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Eligibility for Interpreter: दुभाषिया बनने के लिए क्या क्या चाहिए?
प्रधानमंत्री का आधिकारिक दुभाषिया बनना कोई आसान काम नहीं है.इसके लिए आपको भाषा में महारत, सांस्कृतिक समझ और प्रोफेशनल स्किल्स की जरूरत पड़ती है. भारत में पीएम के दुभाषियों का चयन ज्यादातर विदेश मंत्रालय (Ministry of External Affairs)या भारतीय विदेश सेवा (IFS) के तहत होता है.इसके लिए कम से कम बैचलर डिग्री जरूरी है.यह किसी भी विषय में हो सकती है लेकिन भाषा,अंतरराष्ट्रीय संबंध या पॉलिटिकल साइंस जैसे विषयों को प्राथमिकता दी जाती है.इसके अलावा आपको कम से कम दो भाषाओं में फ्लुएंसी चाहिए-एक हिंदी या अंग्रेजी और दूसरी विदेशी भाषा जैसे रूसी,चीनी,फ्रेंच,स्पैनिश,जर्मन या अरबी. आपको इन भाषाओं को बोलने,पढ़ने और लिखने में पूरी तरह पारंगत होना होगा.
Interpreter Job Requirements: सर्टिफिकेशन भी होता है जरूरी
Interpreter Course and Training: जरूरी कोर्स और ट्रेनिंग
दुभाषिया बनने के लिए आपको प्रोफेशनल इंटरप्रेटिंग में ट्रेनिंग लेनी होती है.कुछ प्रमुख कोर्स और संस्थान इस प्रकार हैं-
लेवल 6 डिप्लोमा इन पब्लिक सर्विस इंटरप्रेटिंग (DPSI): यह यूके बेस्ड कोर्स है लेकिन भारत में भी कुछ संस्थान इसे ऑफर करते हैं.यह कोर्स आपको सरकारी और डिप्लोमैटिक सेटिंग्स में इंटरप्रेटिंग के लिए तैयार करता है.
सर्टिफिकेट कोर्स: Alliance Française (फ्रेंच), Max Mueller Bhavan (जर्मन) या Instituto Cervantes (स्पैनिश) जैसे संस्थान विदेशी भाषाओं में सर्टिफिकेट कोर्स ऑफर करते हैं. ये कोर्स 6 महीने से 1 साल के होते हैं.
IFS ट्रेनिंग: अगर आप संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा के जरिये भारतीय विदेश सेवा (IFS) में चुने जाते हैं तो आपको फॉरेन सर्विस इंस्टीट्यूट (FSI) नई दिल्ली में इंटरप्रेटिंग और डिप्लोमैटिक स्किल्स की ट्रेनिंग दी जाती है. इसमें एक साल का कोर्स होता है जिसमें अंतरराष्ट्रीय संबंध, विदेश नीति और भाषा ट्रेनिंग शामिल होती है.भारत में कुछ दुभाषिए संयुक्त राष्ट्र (UN) या यूरोपियन यूनियन (EU) के साथ काम करने की ट्रेनिंग भी लेते हैं क्योंकि वहां सिमल्टेनियस इंटरप्रेटिंग की डिमांड ज्यादा है. UN इंटरप्रेटर बनने के लिए आपको CEFR C2 लेवल (प्रोफेशनल फ्लुएंसी)की जरूरत होती है.
Interpreter Selection Process: कैसे होता सेलेक्शन?
भारत के पीएम का आधिकारिक दुभाषिया बनने के लिए दो मुख्य रास्ते हैं-
रास्ता 1: भारतीय विदेश सेवा (IFS) के जरिए
रास्ता 2: फ्रीलांस या कॉन्ट्रैक्ट-बेस्ड इंटरप्रेटर
Interpreter Salary: कितनी मिलती है सैलरी?
पीएम के आधिकारिक दुभाषिया की सैलरी उनके रोल और अनुभव पर निर्भर करती है.IFS ऑफिसर के लिए शुरुआती सैलरी 7वें वेतन आयोग के मुताबिक लेवल 10 के अंतर्गत 56,100 रुपये प्रति माह होती है.विदेश में पोस्टिंग के दौरान स्पेशल फॉरेन अलाउंस मिलता है जो $2,000-$5,000 प्रति माह यानी लगभग 1.5-4 लाख रुपये तक हो सकती है.जॉइंट सेक्रेटरी या ऊपर के लेवल पर सैलरी 1.44 लाख से 2.24 लाख रुपये प्रति माह हो सकती है.साथ ही विदेशी भत्ते भी मिलेंगे.इसके अलावा अतिरिक्त सुविधाओं में मुफ्त आवास, गाड़ी, सिक्योरिटी, मेडिकल सुविधाएं और बच्चों की विदेश में पढ़ाई का खर्च आदि मिलता है.
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Free Interpreter Salary: फ्रीलांस इंटरप्रेटर को कितना मिलता है?
भारत में सरकारी इंटरप्रेटर्स को प्रति दिन 6,000-15,000 रुपये मिल सकते हैं.विदेश में यूके जैसे देशों में फ्रीलांस इंटरप्रेटर्स को प्रति घंटा लगभग 2,000-5,000 रुपये मिलते हैं. पीएम के साथ काम करने पर प्रति असाइनमेंट लगभग 11,000-47,000 रुपये प्रति दिन हो सकता है.विदेशी दौरों पर ट्रैवल, रहने और खाने का खर्च सरकार उठाती है.अगर आप UN इंटरप्रेटर बनते हैं तो सैलरी $60,000-$100,000 प्रति साल यानी लगभग 50-80 लाख रुपये तक हो सकती है.
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