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खींप एक रेगिस्तानी पौधा है जिसे अक्सर खरपतवार समझकर नजरअंदाज कर दिया जाता है, लेकिन आयुर्वेद में इसकी मान्यता अब तेजी से बढ़ रही है. सीकर के वैद्य रामकिशोर वर्मा के अनुसार, खींप के रस से चुभे कांटे निकालने से लेकर, त्वचा रोगों में राहत और दुधारू पशुओं की बीमारियों तक के इलाज में इसका उपयोग होता है. इसकी फलियां स्वादिष्ट सब्जी में बदली जाती हैं और सूखे तनों से झोंपड़े और झाड़ू भी बनाई जाती है. यह पौधा स्वास्थ्य, सुंदरता और ग्रामीण जीवन के लिए एक अनमोल वरदान बनता जा रहा है.

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