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Gadar 2 Movie Review: साल 2000 में सनी देओल और अमीषा पटेल की फिल्म ‘गदर’ ने जो तहलका मचाया था, उसकी गूंज किस्से कहानियों में आज भी सुनाई देती है. उस दौर में निर्देशक अनिल शर्मा की इस फिल्म को देखने लोग ट्रैक्टरों में भर-भर कर सिनेमा हॉल तक पहुंचे थे. 23 सालों बाद अनिल शर्मा, तारा सिंह और सकीना की इस ‘गदर: एक प्रेम कथा’ के आगे की कहानी लाए हैं. सनी देओल, अमीषा पटेल की इस फिल्म की दूसरी किस्त आज सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है. 1971 के लाहौर में सेट इस कहानी में तारा सिंह के अकेले पाकिस्तान में जाकर अपने प्यार के लिए लड़ता है. सालों पहले इस कहानी को दर्शकों ने खूब पसंद किया था. देखते हैं, 23 सालों बाद भी क्या तारा सिंह और सकीना की ये कहानी ‘गदर’ मचा पाएगी? चलिए इस रिव्यू के जरिए बताती हूं.
जानें क्या कहती है कहानी: तारा सिंह और सकीना अब पठानकोट में अपने बेटे जीते के साथ रहते हैं. जीते के सिर पर फिल्मों का भूत सवार है और तारा सिंह चाहता है कि उसका बेटा अब पढ़ लिखकर बड़ा आदमी बने, उसकी तरह ट्रक ड्राइवर नहीं. दूसरी तरफ पाकिस्तानी का मेजर हामिद, तारा सिंह के लिए दिल में जहर भरे बैठा है और किसी भी हालत में तारा सिंह को खत्म करना चाहता है. तारा सिंह की जिंदगी में ट्विस्ट तब आता है जब एक बार फिर उसका बेटा पाकिस्तान में फंस जाता है. पिछली बार सकीना को बचाकर लाने वाला तारा इस बार अपने बेटे जीते को बचाकर लाएगा. अब ये कैसे होता है, यही देखने आपको फिल्म देखने जाना होगा.
एक्टिंग और डायरेक्शन
एक्टिंग की बात करें तो तारा सिंह के अवतार में सनी देओल फिर से छा गए हैं. चाहे सकीना के आगे पिघलना हो या फिर गुस्से वाले सीन, सनी देओल का स्टाइल आपको पसंद आएगा. अमीषा पटेल के पास रोने और शरमाने से ज्यादा कुछ है नहीं. वो ठीक रही हैं. फिल्म में इस बार उत्कर्ष शर्मा को खूब स्पेस दिया गया है. उत्कर्ष अपने अंदाज में ठीक भी लगे हैं. हालांकि वो कई जगह थोड़े ओवर एक्टिंग करते हुए लगे हैं. अमरीश पुरी की कमी को पूरा करने का काम मनीष वाधवा ने किया है. वाधवा मेजर हामिद के अंदाज में जंचे हैं. जितना खूंखार उन्हें लगना था, उतना लगे हैं.
गदर 2 के साथ धमाकेदार कमबैक कर रहे हैं सनी देओल.
क्या काम करेगा
फिल्म का फर्स्ट हाफ काफी लाइट और कहानी को बढ़ाने वाला है. शुरुआत में किरदारों का बैकग्राउंड बताने के लिए नाना पाटेकर की आवाज सुनाई देती है, जो जच रही है. अगर आपने हाल-फिलहाल में ‘गदर’ नहीं देखी तो ‘गदर 2’ देखने के लिए आपको उसे दोबारा देखने की जरूरत नहीं पड़ेगी, क्योंकि पहली कहानी की पूरी छलक शुरुआत में दिखाई गई है. ‘गदर 2’ को नॉस्टेलजिया के पूरे नंबर मिलेंगे. चाहे ‘गदर’ के गाने हों या फिर पुराने किरदारों की झलक, पुरानी फिल्म की कई यादें जरूर याद आएंगी. फर्स्ट हाफी में कहानी लाइट से इमोशनल हो जाती है. ‘गदर 2’ एक फुल ऑन मसाला एंटरटेनर फिल्म है और इसकी सारी ताकत इसके डायलॉग्स में है. फिल्म में कई डायलॉग ऐसे हैं जब तालियां और सीटियां बजाई जाएंगी. फिल्म के क्लाइमैक्स में ‘हिंदुस्तान जिंदाबाद’ वाला पूरा सिच्युएशन क्रिएट किया गया है और यकीन मानिए पूरे थिएटर में कोई न कोई तो ऐसा होगा ही जो इस फिल्म को देखते हुए ये नारा जरूर लगाएगा.
क्या नहीं जमेगा
फिल्म की कमजोरी साबित हो सकती है इसकी लंबाई जो अखरती है. गाने बहुत ज्यादा है और उनकी लंबाई भी काफी है. हर थोड़ी-थोड़ी देर में गाने आते हैं जो कहानी के पेस को खराब करते हैं. ये भारीपन इंटरवेल के बाद ज्यादा महसूस होता है. सेकंड हाफ में बहुत से चेज सीक्वेंस है, जो एक हद के बाद बोर करने लगते हैं. और हां, अगर 23 साल बाद आप उम्मीद कर रहे हैं कि फिल्म में हो रही चीजों के पीछे बहुत ज्यादा लॉजिक की उम्मीदें करेंगे, तो ये आपकी गलती है, मेकर्स की नहीं. एक और बात, हो सकता है कि ये फिल्म देखने के बाद आपका बंदूकों, गोला बारूद और बम वगैरह की ताकत से विश्वास ही उठ जाए. ऐसा लगता है कि ये सब फिल्म में बस धूल उड़ाने और आग निकालने के लिए हैं. क्योंकि मर तो इनसे कोई नहीं रहा.
दर्शकों ने गदर 2 को बताया सुपरहिट.
‘गदर 2’ एक ऐसे दौर में आई है, जब हिंदी सिनेमा दर्शकों की कमी से जूझ रहा है. लेकिन ‘गदर 2’ ने सिनेमाघरों को फिर से गुलजार कर दिया है. लोग सुबह के शो में भी बच्चों, परिवार और दोस्तों के साथ आ रहे हैं. ये एक मसाला फिल्म है, जो वो सब आपको देती है, जिसका वो वादा करती है. मेरी तरफ से इस फिल्म को 3 स्टार.
डिटेल्ड रेटिंग
कहानी | : | |
स्क्रिनप्ल | : | |
डायरेक्शन | : | |
संगीत | : |
Tags: Sunny deol, Entertainment
FIRST PUBLISHED : August 11, 2023, 12:54 IST
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