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Indian Army, Indian Airforce, Verlin Panwar: उत्तराखंड की बेटी वर्लिन पंवार की कहानी किसी फिल्मी स्क्रीप्ट से कम नहीं है. कभी पापा से भारतीय सेना के किस्से सुनने वाली लड़की खुद भारतीय वायुसेना में शामिल हो गई. स्क्वाड्रन लीडर के रूप में वर्षों तक एयरफोर्स की नौकरी की. भारतीय वायुसेना में 10 साल तक आसमान की रखवाली करने वाली ये सुपर वुमन रिटायरमेंट के बाद भी रुकी नहीं. कभी फाइटर जेट्स को कंट्रोल किया, कभी IPL की टेक सिक्योरिटी संभाली और अब बॉलीवुड की फिल्मों में सैनिकों की सच्चाई को पर्दे पर ला रही हैं. ‘फाइटर’,‘ऑपरेशन वेलेंटाइन’ और ‘स्काई फोर्स’ जैसी फिल्मों में उनकी सलाह ने सेना की कहानियों को रियल टच दिया. आइए आपको बताते हैं सेना से लेकर आईपीएल और बॉलीवुड में अपनी धाक जमाने वाली वर्लिन पंवार की कहानी…
12 साल की उम्र में देखा सपना
वर्लिन का बचपन एक आर्मी परिवार में बीता.उनके पापा सेना में थे.वर्लिन पापा के साथ दौड़ते वक्त अक्सर उनकी कहानियां सुनती थीं.जिससे उनके मन में देश सेवा का जज्बा जागा. 12 साल की उम्र में उन्होंने देहरादून में पासिंग आउट परेड देखी तभी से ठान लिया कि वायुसेना में जाना है.कॉलेज में उन्होंने NCC की 11वीं गर्ल्स बटालियन जॉइन की. बारिश में परेड,कैंप्स की मेहनत और पढ़ाई का बैलेंस-सब कुछ झेलकर वो नेशनल लेवल पर बेस्ट कैडेट बनीं. यही शुरुआत उन्हें आगे चलकर आसमान तक ले गई.
बन गईं आसमान की ‘सुपरहीरो’
2008 में वर्लिन भारतीय वायुसेना में फाइटर कंट्रोलर बनीं.ये काम ऐसा था,जहां एक सेकंड की चूक देश को भारी पड़ सकती थी. 2018 में गणतंत्र दिवस की फ्लाईपास्ट से ठीक पहले वर्लिन ने रडार पर एक अनजान ऑब्जेक्ट पकड़ा,जो बॉर्डर पार से आ रहा था. पलक झपकते ही उन्होंने फाइटर जेट्स को स्क्रैम्बल करने का ऑर्डर दिया और खतरा टाल दिया. ये था उनका ‘सुपरहीरो’ मोमेंट, जो उनकी ट्रेनिंग और कूल दिमाग का सबूत है.वर्लिन के पापा ने कमीशनिंग के बाद कहा था कि रैंक सिर्फ पहनने की चीज नहीं, इसे कमाना पड़ता है और वर्लिन ने इसे हर दिन साबित किया. दस साल तक उन्होंने भारत के आसमान को सुरक्षित रखने में योगदान दिया.
रिटायरमेंट के बाद नई पारी: IPL से बॉलीवुड तक
2018 में रिटायर होने के बाद वर्लिन ने सोचा-अब क्या रुकना? वो सीधे IPL में टेक सिक्योरिटी के फील्ड में कूद पड़ीं, जहां उनकी सतर्कता और प्रोफेशनलिज्म ने सबका दिल जीत लिया.इसके बाद वो बॉलीवुड की दुनिया में आईं. फाइटर,ऑपरेशन वेलेंटाइन और स्काई फोर्स जैसी फिल्मों में मिलिट्री कंसल्टेंट बनकर उन्होंने सुनिश्चित किया कि सैनिकों की कहानियां पर्दे पर सच्चाई और सम्मान के साथ दिखें. डायरेक्टर्स और प्रोड्यूसर्स उनकी सलाह के कायल हो गए.एक मीडिया रिपोर्ट में उनके हवाले से कहा गया है कि फिल्में सिर्फ मनोरंजन नहीं, बल्कि देशभक्ति की भावना जगाने का जरिया हैं.
लड़कियों के लिए रोल मॉडल
वर्लिन आज उन लाखों युवाओं खासकर लड़कियों के लिए रोल मॉडल हैं,जो सेना में जाने का सपना देखते हैं. वो मेंटॉर बनकर नई पीढ़ी को रास्ता दिखाती हैं. उनकी सलाह है कि डर को गले लगाओ, लेकिन अपने मकसद पर भरोसा रखो.सोशल मीडिया पर कई युवा तो उनसे वायुसेना जॉइन करने की टिप्स मांगते हैं.
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क्यों खास है वर्लिन की कहानी?
वर्लिन पंवार की जर्नी बताती है कि देश सेवा का जज्बा कभी रिटायर नहीं होता. चाहे आसमान की हिफाजत हो, IPL की सिक्योरिटी हो, या बॉलीवुड में सैनिकों की सच्चाई को सामने लाना-वर्लिन हर जगह अपनी छाप छोड़ रही हैं.वह सिर्फ एक रिटायर्ड स्क्वाड्रन लीडर नहीं, बल्कि एक ऐसी शख्सियत हैं,जो हौसले,अनुशासन और देशभक्ति की मिसाल है.
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