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Azamgarh news in hindi : धान की ये किस्में पानी में डूबी रहने के बाद भी खराब नहीं होती. समय से अच्छी उपज देती हैं और 140 से 145 दिनों में काटने लायक हो जाती हैं. रोपाई देरी से करने पर भी पैदावार में कमी नहीं हो…और पढ़ें

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Azamgarh News : बाढ़ आए या सैलाब…धान की ये दो किस्में हर आफत का इलाज, डूबकर भी देंगी बंपर पैदावार

धान की फसल

हाइलाइट्स

  • स्वर्णा और जल लहरी किस्में जलभराव में भी अच्छी उपज देती हैं.
  • ये किस्में 15-18 दिन पानी में डूबने पर भी खराब नहीं होतीं.
  • स्वर्णा और जल लहरी से प्रति हेक्टेयर 30-35 क्विंटल उपज मिलती है.

Paddy varieties/आजमगढ़. खेतों में धान की बुवाई का समय लगभग शुरू हो चुका है. कई जगहों पर तो किसान अपने खेतों में धान की रोपाई भी करने लगे हैं. धान की अच्छी पैदावार के लिए खेत में पानी की पर्याप्त मात्रा होना जरूरी है, लेकिन निचली जगहों के खेत या ऐसे खेत जो बाढ़ से प्रभावित रहते हैंं, उनमें अधिक पानी की वजह से धान की फसल पर बुरा प्रभाव पड़ता है. जरूरत से अधिक पानी से फसल खराब हो जाती है या अनुमान के अनुसार पैदावार नहीं मिल पाती है. ऐसी जगहों पर किसान अगर खेतों में धान की बुवाई से पहले सही किस्म का चुनाव कर लें, तो नुकसान नहीं उठाना पड़ेगा.

पानी लगने वाले खेतों में बुवाई के लिए किसानों को धान की ऐसी किस्म का चुनाव करना चाहिए, जो ज्यादा पानी में भी अच्छी तरह से फल-फूल सके और अधिक पैदावार दे सके. कृषि एक्सपर्ट राकेश पांडे बताते हैं कि किसान अधिक जलभराव वाले खेतों में स्वर्णा और जल लहरी किस्म के बीज का चुनाव कर सकते हैं. धान की ये किस्म 15 से 18 दिनों तक पानी में डूबे रहने के बावजूद भी खराब नहीं होती. इन किस्मों की रोपाई देरी से करने पर भी किसानों को अच्छी उपज मिल सकती है.

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35 क्विंटल प्रति हेक्टेयर

बाढ़ या जलभराव वाले इलाकों में अगर किसान सामान्य किस्मों का चुनाव करते हैं तो यह उनके लिए घटेगा सौदा हो सकता है. क्योंकि अधिक जलभराव के कारण खेतों में लगाई गई फसल बर्बाद हो सकती है. ऐसे में किसानों को काफी नुकसान होता है. अधिक जलभराव वाले खेतों में पानी की अधिकता सबसे ज्यादा मुश्किल पैदा करती है. ऐसे में इन किस्मों की बुवाई करते हुए किसान भाई 140 से 145 दोनों में भरपूर उपज काट सकते हैं और तगड़ा मुनाफा भी कमा सकते हैं. स्वर्णा और जल लहरी से प्रति हेक्टेयर 30 से 35 क्विंटल उपज आसानी से प्राप्त की जा सकती है.

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बाढ़ या सैलाब! धान की ये किस्में हर आफत का इलाज, डूबकर भी देंगी बंपर पैदावार

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