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म्यूजिक जिंदगी के हर लम्हे में अपने आप शामिल हो जाता है. खाना पकाते वक्त, नहाते हुए, पूजा करने के दौरान और ऑफिस जाते हुए अपने आप हाथ म्यूजिक सिस्टम के बटन पर जाता है और गाना बजने लगता है. यहीं नहीं ब्रेकअप हुआ हो तो दुख भरे गीत और प्यार हुआ हो तो रोमांटिक गीत ही हमदम बनते हैं. मूड खराब हो तो गाने दिल को खुश करते हैं. जिम में एक्सरसाइज करने का जोश भी गाने ही बढ़ाते हैं. यानी म्यूजिक केवल बोल और कई तरह की धुनों का मिक्स एंड मैच नहीं बल्कि जिंदगी का हमराज है. आज इंटरनेशनल म्यूजिक डे है. म्यूजिक का इंसानों से अटूट रिश्ता है.
म्यूजिक से हैप्पी हार्मोन होते रिलीज
मनोचिकित्सक अवनि तिवारी कहती हैं कि जब भी व्यक्ति अपनी पसंद का संगीत सुनता है, तब शरीर में कई तरह के हैप्पी हार्मोन रिलीज होते हैं जिनमें डोपामाइन, सेरोटोनिन, एंडोर्फिन और ऑक्सासिन शामिल है. यह हार्मोन्स दिमाग को शांत रखते हैं. व्यक्ति का मूड बूस्ट करते हैं. म्यूजिक पल भल में दुखी मन को खुश कर करने की ताकत रखता है.
संगीत से पुराना नाता
संगीत की शुरुआत कब, कैसे हुई, कोई नहीं जानता. कुछ लोग इसे प्राचीन यूनान से जोड़ते हैं. कुछ रिसर्च इसे धर्म से जोड़ती हैं. कुछ कहानियों के अनुसार अफ्रीका में भगवान अयान ड्रम बजाते थे, ग्रीक गॉड अपोलो को लायरे नाम के म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट के साथ जोड़ा गया. बुक ऑफ जेनेसिस जिसे दुनिया की पहली बाइबिल कहा जाता है, उसके अनुसार एडम के वंशज जुबल को वीणा और बांसुरी का जनक माना गया. वहीं, हिंदू धर्म में बांसुरी को भगवान कृष्ण, वीणा को मां सरस्वती और शंख को भगवान विष्णु से जोड़ा गया. लेकिन इतिहासकारों को म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट के प्रमाण सबसे पहले प्राचीन मिस्र में मिले. वहीं, हड़प्पा और मोहनजोदड़ो की खुदाई में भी संगीत के प्रमाण मिले.
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म्यूजिक सुनने से एकाग्रता बढ़ती है (Image-Canva)
पहला गाना 823 साल पुराना?
इतिहासकारों के अनुसार दुनिया का सबसे पहला गाना हुर्रियन गीत है जिसे 1201 – 1300 के बीच लिखा गया. यह एक भजन है जो चंद्र देवता निक्कल के लिए गाया जाता था. मान्यता था कि इसे गाने से प्रजनन क्षमता बढ़ती थी. यह गीत एक शिला पर लिखा मिला जो प्राचीन उगारिट से जुड़ा है. उगारिट को अब राम शामरा के नाम से जाना जाता है. यह जगह सीरिया के पास है. यह पत्थर सीरिया के नेशनल म्यूजियम ऑफ दमिश्क में रखा हुआ है. 2015 में न्यूयॉर्क के इंस्टिट्यूट फॉर द स्टडी ऑफ द एंशिएंट वर्ल्ड ने इस पर स्टडी की थी.
क्या संगीत बढ़ाता आकर्षण?
विज्ञान के महान वैज्ञानिक चार्ल्स डार्विन ने अपनी दो किताबों ‘The Descent of Man’ (1871) और ‘The Expression of the Emotions in Man and Animals’ (1872) में म्यूजिक को सेक्शुअल सिलेक्शन से जोड़ा. उन्होंने लिखा कि इंसानों ने संगीत के सुर सबसे पहले विपरीत लिंग को आकर्षित करने के लिए बनाए. मनुष्य को संगीत विरासत में मिला गुण है जो नर्वस सिस्टम से जुड़ा है. डार्विन की इस थ्योरी का कई लोगों ने विरोध भी किया.
हर रोज 20 मिनट म्यूजिक सुनना जरूरी
मेडिकल न्यूज टुडे में जनरल ऑफ फीलाइन मेडिकल एंड सर्जरी की रिसर्च छपी. इसमें बिल्लियों पर रिसर्च की गई. रिसर्च के मुताबिक हर रोज 20 मिनट सुनने से थकान और तनाव दूर होता है. इससे याददाश्त बढ़ती है. एंग्जाइटी और डिप्रेशन की समस्या भी दूर होती है. म्यूजिक एक थेरेपी है. एक स्टडी के अनुसार जिन लोगों को दिल से जुड़ी समस्या होती है, उन्हें राग सारंग और राग दरबारी सुनना चाहिए. जिन लोगों को अनिद्रा की समस्या है उन्हें राग भैरवी सुनने से फायदा होता है.
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कई रिसर्च में सामने आया कि संगीत से शरीर का दर्द दूर होता है (Image-Canva)
संगीत सुधारे स्पीच
अगर किसी को स्पीच या लैंग्वेज डिसऑर्डर हो तो उन्हें म्यूजिक सुनने को कहा जाता है. इससे दिमाग की नसें अच्छे से काम करने लगती हैं. वहीं जिन लोगों को नई चीज याद करनी है या नए शब्द सीखने होते हैं तो वह गाते हुए अगर याद करें या उसे गाने के रूप में सुने तो उनकी भाषा सुधरती है.
प्रेग्नेंसी में सुनें गाने
प्रेग्नेंसी में गाने सुनने से बच्चा मेंटली और इमोशनली अच्छे से डेवलप होता है. गर्भ में पल रहा बच्चा प्रेग्नेंसी के 18वें महीने में आवाज सुनने लगता है. जो महिलाएं प्रेग्नेंसी में म्यूजिक सुनती हैं, उन्हें खुद भी स्ट्रेस नहीं होता और बच्चा भी कभी किसी मेंटल डिसऑर्डर का शिकार नहीं होता. कुछ रिसर्च कहती हैं कि प्रेग्नेंसी में 1 घंटे तक गाना सुनना सुरक्षित होता है लेकिन कभी हेडफोन पर और तेज आवाज में गाने ना सुनें. इससे गर्भ में बच्चे की नींद प्रभावित हो सकती है.
संगीत दुनिया की भाषा
संगीत एक ग्लोबल भाषा भी है जिसे किसी जुबान की जरूरत नहीं है. अमेरिका के मशहूर कवि हेनरी वड्सवर्थ लॉन्गफेलो ने कहा भी था कि संगीत ऐसी कला है जो समय और जगह को पार करती है. यह दुनिया की भाषा है. यह सच ही है तभी अब पंजाबी का अंग्रेजी से और हिंदी का अरबी भाषा से मिलन हो रहा है और लोग भाषा को ना समझते हुए भी गानों को एंजॉय करते हैं. आजकल इंस्टाग्राम पर ऐसे कई इंटरनेशनल गाने वायरल होते हैं जिनके बोल भले ही समझ ना आएं लेकिन लोग खुद को थिरकने से रोक नहीं पाते.
Tags: Brain science, Classical Music, Folk Music, Trending news
FIRST PUBLISHED : October 1, 2024, 18:18 IST
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