फ बाहरी रोगों में ही नहीं, बल्कि भीतरी विकारों, विषनाशन और मानसिक शुद्धि में भी अद्भुत है.

अर्कमूल के फायदे

अर्कमूल एक झाड़ीदार पौधा है, जिसका वैज्ञानिक नाम ‘कैलोट्रोपिस गिगेंटिया’ है. यह एपोसाइनेसी परिवार से है. इसकी तने या पत्ते को तोड़ने पर सफेद दूध निकलता है, जो औषधीय गुणों से भरपूर होता है. चरक संहिता अर्कमूल को पाचन और आंतरिक रोगों के लिए उपयोगी मानती है, जबकि सुश्रुत संहिता इसे मुख्य रूप से रोगों और घावों से छुटकारा दिलाने में उपयोगी मानती है. कुछ रिसर्च में पाया गया है कि कैलोट्रोपिस के तत्वों में एंटी-कैंसर गुण भी पाए गए हैं. यह कोशिकाओं की अनियंत्रित वृद्धि को रोक सकता है.

सुश्रुत संहिता में अर्कमूल का उपयोग मुख्य रूप से घावों, अल्सर, सूजन, विषैले कीड़े के काटने और सर्प प्रभाव को कम करने में भी मदद करता है.

अर्क के दूध का उपयोग बवासीर के उपचार में किया जाता है, इससे सूजन कम होती है और दर्द में राहत मिलती है. अस्थमा या सांस लेने की तकलीफ होने पर मदार के फूलों का उपयोग सहायक माना जाता है.

चिकित्सा ग्रंथ के मुताबिक, आक के फूलों को तोड़कर उन्हें धूप में अच्छी तरह सुखाकर चूर्ण तैयार किया जाता है. इस पाउडर के सेवन से फेफड़ों की बीमारी, अस्थमा और कमजोरी जैसी समस्याओं को दूर करने में सहायता मिलती है.

दांत के दर्द से परेशान हैं, तो इसके लिए अर्कमूल के दूध में कॉटन बॉल को डुबोकर मसूड़े पर लगाने से आपको दर्द में राहत मिल सकती है.

दांत के दर्द के साथ-साथ त्वचा पर होने वाले छालों को दूर करने के लिए भी यह कारगर उपाय है.

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