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Ballia news in hindi : बलिया का ये रास्ता दुर्घटनाओं के लिए कुख्यात हो चुका है. लगता है लोग भी नियमों से अंजान हैं या नियमों की अनदेखी को अपनी आदत बना चुके हैं. दोनों स्थिति खतरनाक है. देखें ग्राउंड रिपोर्ट..

सड़क दुर्घटना बाहुल्य क्षेत्र
हाइलाइट्स
- बलिया का नसीराबाद-माल्देपुर तिराहा दुर्घटना हब है.
- तेज रफ्तार और नशे में वाहन चलाने से दुर्घटनाएं होती हैं.
- इस मोड़ पर ब्रेकर और सुरक्षा उपायों की जरूरत है.
Ground Report/बलिया. सरकार एक ओर सड़क दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिए तरह-तरह के प्रयास किए जा रही है, दूसरी तरफ, इतना सब कुछ होने के बावजूद ऐसी दुर्घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रही हैं. बलिया नगर से सटे नसीराबाद से लेकर माल्देपुर तिराहा तक का रास्ता दुर्घटना हब के रूप में कुख्यात है. यहां आए दिन दुर्घटना होती रहती हैं. इस का मूल कारण ग्रामीण बताते हैं. उनके अनुसार तेज रफ्तार वाहन और नशे मे वाहनों के अनियत्रित होकर किनारे गड्ढे में पलट जाने के कारण आए दिन लोगों को अपनी जान गवानी पड़ रही है या विकलांगता का शिकार बनना पड़ता है. ऐसे में लगता है कि सड़क पर पैदल या वाहन से चलने वाले लोग नियमों से अंजान है या नियम उल्लंघन की अनदेखी को अपनी आदत बना रखा है.
माल्देपुर मोड़ निवासी दिनेश राय का कहना है कि यहां रात-दिन सड़क दुर्घटना होती रहती हैं. इससे बचाव का एक ही तरीका है. मोड़ पर आवश्यकतानुसार ठोकर (ब्रेकर) का निर्माण हो. नसिराबाद निवासी राज किशोर ने बताया कि अभी एक दो घण्टे पहले यहां बाइक और जीप की ठोकर में दो युवा घायल हो गए. मंदिर के बगल में एक गढ्ढा है, जिसमे पलटने से कई लोग काल के गाल में समा चुके हैं.
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करें ये इंतजाम
इस दौरान कई लोगों ने आंखों देखी घटनाएं बताई, जो दिल को झकझोर देंगी. इसमें अधिकतर मौतें असावधानी के कारण हुई हैं. लोगों का कहना है कि माल्देपुर मोड़ के पास एक प्राइमरी पाठशाला है, जिसके लिए खास सुरक्षा के इंतजाम होने चाहिए. लोगों का मानना है कि एनएच-31 मुख्य मार्ग दुर्घटना बाहुल्य क्षेत्र है. यहां सड़क संकेत, गति सीमाएं, यातायात नियंत्रण उपकरण और सुरक्षा उपाय होने चाहिए, तभी सड़क दुर्घटनाओं पर काबू पाया जा सकता है.
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