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Bulandshahr News : बुलंदशहर पुलिस ने साइबर ठगों के गिरोह का पर्दाफाश किया, जिसमें फाइनेंस कंपनी के प्रबंधक और बैंक कर्मचारियों समेत 4 ठग गिरफ्तार हुए. ये ठग बंद खातों का मोबाइल नंबर बदलकर ठगी करते थे. मजदूर असल…और पढ़ें

बुलंदशहर में साइबर ठगी
हाइलाइट्स
- बुलंदशहर पुलिस ने साइबर ठगों का गिरोह पकड़ा.
- फाइनेंस कंपनी प्रबंधक और बैंक कर्मचारी गिरफ्तार.
- ठगों ने निष्क्रिय खातों का मोबाइल नंबर बदलकर ठगी की.
बुलंदशहर: बुलंदशहर पुलिस ने साइबर ठगों के एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश किया है. पुलिस ने फाइनेंस कंपनी के प्रबंधक और एक प्राइवेट बैंक के कुछ कर्मचारियों समेत 4 साइबर ठगों को गिरफ्तार किया है. ये ठग बैंककर्मियों की मदद से बंद बैंक खातों का मोबाइल नंबर बदलकर साइबर ठगी का पैसा ठिकाने लगाते थे. पुलिस ने आरोपियों के पास से विभिन्न बैंकों की चेकबुक, पासबुक, एटीएम कार्ड समेत अन्य सामान बरामद किया है.
पुलिस सूत्रों के अनुसार, ये गिरोह बंद हो चुके बैंक खातों को एक्टिव कर करोड़ों की ठगी करता था. जांच में पता चला कि ठगों ने बैंक कर्मचारियों की मिलीभगत से ऐसे बैंक अकाउंट की लिस्ट तैयार की, जिनमें लंबे समय से कोई लेनदेन नहीं हुआ था. फिर उन खातों में दूसरे मोबाइल नंबर जोड़कर केवाईसी अपडेट की जाती थी और खातों को फर्जीवाड़े में इस्तेमाल किया जाता था.आरोपियों के पास से 20 चेकबुक, 14 पासबुक, 7 एटीएम कार्ड और एक मोबाइल फोन बरामद हुआ है.पुलिस अब इनके नेटवर्क की कड़ियां जोड़ने में जुटी है. ये गिरोह 11 राज्यों में साइबर ठगी को अंजाम दे रहा था.
2022 से बंद था असलम का खाता
पुलिस सूत्रों के अनुसार, ये गिरोह निष्क्रिय बैंक खाते या खाताधारक की मौत होने पर बैंक कर्मचारी नंबर बदलकर KYC कर देते थे. मजदूर असलम ने बताया कि 2022 में बंधन बैंक में उन्होंने खाता खुलवाया था, लेकिन दिसंबर 2022 के बाद उसमें कोई लेनदेन नहीं हुआ.वहीं 21 अप्रैल को 1 करोड़ 95 लाख का ट्रांजेक्शन हुआ. जब असलम ने बैंक जाकर जांच कराई, तो पता चला कि खाते में किसी और का मोबाइल नंबर अपडेट है और उससे अवैध गतिविधियां की जा रही हैं. पुलिस की जांच में पता चला है कि असलम के खाते की 11 राज्यों में शिकायत दर्ज थी. यह पैसा साइबर फ्रॉड के जरिए खातों में जमा कराया जाता था.
फरार ठगों की तलाश जारी
पुलिस ने आरोपियों के पास से 20 चेकबुक, 14 पासबुक, 7 एटीएम कार्ड, एक मोबाइल बरामद किया है. साथ ही खाता खोलने, मोबाइल नंबर बदलने, खाता बंद करने और पैनकार्ड नंबर बदलने के फार्म भी बरामद हुए हैं.पुलिस ने आरोपियों के पास से 3 स्टांप और एक अमाउंट दर्ज चेक भी बरामद किया. जबकि इस गिरोह के दो बड़े सदस्य डेविड गौतम और नवल सैनी फरार हैं. पुलिस उनकी तलाश कर रही है.
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