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Vaibhav Suryavanshi Story : वैभव सूर्यवंशी ने 14 साल की उम्र में 35 बॉल में शतक ठोक कर क्रिकेट में धमाल मचा दिया है. बिहार के इस युवा खिलाड़ी ने आईपीएल में 1.1 करोड़ में खरीदे जाने के बाद अपनी प्रतिभा का लोहा म…और पढ़ें

IPL में गरजा बिहार के सूर्यवंशी का वैभव, आंसुओं से मिली ताकत को जीत में बदला

वैभव सूर्यवंशी भारतीय क्रिकेट का चमकता सितारा

हाइलाइट्स

  • वैभव सूर्यवंशी ने 35 बॉल में शतक ठोका.
  • आईपीएल में 1.1 करोड़ में खरीदे गए वैभव.
  • वैभव ने 38 गेंदों में 101 रन बनाए.

क्रिस गेल ने जब 23 अप्रैल, 2013 को 30 बॉल में आईपीएल की सबसे तेज सेंचुरी का रिकॉर्ड बनाया था तब उनकी उम्र 33 साल थी. अब 12 साल बाद 14 साल के वैभव सूर्यवंशी की सेंचुरी आई है. उम्र और कद काठी में गेल से कोई तुलना ही नहीं लेकिन कैरीबियन धुंआधार बैटर का रिकॉर्ड टूटते-टूटते बचा. 35 बॉल में शतक ठोक कर बिहार के लाल ने क्रिकेट के आसमां में छा जाने की झलक दिखा दी है. तेंदुलकर से तुलना जल्दबाजी होगी. लेकिन वक्त तो वैभव के पास बहुत है. सचिन जब 16 साल 205 दिन के थे तब टीम इंडिया की तरफ से पहला मैच खेलने उतरे. क्या पता अगले दो साल में सचिन की छाया सूर्यवंशी में दिखने लगे. कोई शक नहीं कि आईपीएल की लट्ठमार बैटिंग और पर्थ के पिच पर झूला झूल रही गेंद को झेलने में जमीं-आसमां का फर्क है. लेकिन आज तो वैभव सूर्यवंशी के नाम पर सेलिब्रेशन बनता है. लगता है इस सेलिब्रेशन की तैयारी आईपीएल में वैभव के पहले बॉल पर सिक्सर वाली इनिंग के बाद ही हो गई थी. आपने देखा होगा एयरपोर्ट का वो सीन जब यशस्वी जयसवाल गले में हाथ डाल वैभव का जोश हाई कर रहे थे. कल मौका आया और सवाई मान सिंह स्टेडियम में गुजरात टाइटन्स के 210 का टारगेट दोनों ने बौना साबित कर दिया.

हिम्मत और मेहनत की कहानी
वैभव की कहानी हिम्मत और मेहनत से भरी है. इसका गांव बिहार के समस्तीपुर में ताजपुर के पास है जहां क्रिकेट इन्फ्रास्ट्रक्चर जैसा कुछ नहीं है. पापा किसान हैं. लेकिन रट्टामार पढ़ाई के बदले उन्होंने चार साल की उम्र से ही बेटे के शौक को तरजीह दी.गलियों और घर की छत पर पापा बॉलिंग करते और वैभव बैटिंग. बाद में स्थानीय अकादमी में ट्रेनिंग ली. उसने 12 साल 284 दिन की उम्र में रणजी ट्रॉफी में डेब्यू किया. जल्दी ही अतुल बेदादे की तरह सिक्सर मैन की पहचान वैभव को मिल गई. जब आईपीएल ऑक्शन हुआ तो राजस्थान रॉयल्स ने उसे 1.1 करोड़ में खरीदा और दुनिया भर में वैभव सूर्यवंशी सर्च होने लगे. बेबाकी से सहवाग स्टाइल बॉलरों को कूटने वाले वैभव ने अंडर-19 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 58 गेंदों में शतक बनाया था.

जब जयपुर में मौका मिला 210 के विशाल टारगेट का तो वैभव को लगा वो अपना नया इतिहास रच सकता है. सिराज जैसे बॉलरों को बौना साबित करते हुए पहले उसने 17 गेंदों में अर्धशतक बनाया. फिर राशिद खान की गेंद पर छक्का मारकर शतक पूरा किया. उसकी 38 गेंदों में 101 रनों की पारी में 7 चौके और 11 छक्के लगाए. उसने अफगान गेंदबाज करीम जनत के एक ओवर में 30 रन बनाए. यह सिर्फ प्रतिभा नहीं थी. यह हिम्मत का सबूत था. व्हीलचेयर पर बैठे राहुल द्रविड़ चोट भूल गए और खड़े होकर इस उदीयमान टैलेंट का इस्तकबाल किया. गुजरात के प्लेयर्स ने भी इस देखन में छोटन लगै, घाव करे गंभीर वाले युवा साहसी बल्लेबाज की पीठ थपथपाई.
आंसुओं की प्यास और जीत

आपको याद होगा 19 अप्रैल को लखनऊ सुपर जायंट्स के खिलाफ वैभव का डेब्. उसने 20 गेंदों पर 34 रन बनाए लेकिन ये पारी पहली बॉल पर मारे गए सिक्स के लिए याद रखी जाएगी. आईपीएल में 34 का स्कोर कम नहीं होता लेकिन आउट होने के बाद उसकी आंखों से निकल रहे आंसू आने वाले भविष्य की कहानी बयां कर रहे थे. 14 साल की उम्र में उम्मीदों का बोझ और जल्दी आउट होने के दुख ने उसे रोने पर मजबूर कर दिया. इन आंसुओं ने उसे मजबूती दी और गुजरात के खिलाफ मानो उसने अपनी जीत की प्यास बुझाई हो. जब इस बार आउट हुआ तो सिर उठाकर पैवेलियन लौटा. यही है वैभव की असली कहानी. हिम्मत, मेहनत और प्यास की कहानी.

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