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रीवा. पुराने समय में लोग खाना पकाने और परोसने के लिए मिट्टी के बर्तनों का इस्तेमाल करते थे. लेकिन समय बदलने के साथ यह परंपरा भी कहीं खो सी गई है. रसोई में रखे मिट्टी के बर्तनों की जगह आज स्टील और एल्युमीनियम के बर्तनों ने ले ली है. लेकिन क्या आप जानते हैं मिट्टी के बर्तनों में पकाया और खाया जाने वाला भोजन सेहत के लिहाज से बेहद अच्छा होता है. आइए जानते हैं क्या हैं मिट्टी के बर्तन में खाना पकाने के फायदे-नुकसान, उन्हें इस्तेमाल और धोने का सही तरीका.
रीवा आयुर्वेद हॉस्पिटल के डीन डाॅक्टर दीपक का अनुभव
आयुर्वेद तो हमेशा मिट्टी के बर्तनों को उपयोग में लेने को कहता है. मिट्टी के बर्तन में बने खाने में आयरन, सल्फर, कैल्शियम, मैग्नीशियम, जैसे पोषक तत्व मौजूद रहते हैं. जो शरीर को बहुत फायदा पहुंचाते है जिससे इंसान कम बीमार पड़ता है. एलुमिनियम स्टील के बर्तन में बने खाने में न्यूट्रीशन कम हो जाते हैं. मिट्टी के बर्तन में बने खाने में ऐसा नहीं होता. मिट्टी के बर्तनों खाना खाने से पेट संबंधित बीमारियां भी होती हैं.
इन बातों का रखें विशेष ध्यान वरना होगा नुकसान
1.मिट्टी के बर्तन में खाना पकाने से पहले उन्हें पानी में भिगो देना चाहिए. उसके बाद पानी से निकालकर सूखे कपड़े से पोंछकर इसे आंच पर 2 मिनट के लिए रख देना चाहिए. इसके बाद इसमें जो भी भोजन पकाना चाहते हैं उसे डालकर पका लीजिए.
2.मिट्टी के बर्तन में खाना बनाते समय लकड़ी या फिर सिलिकॉन कड़छी का प्रयोग करना चाहिए. इससे मिट्टी के बर्तन फूटेंगे नहीं.
3.मिट्टी के बर्तन में खाना कम आंच में पकाना चाहिए. कम आंच में पका खाना सेहत के लिए भी फायदेमंद होता है बराबर आंच बर्तन में लगती है, इससे बर्तन भी सुरक्षित रहते हैं. तेज आंच में खाना पकाने से बर्तन टूटने का भी डर रहता है और खाना गलता है.
4.खाना बनाने के बाद जब भी मिट्टी के बर्तनों को साफ करें तो इस बात का विशेष ख्याल रखें कि इसके लिए मुलायम स्क्रब का उपयोग करें. इससे बर्तन टूटेंगे नहीं. और मिट्टी के महीन कण खाने में नही मिलते है जिससे खाने में किरकिरापन नहीं होता है.
ये हैं फायदे
बना रहता है भोजन का पीएच संतुलन
एक सामग्री के रूप में मिट्टी में अल्कलाइन गुण होते हैं. यह भोजन में मौजूद एसिड के साथ क्रिया करके भोजन के पीएच संतुलन को बनाए रखते हैं. टमाटर जैसे एसिडिक फूड्स मिट्टी के बर्तन से प्राकृतिक मिठास ले लेती हैं, और मिट्टी के बर्तनों में पकाने पर भोजन को एक बेहतरीन स्वाद प्रदान करती हैं.
भोजन में बनाए रखें 100% पोषण
मिट्टी के बर्तनों में खाना पकाने के दौरान एवोपोरेट होने वाली सभी स्टीम और वेपर को बनाए रखने का एक अनूठा गुण होता है. यह भोजन के सभी पोषक तत्वों के नेचुरल फॉर्म को बनाए रखने में मदद करता है. इससे खाने में अधिक तेल या पानी डालने की आवश्यकता कम हो जाती है. इस प्रकार खाना बनाने के लिए इसका इस्तेमाल करना फायदेमंद माना जाता है.
कम तेल का होता है इस्तेमाल
मिट्टी के बर्तनों में फैट फ्री खाना बनाना संभव है, क्योंकि उनमें नॉनस्टिक गुण होते हैं. इससे मिट्टी के बर्तनों में खाना पकाने के दौरान तेल के कम उपयोग में मदद मिलती है, जिसके परिणामस्वरूप आपके खराब कोलेस्ट्रॉल में कमी आती है और आपकी वजन खासकर कमर पतली हो जाती है. एक अतिरिक्त लाभ यह है कि इससे आपको नमक का उपयोग कम करने में भी मदद मिलती है.
बनता है अधिक स्वादिष्ट खाना
मिट्टी के बर्तनों में पकाया गया भोजन अन्य बर्तनों की तुलना में अधिक स्वादिष्ट होता है. क्युकी मिट्टी के बर्तन में बने भोजन में नमी की मात्रा बरकरार रहती है, जिससे आपका भोजन पारंपरिक खाना पकाने की तुलना में अधिक रसदार, कोमल और ताज़ा बनता है. यह मिट्टी में खाना पकाने के लिए अद्वितीय है और मसालों और सीज़निंग को भोजन में अधिक गहराई तक ले जाने में मदद करता है, जिससे खाद्य पदार्थों का स्वाद बढ़ जाता है.
हृदय स्वास्थ्य के लिए है फायदेमंद
मिट्टी के बर्तन में खाना पकाने का सबसे अच्छा हिस्सा तेल का कम उपयोग है. मिट्टी के बर्तनों में खाना पकाने की प्रक्रिया अन्य बर्तनों की तुलना में धीमी होती है. यह गुण खाद्य पदार्थों में मौजूद प्राकृतिक नमी और प्राकृतिक तेल को बनाए रखने में मदद करता है, जिससे यह आपके दिल के लिए बेहतर बनता है. हृदय के मरीजों को खासकर मिट्टी के बर्तन में बने खाने का सेवन करना चाहिए.
साफ करना भी बेहद आसान
मिट्टी के बर्तन कैसे धोने हैं, इस बात की जानकारी न होने की वजह से कई बार लोग इन्हें खरीदने से भी परहेज करते हैं. मिट्टी के बर्तनों को धोना बहुत ही आसान है. इसके लिए आपको किसी केमिकल युक्त साबुन या लिक्विड की जरूत नहीं होती. आप इन बर्तनों को सिर्फ गर्म पानी की मदद से भी साफ कर सकते हैं. चिकनाई वाले बर्तनों को साफ करने के लिए आप पानी में नींबू निचोड़ कर भी डाल सकते हैं अगर आप बर्तनों को रगड़कर साफ करना चाहते हैं तो इसके लिए नारियल की बाहरी छाल का इस्तेमाल कर लें.
कैसे करें मिट्टी के बर्तनों का इस्तेमाल
सबसे पहले मिट्टी का बर्तन बाजार से घर खरीदकर लाने के बाद उस पर खाने वाला तेल जैसे सरसों का तेल, रिफाइंड आदि लगाकर बर्तन में तीन चौथाई पानी भरकर रख दें. इसके बाद बर्तन को धीमी आंच पर रखकर ढककर रख दें. 2-3 घंटे पकने के बाद इसे उतार लें और ठंडा होने दें. इससे मिट्टी का बर्तन सख्त और मजबूत हो जाएगा. साथ ही इससे बर्तन में कोई रिसाव भी नहीं होगा और मिट्टी की गंध भी चली जाएगी. बर्तन में खाना बनाने से पहले उसे पानी में डुबोकर 15-20 मिनट के लिए रख दें. उसके बाद गीले बर्तन को सुखाकर उसमें भोजन पकाएं.
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