Latest Posts:
Search for:

[ad_1]

Last Updated:

Chitrakoot Fire News: चित्रकूट के भदेदू गांव में 4 अप्रैल को आग ने 32 घर जलाए, जिसमें शादी का सामान, बच्चों की किताबें और जीवनभर की जमा पूंजी राख हो गई. प्रशासन ने सहायता राशि दी, लेकिन जख्म आज भी हरे हैं.

X

Chitrakoot Fire News: चित्रकूट में महुआ के पेड़ से उठी आग ने निगल लिए 32 घर

Chitrakoot Fire News

हाइलाइट्स

  • चित्रकूट में आग से 32 घर जलकर राख हुए.
  • भदेदू गांव के लोग पन्नी की झोपड़ियों में रहने को मजबूर.
  • आग में शादी की तैयारी और बच्चों की पढ़ाई का सामान जल गया.

Chitrakoot Fire News: चित्रकूट में 4 अप्रैल की दोपहर जब आसमान से आग बरस रही थी और ज़मीन तप रही थी, राजापुर थाने के भदेदू गांव के लोग रोज की तरह महुआ बीनने या खेतों की तरफ जा रहे थे. तभी गांव के बाहर खड़े एक महुआ के पेड़ के पास अचानक धुआं उठने लगा. गांव के लोगों को नहीं पता था कि यह आग कुछ ही मिनटों में उनके पूरे गांव को तबाह कर देगी.

आग इतनी तेजी से फैली कि देखते ही देखते 32 घर जलकर खाक हो गए. लकड़ी और पुआल से बने घर जलकर राख हो गए. आग की लपटों को देखकर कोई अपने बच्चों की उंगलियां पकड़े भाग रहा था, तो कोई सिर पर खाने के बर्तन लिए दौड़ रहा था. आज भी पीड़ित इस बात का अफसोस करते हैं कि उनकी जिंदगी भर की जमा पूंजी उनकी आंखों के सामने जल गई और वे कुछ नहीं कर सके.

पीड़ित महिला बोली 22 मई को होनी है शादी
भदेदू गांव की रहने वाली पीड़ित महिला सीलू ने लोकल 18 को बताया कि 22 मई को मेरी नंद की शादी है. हमने शादी की सभी तैयारियां कर ली थीं और घर में शादी के कपड़े और अन्य सामान रखे थे, लेकिन इस आग में सब कुछ जलकर राख हो गया है, यहां तक कि घर में रखा गल्ला भी. उनका कहना है कि अब शादी करने में काफी मुश्किलें आएंगी और यह शादी उतनी धूमधाम से नहीं हो पाएगी जितना उन्होंने सोचा था. अब वह किसी की मदद से अपनी नंद की शादी 22 मई को करवाएंगी. गांव में घर जलने के बाद पन्नी तान कर रह रहे रमेश और अन्य लोगों ने बताया कि आग में घर का सामान, बच्चों की कॉपी-किताबें, बर्तन, कपड़े, राशन, और हमारी जिंदगी भर की जमा पूंजी भी जलकर राख हो गई.

धूप में पन्नी तानकर रह रहे लोग
भदेदू गांव के लोग कड़कती धूप और लू में पन्नी की झोपड़ियों में रहने को मजबूर हैं. बच्चों की पढ़ाई भी बंद हो गई है. जहां पहले स्कूल जाने की खुशी होती थी, अब वहां डर और दर्द का साया है.

प्रशासन ने दी थी सहायत राशि, लेकिन जख्म आज भी हरे
इस आग हादसे के बाद प्रशासन ने गांव के प्रभावित लोगों को सहायता राशि और राशन किट दी थी, लेकिन गांव वालों के घाव अभी भी ताजे हैं. उनका कहना है कि सरकार ने पैसे तो दे दिए, लेकिन जो हमने अपनी आंखों से देखा उसे कैसे भूलें. हमारी बेटियों की शादी का सपना और बच्चों की पढ़ाई का अरमान सब जलकर राख हो गया. गांव वालों का कहना है कि जब तक उनके घर फिर से नहीं बसते और बच्चों की पढ़ाई शुरू नहीं होती, वे इस दर्द से उबर नहीं पाएंगे.

homeuttar-pradesh

Chitrakoot Fire News: चित्रकूट में महुआ के पेड़ से उठी आग ने निगल लिए 32 घर

[ad_2]

Source link

Author

Write A Comment