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UP News: हर्षवर्धन जैन कवि नगर के एक किराए के मकान से यह अवैध दूतावास चला रहा था. वह डिप्लोमेटिक नंबर प्लेटों वाली चार लग्जरी गाड़ियों का इस्तेमाल करता था और लोगों को प्रभावित करने के लिए प्रधानमंत्री, राष्ट्रप…और पढ़ें

Ghaziabad: किराए के दो कमरे में दूतावास, लग्जरी गाड़ियां और बहुत लोग… खुद को बताता था एंबेसडर, पहुंची पुलिस तो…हर्षवर्धन जैन गिरफ्तार.

हाइलाइट्स

  • अवैध दूतावास चलाने वाला आरोपी गिरफ्तार.
  • चार लग्जरी गाड़ियों का इस्तेमाल करता था.
  • 2011 में एक अवैध सैटेलाइट फोन बरामद हुआ था.
गाजियाबाद: उत्तर प्रदेश की स्पेशल टास्क फोर्स (STF) की नोएडा यूनिट ने गाजियाबाद के कवि नगर में एक फर्जी दूतावास का भंडाफोड़ किया है. इस मामले में मुख्य आरोपी हर्षवर्धन जैन को गिरफ्तार किया गया है, जो किराए के मकान में वेस्ट आर्कटिक, सबोरगा, ओलिविया, और लोडोनिया जैसे काल्पनिक देशों के दूतावास अवैध रूप से चला रहा था. हर्षवर्धन खुद को इन माइक्रोनेशन देशों का भारत में काउंसुल और राजदूत बताकर लोगों को ठगता था.

एसटीएफ के अनुसार, हर्षवर्धन जैन कवि नगर के एक किराए के मकान से यह अवैध दूतावास संचालित कर रहा था. वह डिप्लोमेटिक नंबर प्लेटों वाली चार लग्जरी गाड़ियों का इस्तेमाल करता था और लोगों को प्रभावित करने के लिए प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, और अन्य नामचीन हस्तियों के साथ मॉर्फ की गई तस्वीरें दिखाता था. उसका मुख्य काम कंपनियों और व्यक्तियों को विदेशों में नौकरी और कारोबार दिलाने के नाम पर दलाली करना था. इसके अलावा, वह शेल कंपनियों के जरिए हवाला रैकेट भी चला रहा था.
हर्षवर्धन के तार कुख्यात चंद्रस्वामी और अंतरराष्ट्रीय हथियार डीलर अदनान खाशोगी से भी जुड़े रहे हैं. 2011 में उसके पास से एक अवैध सैटेलाइट फोन बरामद हुआ था, जिसका मामला कवि नगर थाने में दर्ज है.

एसटीएफ ने की बड़ी बरामदगी
एसटीएफ नोएडा यूनिट ने गुप्त सूचना के आधार पर हर्षवर्धन के ठिकाने पर छापा मारा. 

  • डिप्लोमैटिक नंबर प्लेट लगी चार लग्जरी गाड़ियां
  • माइक्रोनेशन देशों के 12 फर्जी डिप्लोमैटिक पासपोर्ट
  • विदेश मंत्रालय की मोहर लगे जाली दस्तावेज
  • दो फर्जी पैन कार्ड
  • विभिन्न देशों और कंपनियों की 34 मोहरें
  • दो फर्जी प्रेस कार्ड
  • नकद 44,70,000 रुपये
  • कई देशों की विदेशी करेंसी
  • कंपनियों से जुड़े दस्तावेज
  • 18 डिप्लोमैटिक नंबर प्लेट
  • हर्षवर्धन का आपराधिक इतिहास
    एसटीएफ के डिप्टी एसपी राजकुमार सिंह ने बताया कि हर्षवर्धन जैन लंबे समय से फर्जी दस्तावेजों और शेल कंपनियों के जरिए अवैध गतिविधियां चला रहा था. वह काल्पनिक माइक्रोनेशन देशों के नाम पर लोगों को ठगता था और विदेशों में कारोबार या नौकरी दिलाने का झांसा देकर मोटी रकम वसूलता था. उसने अपने ठिकाने को दूतावास का स्वरूप देकर लोगों को भ्रमित करने की कोशिश की.पुलिस के अनुसार, हर्षवर्धन ने फर्जी डिप्लोमेटिक पासपोर्ट और प्रेस कार्ड बनवाकर कई लोगों को धोखा दिया. उसका हवाला रैकेट भी कई देशों तक फैला हुआ था, जिसकी जांच में एसटीएफ जुट गई है.

    पुलिस की कार्रवाई और जांच
    एसटीएफ ने हर्षवर्धन जैन के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 420 (धोखाधड़ी), 467 (जालसाजी), 468 (जालसाजी के इरादे से दस्तावेज बनाना), 471 (जाली दस्तावेज का उपयोग), और अन्य संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है. इसके अलावा, पासपोर्ट एक्ट और अन्य कानूनों के उल्लंघन के लिए भी कार्रवाई की जा रही है. एसटीएफ के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ASP) विशाल सिंह ने बताया कि हर्षवर्धन के नेटवर्क की जांच के लिए एक विशेष टीम गठित की गई है. यह पता लगाया जा रहा है कि उसके साथ और कौन-कौन लोग शामिल थे और कितने लोगों को उसने ठगा. हवाला रैकेट और शेल कंपनियों के जरिए हुए लेनदेन की भी गहन जांच की जा रही है.

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    दो कमरे में दूतावास, लग्जरी गाड़ियां और बहुत लोग… खुद को बताता था एंबेसडर

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