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नई दिल्ली. आईपीएल का सीजन 18 अब धीरे धीरे अपने शबाब पर पहुंच रहा है. भारतीय क्रिकेट के लिए अच्छी बात ये है कि सीनियर खिलाड़ी रंग में लौट रहे है और टीम के मैच विनर फॉर्म को हासिल करते नजर आ रहे है. सेलेक्शन कमेटी भी सांस में सांस ले रही होगी क्योंकि फाइनल से पहले उनको इंग्लैंड दौरे के लिए टीम का सेलेक्शन करना है.
सेलेक्शन कमेटी मई के दूसरे सप्ताह में इंग्लैंड के टेस्ट दौरे के लिए भारत और भारत ए टीम की घोषणा कर सकती है और ऐसे में उन्हें मध्यक्रम के दो स्थानों के लिए कम से कम छह दावेदारों के नाम पर विचार करना होगा. बीसीसीआई ने ऑस्ट्रेलिया दौरे पर 17 सदस्यीय टीम भेजी थी लेकिन इंग्लैंड के खिलाफ पांच टेस्ट मैच के लिए अंतिम टीम 15 या 16 खिलाड़ियों की हो सकती है.इस दौरे के समय भारत की ए टीम भी इंग्लैंड में रहेगी और ऐसे में मुख्य टीम की जरूरत के मुताबिक ए टीम के खिलाड़ी को बुलाया जा सकता है.
मिडिल ऑर्डर के सेलेक्शन पर पेंच
अजीत अगरकर के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय चयन समिति को कुछ खिलाड़ियों विशेष रूप से रिजर्व बल्लेबाजों को चुनने के लिए काफी सोच विचार करने की आवश्यकता होगी. सभी खिलाड़ी अगर फिट और स्वस्थ रहे तो कप्तान रोहित शर्मा, यशस्वी जायसवाल, लोकेश राहुल, शुभमन गिल और विराट कोहली का स्थान शुरुआती मैचों की अंतिम एकाद.श में तय होगा. हरफनमौला खिलाड़ी की भूमिका में नीतीश कुमार रेड्डी होंगे. दौरे पर जाने वाली टीम में अगर 15 खिलाड़ी होते हैं तो एक अतिरिक्त मध्यक्रम बल्लेबाज के लिए जगह होगी. अगर टीम में 16 खिलाड़ी हैं तो ऐसे दो खिलाड़ियों को शामिल किया जा सकता है. यह दौरा 20 जून से शुरू होगा और अगस्त के पहले सप्ताह में समाप्त होगा. अभी कोई भी मध्यक्रम के बल्लेबाजों का नाम तय नहीं करना चाहेगा, लेकिन सूत्रों की जानकारी के अनुसार कम से कम छह नामों पर चर्चा होने की उम्मीद है. इनमें से दो नहीं तो एक को सीनियर टीम में जगह मिल सकती है, जबकि बाकी निश्चित रूप से उसी समय इंग्लैंड लायंस (ए टीम) के खिलाफ होने वाली भारत ए श्रृंखला का हिस्सा होंगे.
नए दावदारों में है दम
साई सुदर्शन – प्रथम श्रेणी के 29 मैचों में सात शतक लगाने वाले साई सुदर्शन लाल गेंद के क्रिकेट में भी एक ऐसे खिलाड़ी हैं जिन पर नजर रखी जानी चाहिए. साई 7 मैच में 5 अर्धशतक लगातक आईपीएल में गुजरात टाइटन्स के लिए पहले ही खुद को साबित हो चुके हैं. चयनकर्ताओं की नजर इस खब्बू बल्लेबाज पर इसलिए भी होगी क्योंकि उनकी तकनीक अच्छी है और चोटिल होने से पहले उन्होंने ऑस्ट्रेलिया में भारत ए के लिए भी अच्छा प्रदर्शन किया था. उनकी सबसे बड़ी ताकत यह है कि वह पारी का आगाज करने के साथ ही टीम की जरूरत के हिसाब से मध्यक्रम में भी बल्लेबाजी कर सकते हैं. वे लंबे समय तक खेलने वाले खिलाड़ी हैं और 23 साल की उम्र में वे बड़ी चुनौती के लिए तैयार दिख रहे हैं.
श्रेयस अय्यर– श्रेयस पिछले साल रणजी क्रिकेट की जगह आईपीएल को तरजीह देने के लिए बीसीसीआई से फटकार झेलने के बाद लाल गेंद प्रारूप में बेहतर तकनीक के साथ उभरने वाले खिलाड़ी साबित हुए है. वह शॉर्ट पिच गेंदों को भी अब पहले की तुलना में अच्छे से खेलने लगे है. इंग्लैंड दौरे पर अनुभव बहुत काम आएगा और 2022 में इंग्लैंड में एक टेस्ट सहित 14 टेस्ट खेलने के बाद वह चुनौतियों के बारे में जानते हैं
रजत पाटीदार-पाटीदार के पास तकनीक और मैदान के चारों ओर सहजता से शॉट खेलने की शानदार क्षमता है लेकिन आंकड़ों पर गौर करे तो उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ घरेलू मैदान पर एक भी अर्धशतक नहीं लगाकर टेस्ट क्रिकेट में अपना मौका गंवा दिया है. रणजी का पिछला सत्र (450 से कम रन) योजना के अनुसार नहीं चला, ऐसे में अगरकर की अगुवाई वाली समिति क्या उन पर एक बार फिर से भरोसा करेगी.
करुण नायर- टेस्ट में भारत के लिए तिहरा शतक जड़ने वाले केवल दूसरे बल्लेबाज नायर ने मध्यक्रम में अपनी लय खो दी थी लेकिन विदर्भ के साथ जुड़ने के बाद वह फॉर्म में शानदार तरीके से वापसी करने में सफल रहे. घरेलू सत्र उनके लिए स्वप्निल रहा, जिसमें उन्होंने प्रथम श्रेणी मैचों में 850 से अधिक रन बनाए. कौन जानता है कि इंग्लैंड दौरा उनके लिए वह मौका हो सकता है.
देवदत्त पडिक्कल– एक और बाएं हाथ का बल्लेबाज जिसे ऑस्ट्रेलिया दौरे पर कप्तान रोहित शर्मा की गैरमौजूदगी में पहले मैच में टेस्ट पदार्पण करने का मौका मिला. पडिक्कल ने दूसरी पारी में यशस्वी जायसवाल के साथ एक प्रभावशाली साझेदारी के दौरान अपनी प्रतिभा की झलक दिखाई. वह आईपीएल में अच्छे फॉर्म में हैं और अगर वह सीनियर टीम में जगह नहीं बना पाते हैं, तो वह निश्चित रूप से भारत ए टीम में शामिल होंगे.
सरफराज खान- न्यूजीलैंड के खिलाफ अक्टूबर में बेंगलुरु में 150 रन बनाने के बाद सरफराज को टेस्ट टीम में अपनी जगह पक्की कर लेनी चाहिए थी, लेकिन अगले टेस्ट मैचों में कुछ खराब शॉट चयन से उन्होंने अपनी जगह गवां दी. ऑस्ट्रेलिया में, वह एक पर्यटक की तरह थे और पहली एकादश में जगह बनाने के लिए उनके बारे में चर्चा भी नहीं की गई। चयनकर्ता हालांकि निरंतरता के लिए उनके नाम पर विचार कर सकते हैं.
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