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देहरादून. उत्तराखंड के पहाड़ों का खानपान और अनोखा स्वाद शहरों में आसानी से नहीं मिलता. इस दिवाली, गोविंद सिंह मेहर देहरादून में मंडुआ, चौलाई और झंगोरा से कई तरह की पारंपरिक मिठाइयां तैयार कर रहे हैं. इनमें मंडुआ लड्डू, मंडुआ बर्फी, चौलाई लड्डू, झंगोरा की नमकीन और अन्य कई मिठाइयां शामिल हैं, जिन पर वह वर्षों से काम कर रहे हैं. गोविंद का उद्देश्य सिर्फ मिठाई बनाना नहीं है, बल्कि युवाओं में सदियों पुराने पहाड़ी स्वाद का जुड़ाव भी जगाना है, जो आजकल चाइनीज़ और फास्ट फूड के क्रेज के बीच कहीं खो गया है.
27 साल से काम
गोविंद सिंह मेहर बताते हैं कि वे उत्तराखंडी मिलेट्स पर 2002 से काम कर रहे हैं. उन्होंने चार धाम और प्रदेशभर के कई मंदिरों के लिए प्रसाद तैयार करने का काम भी किया है. उनकी इस पहल की उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी सराहना की थी. गोविंद की बनाई मिठाइयां स्वाद के साथ-साथ सेहत के लिहाज से भी फायदेमंद मानी जाती हैं. गोविंद सिंह बताते हैं कि उन्होंने चार धाम के अलावा गोलू देवता, नैनी देवी और जागेश्वर धाम के क्षेत्रों में महिलाओं को ट्रेनिंग देकर मिठाई बनाने का काम सिखाया है. उनके साथ कई महिलाएं जुड़ी हुई हैं, लेकिन अब यह कार्य पूरी तरह से नहीं चल पा रहा है. वे सरकार से सहयोग की अपील कर रहे हैं.
250 से 300 महिलाएं जुड़ीं
गोविंद के अनुसार, जोशीमठ इलाके की 250 से 300 महिलाएं उनके साथ काम करती हैं. साल 2017 में बद्रीनाथ समिति और सरकार के सहयोग से मिले एक स्टॉल पर उन्होंने लाखों रुपए की बिक्री भी की थी. गोविंद सिंह चाहते हैं कि प्रदेश के कई बड़े और प्राचीन मंदिरों में उनके उत्पादों को प्रसाद के रूप में शामिल किया जाए. इससे उत्तराखंड से बाहर रहने वाले लोग मंदिर दर्शन के दौरान अपने पहाड़ी स्वाद का आनंद ले सकेंगे और स्थानीय महिलाओं को रोजगार भी मिलेगा. उनका कहना है कि उन्हें सब्सिडी की जरूरत नहीं, वे उत्पाद तैयार कर सकते हैं, लेकिन उन्हें मार्केट की आवश्यकता है, जो केवल सरकार ही प्रदान कर सकती है.
कहां मिलेगा मिलेट्स स्वीट्स?
राजधानी देहरादून में देवभोग स्वीट्स का स्वाद लेने के लिए आपको गढ़वाल कॉलोनी रिंग रोड जाना होगा. इसके बाद रिंग रोड पर किसान भवन और निर्वाचन भवन के ठीक सामने ही लाइन नंबर 3 में देवभोग मिठाई की दुकान है, जहां से आप ले सकते हैं.
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