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Fact Check : भारतीय गुरू प्रेमानंद महाराज के वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे हैं, जिनमें उन्हें अलग-अलग भाषाओं में प्रवचन देते हुए देखा जा सकता है. ये वीडियो सोशल मीडिया में लाइक्स और शेयरिंग पाने…और पढ़ें

प्रेमानंद महाराज के आश्रम ने अन्य भाषाओं में डब किए वीडियोज पर आपत्ति जताई है.
हाइलाइट्स
- प्रेमानंद महाराज के नाम का गलत इस्तेमाल हो रहा है.
- आश्रम ने एआई से बने वीडियो पर आपत्ति जताई है.
- लोगों से ऐसे वीडियो न बनाने और शेयर न करने की अपील की गई है.
वृन्दावन/ मथुरा. भारतीय गुरू प्रेमानंद महाराज के नाम और छवि का गलत इस्तेमाल हो रहा है. अलग-अलग भाषाओं में उनके वीडियो जारी हो रहे हैं. इस पर उनके आश्रम श्री हित राधा केली कुंज ने आपत्ति दर्ज कराई है. आश्रम का कहना है कि ये वीडियो एआई की मदद से बन रहे हैं. यह कानूनन अपराध है. यह आश्रम की मर्यादा का उल्लंघन है. आश्रम ने लोगों से ऐसे वीडियो नहीं बनाने की अपील की है. इन्हें सोशल मीडिया पर शेयर नहीं करने को भी कहा गया है.
प्रेमानंद महाराज बहुत लोकप्रिय हैं. सोशल मीडिया पर उनकी बड़ी संख्या में फॉलोअर्स हैं. कुछ गलत लोग इसका फायदा उठा रहे हैं. आश्रम के अनुसार, एआई का इस्तेमाल हो रहा है. इससे प्रेमानंद महाराज की आवाज और चेहरे जैसे वीडियो बन रहे हैं. इन वीडियो में महाराज जी अलग-अलग चीजों का प्रचार कर रहे हैं. वे ऐसे बयान दे रहे हैं जो उन्होंने कभी नहीं दिए. ये वीडियो कई भाषाओं में फैलाए जा रहे हैं. इससे लोगों में भ्रम पैदा हो रहा है.

आश्रम ने अन्य भाषाओं में जारी वीडियोज पर आपत्ति जताई है.
प्रेमानंद महाराज एक प्रसिद्ध हिंदू गुरु हैं. उनका असली नाम अनिरुद्ध कुमार पांडे है. उनका जन्म 1969 में कानपुर के पास हुआ था. वे राधावल्लभ संप्रदाय से जुड़े हैं. वृन्दावन में उनका आश्रम है. वे लाखों लोगों का मार्गदर्शन करते हैं. महाराज जी के प्रवचन भक्तिमय होते हैं. वे राधा-कृष्ण से बहुत प्रेम करते हैं. सोशल मीडिया पर उनके सत्संग के वीडियो बहुत पसंद किए जाते हैं. इनमें वे जीवन की कई बातों पर अपने विचार रखते हैं.
श्री हित राधा केली कुंज आश्रम ने एक बयान जारी किया है. आश्रम ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई है. आश्रम ने साफ कहा है कि प्रेमानंद महाराज किसी भी विज्ञापन से नहीं जुड़े हैं. एआई से बने ये वीडियो गलत हैं. यह कानून का उल्लंघन है. यह गुरु की शिक्षाओं के खिलाफ है. यह आश्रम की गरिमा को ठेस पहुंचाते हैं. आश्रम ने भक्तों से ऐसे वीडियो पहचानने को कहा है. इन्हें शेयर न करने की अपील की है. आश्रम ने ऐसे लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी है. यह घटना एआई के गलत इस्तेमाल को दिखाती है. सोशल मीडिया पर गलत जानकारी फैल रही है. इससे धार्मिक गुरु भी प्रभावित हो रहे हैं.
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