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Betul News : बैतूल के अर्जुनगोंदी जंगल में मिली अधजली मानव खोपड़ी की जांच के बाद पुलिस ने सनसनीखेज खुलासा किया है. इस मामले में पुलिस ने 7 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने बताया कि शव रिंकेश चौहान नाम के …और पढ़ें

एमपी के बैतूल में पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है.
हाइलाइट्स
- बैतूल के जंगल में मिली खोपड़ी की जांच में 7 आरोपी गिरफ्तार.
- डीएनए जांच से शव की पहचान रिंकेश चौहान के रूप में हुई.
- आशीष परते ने बदला लेने के लिए रिंकेश की हत्या की.
बैतूल. अर्जुनगोंदी जंगल में मिली आधी जली खोपड़ी की जांच करते हुए पुलिस ने 7 युवकों को अरेस्ट कर लिया है. पुलिस अधीक्षक निश्चल एन झारिया ने पत्रकार वार्ता में बताया कि यह खोपड़ी लापता हुए युवक रिंकेश की थी. रिंकेश के डीएनए जांच से इसकी पुष्टि की गई. यह युवक 21 दिसंबर से लापता था. पुलिस ने बताया कि रिंकेश कुछ समय पहले चर्चा में आया था जब उसने आशीष परते नाम के युवक को नग्न कर उल्टा लटका कर पीटा था और उसका वीडियो वायरल कर दिया था.
पुलिस अधीक्षक निश्चल एन झारिया ने पर्दाफाश करते हुए बताया कि इस घटना से आरोपी आशीष परते दुखी था और उसने हत्या करके बदला लिया. उन्होंने बताया कि 10 दिसंबर 2024 को वन विभाग ने शाहपुर पुलिस को सूचना दी कि अर्जुनगोंदी जंगल स्थित जठान देव मंदिर के पास एक नाले के ऊपर एक जली हुई मानव खोपड़ी पड़ी है. पुलिस ने घटनास्थल का निरीक्षण किया और पाया कि अज्ञात मृतक के शव को टायर और लकड़ियों की सहायता से पूरी तरह जलाया गया था. घटनास्थल से एक जली हुई खोपड़ी, कुछ हड्डियों के अवशेष और एक स्टील का कड़ा बरामद हुआ था. 21 दिसंबर 2024 को कोतवाली पुलिस थाने में रिंकेश चौहान की गुमशुदगी दर्ज की गई थी. परिजनों ने रिंकेश के हाथ में स्टील का कड़ा होने की बात बताई. डीएनए जांच में अर्जुनगोंदी जंगल में मिली जली हुई खोपड़ी और रिंकेश चौहान के परिजनों का डीएनए मिलान हुआ, जिससे शव की पहचान रिंकेश चौहान के रूप में हुई.
लगभग 4 महीने की गहन जांच के बाद पुलिस को पता चला कि 30 नवंबर 2024 को रिंकेश चौहान न्यायालय पेशी के लिए बैतूल गया था. पेशी के बाद वह मुलताई मेला देखने गया और फिर झिटापाटी गांव में अपने दोस्त गब्बर के घर रुका. इस बात की जानकारी मिलने पर मुख्य आरोपी आशीष परते और उसके साथियों ने रिंकेश का अपहरण कर लिया. आरोपी उसे पाढर वाइन शॉप के पीछे स्थित टेकरी पर ले गए, जहां उसे दिनभर बंधक बनाकर प्रताड़ित किया गया. शाम को आशीष परते ने टायर और 15 लीटर डीजल का इंतजाम किया. सभी आरोपी रिंकेश को अर्जुनगोंदी के जंगल में जठान देव मंदिर के पास ले गए, जहां उसे फिर से बुरी तरह पीटा गया. जब रिंकेश की मौत हो गई, तो आरोपियों ने लकड़ियों और टायरों के नीचे उसका शव रखकर डीजल डालकर आग लगा दी और मौके से फरार हो गए थे.
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