[ad_1]
Last Updated:
Etawa Lion Safari : इस गर्मी में जहां लेपर्ड अपने अपने बाड़े के मचानों में आराम फरमा रहे हैं. एशियाई शेर खुले में टहल रहे हैं. हिरण, साभर और भालुओं ने फूस की छप्पर के नीचे जमघट लगा रखा है.

इटावा सफारी पार्क में मिस्ट तकनीकी से तापमान को 30 डिग्री तक ला दी जा रही है शेर
हाइलाइट्स
- मिस्ट तकनीक से तापमान 30-35 डिग्री तक रखा जा रहा है.
- भीषण गर्मी से राहत देने के लिए खोजी गई तकनीक.
- सफारी पार्क में 22 एशियाई शेर, 5 लेपर्ड, 5 भालू और सैकड़ों हिरण हैं.
Etawah Safari Park. एशियाई शेरों के सबसे बड़े घर के रूप में मशहूर उत्तर प्रदेश के इटावा लॉयन सफारी के वन्यजीवों को भीषण गर्मी से बचाने के लिए अनूठी तकनीक का सहारा लिया जा रहा है. “मिस्ट” नाम की इस तकनीक के जरिए इटावा सफारी पार्क का तापमान 30 और 35 डिग्री के आसपास कर लिया जाता है, जो एशियाई शेरों को बहुत भाता है. बदन जलाऊ 42 डिग्री तापमान के बीच अगर कहीं पारा 30 से 35 डिग्री हो जाए तो इससे बेहतर क्या बात हो सकती है. Etawa Lion Safari में इन दिनों मिस्ट तकनीकी के जरिए तापमान को 42 डिग्री से घटा कर 30 से 35 डिग्री तक रखा जा रहा है. इटावा सफारी पार्क प्रबंधन ने भीषण गर्मी से वन्यजीवों को राहत देने के लिए जहां ऐसी, कूलर और फूस के छप्पर आदि लगवाया, वहीं मिस्ट तकनीकी का सहारा भी ले रहा है.
मचानों पर आराम
इस समय इटावा सफारी पार्क में 7 शावकों समेत 22 एशियाई शेर, पांच लेपर्ड, पांच भालू, सैकड़ों की संख्या में काले हिरण और संभार आदि जैसे वन्य जीव हैं. इन जीवों को भीषण गर्मी से बचाने के लिए स्प्रिंगलर की मदद से पानी से तर किया जा रहा है. इस गर्मी में जहां लेपर्ड अपने अपने बाड़े के मचानों में आराम फरमा रहे हैं, दूसरी ओर सफारी का मुख्य आकर्षण एशियाई शेर खुले में भ्रमण कर रहे हैं और अक्सर पेड़ों की छांव के नीचे लेटे रहते हैं. उधर, हिरण, साभर और भालू जैसे वन्यजीवों ने भीषण गर्मी में फूस की छप्पर के नीचे जमघट लगाया हुआ है.
लॉयन सफारी के एक सफारी कर्मी ने बताया कि गर्मी बढ़ने के साथ ही यहां शेर हांफने लगते हैं. उन्हें ठंडा रखने के कई तरीके आजमाए जाते हैं ताकि वन्यजीव बीमार न पड़ें. इटावा सफारी पार्क के क्षेत्रीय वन अधिकारी रूपेश श्रीवास्तव बताते हैं कि एशियाई शेरों को गर्मी से बचाने को मिस्ट तकनीक का सहारा लेकर फुव्वारे नुमा पाइपों से पानी की फुहार उनके बाड़े में कराई जा रही है. इससे शेरों को काफी राहत मिल रही है.
[ad_2]
Source link