[ad_1]
Last Updated:
When To Go For Eye Test: आंखों की समय-समय पर जांच कराना जरूरी है. इससे आंखों की बीमारियों का पता लगाने में मदद मिल सकती है. सभी वयस्कों को साल में एक बार आई चेकअप करवाना चाहिए, ताकि आंखों को हेल्दी रखा जा सके.

हाइलाइट्स
- बच्चों को पहली बार 6 महीने की उम्र में आंखों की जांच जरूर करवानी चाहिए.
- 18 से 40 साल के वयस्कों को साल में एक बार आंखों की जांच करवानी चाहिए.
- जिन लोगों को पहले से आंखों की समस्या हो, वे हर 3 से 6 महीने में चेकअप कराएं.
नई दिल्ली के सिरी फोर्ट स्थित विजन आई सेंटर के मेडिकल डायरेक्टर डॉ. तुषार ग्रोवर ने News18 को बताया कि समय-समय पर सभी लोगों को अपनी आंखों की जांच करवानी चाहिए. कई बार आंखों में परेशानी पैदा होने लगती है और उसका पता भी नहीं चल पाता है. अगर समय रहते आंखों की परेशानियों का ट्रीटमेंट न किया जाए, तो आंखों की रोशनी कम होने लगती है. आंखों की जांच से मोतियाबिंद, ग्लूकोमा, रेटिनल डिसीज और आंखों में संक्रमण जैसी समस्याओं का पता लगाया जा सकता है. आंखों के चेकअप से आपको यह भी पता चल सकता है कि आपका आंखों का दृष्टिकोण और फोकस ठीक है या नहीं है. हर उम्र के लोगों को आंखों का रूटीन चेकअप जरूर करवाना चाहिए. इससे आंखों को हेल्दी रखने में मदद मिल सकती है.
कितने महीने में करवानी चाहिए आंखों की जांच?
एक्सपर्ट की मानें तो 40 साल के बाद आंखों की जांच के लिए एक साल में एक बार डॉक्टर से सलाह लेना महत्वपूर्ण होता है. इस उम्र में कई तरह की आंखों की बीमारियाँ जैसे कि मोतियाबिंद और ग्लूकोमा का खतरा बढ़ जाता है. इसके अलावा उम्र बढ़ने के साथ-साथ रेटिनल समस्याओं का भी खतरा बढ़ सकता है जैसे उम्र संबंधी मैक्युलर डिजेनेरेशन (AMD). नियमित जांच से इन समस्याओं का समय रहते पता चल सकता है. इसके अलावा अगर आपको पहले से आंखों की कोई समस्या है या आपके परिवार में किसी को आंखों की बीमारियां हैं, तो हर 3 से 6 महीने में डॉक्टर से सलाह लेकर जांच करवानी चाहिए.
ये संकेत दिखने पर तुरंत डॉक्टर से मिलें
आंखों में कोई भी असामान्य लक्षण दिखने पर तुरंत आंखों की जांच करवानी चाहिए. धुंधला दिखना या कम विजन होना, आंखों में दर्द या जलन, अचानक विजन में परिवर्तन, आंखों के आसपास या अंदर लालिमा और लगातार सिरदर्द जैसे लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और आंखों की जांच करवाएं. आंखों की नियमित जांच से न केवल विजन रिलेटेड समस्याओं को समय रहते पकड़ा जा सकता है, बल्कि यह अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के संकेतों को भी पहचानने में मदद करती है. आंखों की समस्याओं का इलाज जितना जल्दी किया जाता है, उतना ही असरदार होता है.
अमित उपाध्याय News18 Hindi की लाइफस्टाइल टीम में सीनियर सब-एडिटर के तौर पर काम कर रहे हैं. उन्हें प्रिंट और डिजिटल मीडिया में करीब 8 साल का अनुभव है. वे हेल्थ और लाइफस्टाइल से जुड़े टॉपिक पर स्टोरीज लिखते हैं. …और पढ़ें
अमित उपाध्याय News18 Hindi की लाइफस्टाइल टीम में सीनियर सब-एडिटर के तौर पर काम कर रहे हैं. उन्हें प्रिंट और डिजिटल मीडिया में करीब 8 साल का अनुभव है. वे हेल्थ और लाइफस्टाइल से जुड़े टॉपिक पर स्टोरीज लिखते हैं. … और पढ़ें
[ad_2]
Source link