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जौनपुर: दिवाली का त्योहार मिठास का प्रतीक माना जाता है. मगर, यही मिठास अगर मिलावट की चपेट में आ जाए तो स्वास्थ्य के लिए खतरनाक साबित हो सकता है. त्योहारों पर मांग बढ़ने के कारण कई जगह मिलावटी खोया, पनीर और मिठाइयां खुलेआम बिकती हैं. इसी को ध्यान में रखते हुए जौनपुर में खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग ने विशेष अभियान शुरू किया है. सहायक आयुक्त (खाद्य) देवाशीष उपाध्याय ने बताया कि दीपावली, गोवर्धन पूजा और भाईदूज के मद्देनजर यह अभियान चलाया जा रहा है. वहीं, अगर आप भी सेहतमंद रहना चाहते हैं तो मार्केट से जो पनीर या खोया जो ला रहे हैं उसे बड़े आसानी से घर पर चेक कर सकते हैं कि वो असली है या नकली. तो चलिए बिना किसी देरी के जानते हैं कैसे करें पहचान.

44 खाद्य पदार्थों के लिए सैंपल

खाद्य विभाग के अभियान के तहत अब तक विभाग ने 44 खाद्य पदार्थों के नमूने एकत्र किए हैं. इनमें से 3 क्विंटल सोनपपड़ी और 8 क्विंटल बूंदी को अत्यधिक रंग के कारण जब्त किया गया, जिनकी कीमत लगभग 1 लाख 29 हजार रुपए आंकी गई है. वहीं लगभग 3 क्विंटल मिठाई (कीमत 66,000 रुपये) को खराब क्वालिटी और संदिग्ध सामग्री के कारण नष्ट किया गया. इसके अलावा, 25 किलो छेना मिठाई को भी अस्वच्छ और मानव उपभोग के अयोग्य पाकर मौके पर ही फेंक दिया गया. साफ-सफाई की कमी पाए जाने पर 27 दुकानदारों को नोटिस और चार को सुधार नोटिस जारी किए गए हैं.

त्योहारों पर मिठाइयों में मिलावट रोकना प्रशासन के लिए चुनौती बन चुका है. मगर, आप खुद घर पर भी कुछ आसान तरीकों से मिलावट की पहचान कर सकते हैं.

खोए में मिलावट पहचानने के आसान तरीके
1. खुशबू और बनावट देखें: शुद्ध खोए में हल्की दूधिया खुशबू होती है, जबकि मिलावटी खोए में सिंथेटिक या परफ्यूम जैसी गंध आती है.

2. स्पर्श करें: शुद्ध खोया अंगुलियों में दबाने पर मुलायम लगता है और चिपकता नहीं. अगर यह दानेदार या चिपचिपा लगे तो इसमें स्टार्च या साबुन की चर्बी जैसी चीज़ें मिलाई जा सकती हैं.

3. आयोडीन टेस्ट: एक छोटा टुकड़ा खोए का लेकर उसमें आयोडीन डालें. अगर रंग नीला पड़ जाए तो समझिए उसमें स्टार्च की मिलावट है.

4. पानी में डालकर जांचें: शुद्ध खोया पानी में डालने पर नीचे बैठ जाता है जबकि नकली खोया ऊपर तैरने लगता है.

पनीर की शुद्धता जांचने के तरीके
1. गर्म पानी टेस्ट: पनीर को गर्म पानी में डालें. अगर वह टूटने लगे या पानी में घुलने लगे तो वह मिलावटी है. शुद्ध पनीर अपनी आकृति बनाए रखता है.

2. लैक्टोमीटर टेस्ट: अगर घर में लैक्टोमीटर हो तो दूध की क्वालिटी जांचें. मिलावटी दूध से बना पनीर भी निम्न गुणवत्ता का होगा.

3. एसिड टेस्ट: एक टुकड़ा पनीर लेकर उस पर नींबू का रस डालें. अगर रंग बदल जाए तो उसमें रासायनिक मिलावट हो सकती है.

4. स्मेल और टेक्सचर: शुद्ध पनीर हल्की दूध की सुगंध वाला होता है जबकि मिलावटी पनीर में साबुन या खराब तेल जैसी गंध आ सकती है.

डॉ. उपाध्याय ने लोगों से अपील की है कि सस्ते दामों के लालच में मिठाई या दूध उत्पाद न खरीदें. केवल विश्वसनीय दुकानों से ही मिठाई और डेयरी उत्पाद खरीदें तथा बिल लेना न भूलें. उन्होंने कहा, त्योहार की मिठास तभी कायम रहेगी जब स्वास्थ्य सुरक्षित रहेगा. थोड़ी सी सावधानी आपके परिवार को मिलावट के जहर से बचा सकती है. इसलिए इस दिवाली जब भी मिठाई खरीदें, पहले पहचानें कि वह शुद्ध है या नहीं ताकि आपकी दिवाली मिठास से भरी रहे, न कि बीमारी से.

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