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Dekuli Shiv Mandir: शिवहर में 11.89 करोड़ रुपये की लागत से काशी विश्वनाथ मंदिर की तर्ज पर भव्य मंदिर परिसर बन रहा है. डीएम विवेक रंजन मैत्रेय ने गुणवत्ता और समय पर पूरा करने के निर्देश दिए.

Dekuli Shiv Mandir
हाइलाइट्स
- देकुली धाम में 11.89 करोड़ की लागत से भव्य मंदिर बन रहा है.
- काशी विश्वनाथ मंदिर की तर्ज पर देकुली धाम का निर्माण हो रहा है.
- डीएम ने निर्माण कार्य की गुणवत्ता और समय पर पूरा करने के निर्देश दिए.
Dekuli Shiv Mandir: धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व का केंद्र देकुली धाम अब एक नए भव्य स्वरूप की ओर बढ़ रहा है. लगभग 11.89 करोड़ रुपये की लागत से यहां काशी विश्वनाथ मंदिर, वाराणसी की तर्ज पर भव्य मंदिर परिसर का निर्माण कार्य तेजी से प्रगति पर है. हाल ही में, बाबा भुवनेश्वर स्थान देकुली धाम पर हो रहे इस विकास कार्य का जायजा लेते हुए शिवहर डीएम विवेक रंजन मैत्रेय ने संबंधित कार्यपालक अभियंता को कार्यों में और तेजी लाने का निर्देश दिया. डीएम ने निर्माण कार्यों की गुणवत्ता को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए समय पर कार्य पूरा करने के निर्देश भी दिए.
देकुली धाम का इतिहास महाभारत काल से जुड़ा
देकुली धाम का गौरवशाली इतिहास महाभारत काल से जुड़ा है. मान्यता है कि पांडवों ने अपने अज्ञातवास के दौरान इस स्थल पर भगवान शिव की आराधना की थी. यहाँ स्थित बाबा भुवनेश्वर नाथ का शिवलिंग स्वयंभू माना जाता है, जो इस स्थान को अत्यंत पावन और ऐतिहासिक बनाता है. स्थानीय श्रद्धालुओं और क्षेत्रीय जनता में इस विकास कार्य को लेकर भारी उत्साह है. सभी को उम्मीद है कि देकुली धाम का यह नवनिर्मित स्वरूप शिवहर जिले को धार्मिक पर्यटन के नक्शे पर एक नई पहचान दिलाएगा. प्रशासन की लगातार निगरानी और अधिकारियों के प्रयासों से जल्द ही श्रद्धालु एक नए, भव्य और सुविधा संपन्न देकुली धाम के दर्शन कर सकेंगे.
बाबा भुवनेश्वर नाथ महादेव का अद्भुत शिवलिंग
बता दे कि सीएम नीतीश कुमार द्वारा इस निर्माण कार्य का शिलान्यास किया गया था और सरकार का ही आदेश था कि हर हाल में जल्द से जल्द इस धार्मिक स्थल का विकास कार्य पूर्ण हो. 11.89 करोड़ की लागत से काशी विश्वनाथ मंदिर, वाराणसी की तर्ज पर देकुली धाम मंदिर की विकास योजनाओं का शिलान्यास किया गया था. देकुली धाम, जो शिवहर जिला मुख्यालय से पूरब करीब पांच किलोमीटर की दूरी पर शिवहर-सीतामढ़ी मार्ग स्थित बागमती नदी के तट पर स्थापित है, जिसमें बाबा भुवनेश्वर नाथ महादेव का अद्भुत शिवलिंग है.
मांगी गई लोगों की हर मन्नतें पूरी होती
विकास कार्य पूरा होने पर सुविधा बढ़ेगी. यह स्थल साधु संतों की तप स्थलों में भी एक माना जाता है. कहते हैं कि यहां सच्चे मन से मांगी गई लोगों की हर मन्नतें बाबा भुवनेश्वर नाथ अवश्य पूरी करते हैं. भोले नाथ के इस स्थल पर श्रावण मास के अतिरिक्त हर माह के रविवार और सोमवार को विशेष पूजा अर्चना के लिए भीड़ उमड़ती है. ऐसे में श्रद्धालुओं को काफी कठिनाई का सामना करना पड़ता था. लेकिन मंदिर के विकास कार्य पूर्ण हो जाने के बाद मंदिर नई लुक में दिखेगी, साथ ही यहां सुविधा और व्यवस्था भी पर्याप्त हो जाएगी.
महादेव मंदिर का इतिहास बहुत पुराना
श्रावण मास के प्रारंभ होते हीं यहां नेपाल व पड़ोसी जिला मोतिहारी, सीतामढ़ी, दरभंगा व मुजफ्फरपुर से लोग पूजा अर्चना के लिए पहुंचते हैं. बाबा भुवनेश्वर नाथ महादेव मंदिर का इतिहास बहुत पुराना है. बताते हैं कि यह एक ऐतिहासिक महत्व वाला स्वंभू प्रकट्य शिव हैं. मान्यता है कि देकुली धाम का यह स्थल महाभारत कालीन राजा द्रुपद का गढ़ था. साथ ही द्रौपदी का स्वयंवर यहीं हुआ था, जहां अर्जुन ने लक्ष्य भेदन कर द्रौपदी को जीता था.
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