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देहरादून: मानसून के आने के साथ ही डेंगू अपने पैर पसारने लगा है. राज्यभर में इस खतरनाक मच्छर जनित बीमारी के मामलों में इजाफा देखा जा रहा है. अप्रैल से अब तक प्रदेश में डेंगू के 112 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें से सबसे अधिक 86 केस राजधानी देहरादून से दर्ज किए गए हैं. इस तेजी से बढ़ती संख्या ने स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम दोनों की चिंता बढ़ा दी है.
हर साल की तरह इस बार भी बारिश के बाद शहर में जगह-जगह पानी जमा (Dengue in Dehradun) होने से एडीज मच्छरों के लिए प्रजनन का अनुकूल वातावरण बन गया है. यही मच्छर डेंगू के वायरस को फैलाने के लिए जिम्मेदार होते हैं. जलभराव और गंदगी वाले स्थानों पर मच्छरों की तादाद में जबरदस्त इजाफा देखा जा रहा है. डेंगू संक्रमण की गंभीरता को देखते हुए राज्य स्वास्थ्य विभाग सतर्क है. सभी सरकारी व निजी अस्पतालों को अलर्ट पर रखा गया है और संदिग्ध मरीजों की तुरंत पहचान के लिए विशेष डेंगू वार्ड भी बनाए गए हैं. इसके साथ ही, देहरादून नगर निगम ने भी अभी से ही कमर कस ली हैं.
जिला स्तर पर डेंगू का हाल
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, बीते मंगलवार को दो नए मरीजों की पुष्टि हुई है, जिनमें एक देहरादून और दूसरे बाहरी क्षेत्र के है. वर्तमान में जिले में 19 सक्रिय मामले हैं. इनमें से 9 मरीज श्री महंत इंदिरेश अस्पताल, 2 हिमालयन अस्पताल जौलीग्रांट, 2एम्स ऋषिकेश और 4 ग्राफिक एरा अस्पताल में भर्ती हैं, जबकि 2 मरीज होम आइसोलेशन में इलाज करा रहे हैं. अब तक संक्रमित पाए गए 112 लोगों में से 93 मरीज पूरी तरह से स्वस्थ होकर घर लौट चुके हैं, जबकि सक्रिय मामलों की संख्या चिंता का कारण बनी हुई है.
देहरादून नगर निगम भी डेंगू को लेकर सक्रिय भूमिका निभा रहा है. नगर निगम के मेयर सौरभ थपलियाल ने बताया कि शहर के सभी वार्डों में फॉगिंग अभियान तेज कर दिया गया है. गंदे पानी के स्रोतों, नालियों और जलजमाव वाले स्थानों पर विशेष रूप से फॉगिंग की जा रही है. नगर निगम की टीमें घर-घर जाकर लार्वा की जांच कर रही हैं और उसे नष्ट करने का काम कर रही हैं. नगर क्षेत्र के तकरीबन 14,465 घरों में सर्वे किया गया, जिसमें से 69 घरों में डेंगू के मच्छरों का लार्वा पाया गया. इसके अलावा 97,285 कंटेनरों की जांच में 93 में लार्वा मिला, जिसे तत्काल प्रभाव से नष्ट कर दिया गया.
घर-घर सर्वे और जनजागरूकता अभियान जारी
डेंगू पर नियंत्रण के लिए आशा कार्यकर्ता और प्रशिक्षित डेंगू वालंटियर्स (Dengue prevention) नियमित रूप से घर-घर जाकर जांच कर रहे हैं. लोगों को डेंगू के प्रति जागरूक किया जा रहा है कि वे अपने घरों के आसपास पानी एकत्र न होने दें, कूलर और गमलों की नियमित सफाई करें और पानी की टंकियों को ढक कर रखें. नगर निगम द्वारा जन जागरूकता रथ भी चलाए जा रहे हैं, जो लोगों को डेंगू से बचाव के उपायों की जानकारी दे रहे हैं. इसके साथ ही बाजार क्षेत्रों में पोस्टर और पंपलेट्स के जरिए भी सूचना प्रसारित की जा रही है.
डेंगू से लड़ाई में जिम्मेदारी सबकी
स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम दोनों का मानना है कि डेंगू जैसी बीमारी से लड़ाई सिर्फ सरकारी प्रयासों से नहीं जीती जा सकती. इसमें आम नागरिकों की भागीदारी और सतर्कता बेहद जरूरी है. खुद साफ-सफाई का ध्यान रखें, आसपास गंदगी न फैलाएं और यदि बुखार या शरीर दर्द जैसे लक्षण हों तो तुरंत जांच कराएं. डेंगू से लड़ाई में समय पर जागरूकता, सही इलाज और सामूहिक प्रयास ही सबसे बड़ा हथियार है. सावधानी ही सुरक्षा है, यही मंत्र अपनाने की जरूरत है.
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