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Budget 2025: सरकार ने RuPay डेबिट कार्ड और कम मूल्य वाले यूपीआई लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए इंसेंट‍िव में कटौती की है और अगले वित्त वर्ष के लिए स‍िर्फ 437 करोड़ रुपये ही एलोकेट क‍िए हैं. बता दें क‍ि पिछले वर्ष…और पढ़ें

Budget 2025: RuPay और कम वैल्यू वाले UPI के लिए इंसेंटिव में हुई कटौती, बजट में मि‍ला स‍िर्फ इतना फंड

प‍िछले साल के मुकाबले सरकार ने फंड में बडी कटौती की.

हाइलाइट्स

  • सरकार ने RuPay और UPI इंसेंटिव को घटाकर 437 करोड़ रुपये किया.
  • पिछले वर्ष 2000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे.
  • UPI पेमेंट मोड 7 देशों में लाइव है.

नई द‍िल्‍ली. सरकार ने RuPay और लो वैल्यू वाले UPI के लिए इंसेंटिव कम कर द‍िया है. डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने इन योजनाओं को बढ़ावा देने के ल‍िए प‍िछले व‍ित्त वर्ष में 2000 करोड़ रुपये से ज्‍यादा फंड एलोकेट क‍िए थे, ज‍िसे घटाकर 437 करोड़ कर द‍िया है. इसके साथ ही डिजिटल पेमेंट्स को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार ने कम कीमत वाले यूपीआई और रुपे डेबिट कार्ड भुगतान को जीरो कॉस्‍ट पर शुरू किया है. हालांकि, 2000 रुपये से अधिक के लेनदेन पर 1% से अधिक की एमडीआर या मर्चेंट डिस्काउंट दर लागू होती रहेगी.

इस स्‍कीम को साल 2023 में शुरू क‍िया गया था, क्‍योंक‍ि बैंकों और दूसरे पेमेंट स‍िस्‍टम ऑपरेटर व ऐप्‍स प्रोवाइडर्स को ऐसे ट्रांजेक्‍शन्‍स के प्रोसेसिंग के ल‍िए लागत उठानी पडती थी. ऐसे में उन्‍हें प्रोत्‍साह‍ित करने के ल‍िए सरकार ने इंसेंट‍िव की स्‍कीम शुरू की थी. बता दें क‍ि स्‍टेकहोल्‍डर्स (बैंक और UPI ऐप और NPCI) को आमतौर पर UPI P2M (पीयर-टू-मर्चेंट) लेनदेन को प्रोसेस करने के लिए लेनदेन मूल्य का लगभग 0.25% खर्च उठाना पड़ता है. जीरो MDR होने के कारण स्‍टेकहोल्‍डर्स अपनी लागत नहीं न‍िकाल पाते और उनके इस लागत को ही सरकार इंसेंट‍िव के जर‍िए रेम्‍बर्स करती है.

प‍िछले साल दोबारा बढ़ाया था फंड
शुरुआत में सरकार ने इस स‍िस्‍टम को बढ़ाने के ल‍िए 2,484 करोड़ रुपये की शुरुआती फंड तय की थी. लेक‍िन जैसे-जैसे ये सिस्टम बढ़ रहा है, सरकार इसके साथ-साथ इसके लिए इंसेंट‍िव कम करती जा रही है. पिछले साल, सरकार ने 1,441 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे, जिसे बाद में संशोधित कर 2,000 करोड़ रुपये कर दिया था. हो सकता है क‍ि सरकार इस बार भी इंसेंट‍िव 437 करोड़ रुपये से बढ़ा दे.

UPI ने धीरे-धीरे कैश की जगह ले ली है. इसकी लोकप्र‍ियता को देखते हुए सरकार से जीरो एमडीआर पर दोबारा व‍िचार करने के बारे में कहा जा रहा है. दिसंबर 2024 में यूपीआई के जर‍िए 23.24 लाख करोड़ रुपये का लेनदेन हुआ. जबकि दिसंबर 2016 में ये 707.93 करोड़ रुपये था और दिसंबर 2020 में यह 4.16 लाख करोड़ रुपये था. बता दें क‍ि यूपीआई पेमेंट मोड अब यूएई, सिंगापुर, भूटान, नेपाल, श्रीलंका, फ्रांस और मॉरीशस सहित 7 देशों में लाइव है.

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Budget 2025: RuPay और कम वैल्यू वाले UPI के लिए इंसेंटिव में हुई कटौती

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