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Vitamin B3 Deficiency: विटामिन बी 9 प्रकार के होते हैं. इनमें विटामिन बी 3 महत्वपूर्ण है. इसका नाम नियासिन भी है. आमतौर पर लोग इस विटामिन की कमी को नजरअंदाज कर देते हैं लेकिन विटामिन बी 3 की कमी हो जाए तो शरीर धीरे-धीरे मौत की ओर चली जाती है. विटामिन बी की कमी के कारण पेलाग्रा नाम की बीमारी होती है. पेलाग्रा ऐसी बीमारी है जिसमें पूरा शरीर प्रभावित हो जाता है. शरीर के अंग काम करने बंद हो जाते हैं. अगर आपके भोजन में विटामिन बी 3 वाले फूड नहीं रहते है तो इससे जीवन पर गंभीर संकट आ सकता है.
विटामिन बी 3 की कमी से बीमारी
क्लीवलैंड क्लीनिक के मुताबिक विटामिन बी 3 की कमी से पेलाग्रा नाम की बीमारी होती है. यह कुपोषण से संबंधित बीमारी है. विटामिन बी 3 की बहुत कम जरुरत होती है लेकिन इतनी ही विटामिन बी 3 अमृत से कम नहीं है. शरीर में जितनी भी कोशिकाएं हैं सभी के फंक्शन के लिए नियासिन की जरुरत होती है. अगर इसकी कमी हो जाए तो स्किन, मुंह, पेट यहां तक कि दिमाग पर भी असर पड़ने लगता है. यह नर्वस सिस्टम को बुरी तरह क्षतिग्रस्त कर देता है.
विटामिन बी 3 काम क्या करता हैट
विटामिन बी 3 फूड को कैलोरी में बदलता है. नियासिन छोटी आंत में एब्जॉर्व होता है जहां यह निकोटिनामाइड एडेनिन डायन्यूक्लियोटाइड (NAD) को एंजाइम में बदल जाता है. यह को-इंजाएम एंजाएम का ही एजेंट होता है. दोनों मिलकर काम करता है कि केमिकल रिएक्शन को उत्प्रेरित करता है. हमारे शरीर में 400 अलग-अलग एंजाइम इसी NAD एंजाइम पर निर्भर है. यानी अगर NAD न हो तो ये 400 एंजाएम बेकाम हो जाएंगे. NAD कार्बोहाइड्रैट, प्रोटीन और फैट से जो एनर्जी बनती है, उसमें भी मदद करता है. यह डीएनए का रिपेयर भी करता है और सेलुलर कम्युनिकेशन में भी काम करता है. इससे आप खुद ही अंदाजा लगा सकते हैं कि अगर शरीर में विटामिन बी 3 की कमी हो जाए तो इसका अंजाम क्या होता है.
नियासिन की कमी के संकेत
नियासिन की कमी से डायरिया हो जाएगा. स्टूल से ब्लड आने लगेगा. पेट में दर्द और अपच होगा. भूख नहीं लगेगी. उल्टी, मतली होगी, स्किन में खुजली होगी. मुंह में छाले पड़ने लगेंगे. हमेशा थकान और कमजोरी रहेगी. मूड स्विंग करेगा और डिप्रेशन भी होने लगेगा. कई तरह के न्यूरोलॉजिकल दिक्कतें भी होंगी.
नियासिन की कमी कैसे पूरी करें
नियासिन की जरुरत हमें हर दिन सिर्फ 15 मिलीग्राम होती है. इसके लिए बहुत सारी हरी पत्तीदार सब्जियों से इसे प्राप्त किया जा सकता है. मटर, आलू, पॉल्ट्री, मछली, चुकंदर, चावल, सूरजमुखी के बीज, चिकन, दालें, मूंगफली, एवोकाडो, ब्राउन राइस, साबुत गेहूं, मशरुम, हरी मटर आदि से नियासन आसानी से मिल जाता है.
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