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मऊ जिले के मड़हा गांव में तमसा नदी पर बना पुल 10 वर्षों से अधूरा है, जिससे ग्रामीणों को 10-11 किमी ज्यादा दूरी तय करनी पड़ती है. किसानों को मुआवजा नहीं मिला और ग्रामीणों ने पुल निर्माण की मांग की है.

समस्या बताते ग्रामीण
हाइलाइट्स
- मऊ जिले में 10 वर्षों से अधूरा पुल निर्माण.
- ग्रामीणों को 10-11 किमी ज्यादा दूरी तय करनी पड़ती है.
- किसानों को मुआवजा नहीं मिला, पुल निर्माण की मांग.
मऊ: उत्तर प्रदेश के मऊ जिले के मुहम्मदाबाद गोहना विकासखंड के मड़हा गांव में तमसा नदी पर बना पुल पिछले 10 वर्षों से अधूरा पड़ा हुआ है. यह पुल आजमगढ़ और मऊ जनपदों को जोड़ने के लिए बनाया जा रहा था, लेकिन निर्माण कार्य अधूरा पड़ा है, जिससे ग्रामीणों में आक्रोश है. गांववासियों का कहना है कि अधूरे पुल के कारण उन्हें आजमगढ़ और मऊ जनपद जाने के लिए 10 से 11 किलोमीटर ज्यादा दूरी तय करनी पड़ती है. अगर यह पुल बनकर तैयार हो जाता है, तो इससे आजमगढ़ जिले के बदनपुर, इब्राहिमपुर, मोलीमाबाद, मिर्जापुर और मऊ जनपद के मडहा, पट्टी, वलीदपुर, भीरा, अतरारी, खैराबाद जैसे दर्जनों गांवों को आपस में जोड़ा जा सकता है.
किसानों को नहीं मिला मुआवजा
इस पुल के निर्माण के लिए कई किसानों की जमीन को अधिग्रहित किया गया था, लेकिन अब तक उन्हें मुआवजा राशि का भुगतान नहीं हुआ है. इस मुद्दे को लेकर किसानों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है और वे तहसील कार्यालय के चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन अधिकारियों से कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिल रहा है.
ग्रामीणों ने करी मांग
वहीं, ग्रामीणों ने पुल के निर्माण की मांग को लेकर नारेबाजी भी की. उनका कहना है कि अगर यह पुल पूरी तरह से बनकर तैयार हो जाता है, तो इससे न केवल गांववासियों की यात्रा में आसानी होगी, बल्कि किसानों को भी अपनी उपज, जैसे सब्जियां, अच्छे दामों पर बेचने का अवसर मिलेगा. ग्रामीणों ने प्रशासन से इस अधूरे पुल के निर्माण को जल्द पूरा करने की अपील की है. उन्होंने कहा कि पुल के बनने से ग्रामीणों को कई सुविधाओं का लाभ मिलेगा और उनका जीवन स्तर बेहतर होगा.
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