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Food Startup: मौसी ने दिखाई राह, मां का हाथ बंटाते पिकल गर्ल बन गई रुचिका, सरगुजा सहित जम्मू कश्मीर भी भेज चुकी हैं अचार 

पिकल गर्ल 

हाइलाइट्स

  • रुचिका गुप्ता ने मां के साथ शुरू किया अचार का स्टार्टअप
  • हर महीने तीस हजार रुपये कमा रही है रुचिका
  • ‘पिकल गर्ल’ के नाम से फेमस है रुचिका

सरगुजा. छत्तीसगढ़ के सरगुजा की लड़की रुचिका लड़कों से कंधा मिलाकर चल रही है. लड़की ने अपनी मां के साथ एक ऐसा स्टार्टअप शुरू किया है जिसके बुते आज़ उसे एक अलग पहचान मिल रही है. आखिर जानते हैं कि लड़की ने ऐसा किया क्या है?

ऐसे शुरू हुआ था सफर 
अम्बिकापुर के आकाशवाणी चौक पर रूचिका गुप्ता ने अपनी मां के साथ हाथ बंटाते हुए अचार की बिक्री शुरू की, बिक्री अच्छी होने पर दोनों ने मिलकर अचार का स्टार्टअप शुरू किया. घर पर तमाम प्रकार के अचार तैयार कर बेचना शुरू कर दी. उस दौरान आकाशवाणी चौक पर फुटपाथ पर ये दोनों अचार का स्टॉल लगाती थीं, सुविधाओं के अभाव में भी मेहनत करतीं रहीं. धीरे-धीरे इन्होंने टेबल और कुर्सी पर लगाना शुरू किया, जिसके बाद रुचिका गुप्ता ने हर एक सीज़न के लिए सीजन के मुताबिक अचार बनाना शुरू किया.

पिकल गर्ल के नाम से बनाई पहचान 
रुचिका गुप्ता बीए सेकंड ईयर की छात्रा है. पढ़ाई के साथ अपने मां को सहारा दिया, रुचिका गुप्ता की कहानी संघर्षों से भरी है. लेकिन फिर भी एक छोटे से स्टार्टअप को आज़ इतना फेमस कर दिया कि लोग अब रुचिका को पिकल गर्ल के नाम से जानते और पहचानते हैं.

 नींबू, मिर्च, गाजर, आंवला, कटहल, पकरी जामुन जैसे अचार उपलब्ध 
लोकल 18 से बातचीत में रुचिका गुप्ता बतातीं है कि उन्होंने अपने मां को सहारा दिया. धीरे-धीरे 50 बाक्स तैयार करने के बाद नाम के साथ पैसा कमा रही है. जिससे उनके जीवन में बदलाव देखने को मिल रहा है.  रूचिका मानती है कि किसी भी क्षेत्र में हर महिला पुरूष के कंधे से कंधा मिलाकर चल रही है. यही वजह है कि अब सड़कों पर अचार के डिब्बों के साथ खड़े रहने वाली एक लड़की को लोग पिकल गर्ल के नाम से अलग पहचान मिल रहा है.

हुनर है तो उसे सामने लाईए
रुचिका अचार बेचकर उन बेटियों को नसीहत दे रही हैं जो सोशल मीडिया के चक्कर में अपना समय बर्बाद करती हैं. उनके मुताबिक यदि आपके अंदर किसी भी तरह का हुनर है तो उसे सामने लाईए, ताकि आपका जीवन बेहतर हो सके, रूचिका और उसकी मां की संघर्ष की कहानी लंबी है. मां ने तकलीफें सहीं और बेटी को लायक बनाया, लेकिन अब बेटी मां का सहारा बन चुकी है, रुचिका अपनी मां को बेटे की कमी महसूस नहीं होने दे रही हैं. खुद का स्टार्टअप कर पैसे कमाने घर से बाहर निकल चुकी हैं बेझिझक स्ट्रीट वेंडर्स की लाइन में खड़ी ये पिकल गर्ल अपनी तकदीर खुद लिख रही है.

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अचार से रुचिका ने लिखी सफलता की कहानी, स्टार्टअप से स्थानीय लोगों को मिला काम

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