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Diwali Festival : दिवाली पर पटाखे जरूर जलाएं, लेकिन सुरक्षा सबसे पहले रखें. बच्चों को सतर्क करें, प्राथमिक उपचार की जानकारी रखें और किसी भी दुर्घटना की स्थिति में तुरंत डॉक्टर की मदद लें. यही सच्ची दीपावली है. रोशनी की, सुरक्षा की और जागरूकता की.
जौनपुर. दीपावली का त्योहार रोशनी और खुशियों का प्रतीक है, लेकिन जरा सी लापरवाही इसे दर्दनाक बना सकती है. हर साल दिवाली पर पटाखे जलाते समय बच्चों के झुलसने या जलने के कई मामले सामने आते हैं. ऐसे में बच्चों की सुरक्षा को लेकर विशेष सावधानी बरतना जरूरी है. बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. गुंजन पटेल ने बताया कि पटाखे जलाते समय और जलने की स्थिति में क्या करें और क्या नहीं, इसकी जानकारी हर माता-पिता को होनी चाहिए. डॉ. पटेल ने बताया कि सबसे पहले बच्चों को अकेले पटाखा जलाने न दें. हमेशा किसी बड़े की निगरानी में ही पटाखे जलाएं. बच्चों को सूती कपड़े पहनाएं क्योंकि सिंथेटिक कपड़े जल्दी आग पकड़ लेते हैं. पटाखा जलाते समय पर्याप्त दूरी बनाए रखें और पास में पानी की बाल्टी या गीला कपड़ा जरूर रखें ताकि किसी हादसे की स्थिति में तुरंत उपयोग किया जा सके.
जले हुए स्थान को 15 मिनट बर्फ से धोएं
अगर बच्चा जल जाए तो सबसे पहले घबराएं नहीं. जले हुए स्थान को तुरंत ठंडे (बर्फ नहीं) पानी से 10 से 15 मिनट तक धोएं. इससे त्वचा का तापमान सामान्य होता है और जलन कम होती है. इसके बाद किसी भी तरह का टूथपेस्ट, तेल, मक्खन या मलहम न लगाएं क्योंकि इससे संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है. डॉ. पटेल ने कहा कि अगर जलन अधिक हो या फफोले पड़ जाएं तो तुरंत नजदीकी अस्पताल या डॉक्टर से संपर्क करें. जलन वाले हिस्से को साफ सूती कपड़े से ढककर रखें. बहुत से लोग फफोलों को फोड़ देते हैं, जो गलत है क्योंकि इससे संक्रमण हो सकता है. उन्होंने बताया कि जलने की जगह पर एंटीसेप्टिक क्रीम लगाने से पहले डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी है. छोटे बच्चों के मामले में जलन का क्षेत्र जितना बड़ा होगा, उतनी ही जल्दी चिकित्सकीय सहायता लेनी चाहिए.
राकेट, अनार, फुलझड़ी जलाते समय रखें ध्यान
डॉ. पटेल ने यह भी कहा कि दीपावली के दौरान माता-पिता को बच्चों को पटाखों से सुरक्षित दूरी बनाए रखने की शिक्षा देनी चाहिए. खासकर “रॉकेट”, “अनार” या “फुलझड़ी” जलाते समय ध्यान रखें कि बच्चे उन्हें हाथ में पकड़कर न जलाएं. उन्होंने बताया कि दिवाली खुशी का त्योहार है, लेकिन थोड़ी सी लापरवाही बड़ी दुर्घटना में बदल सकती है. इसलिए सावधानी बरतें, बच्चों पर नजर रखें और प्राथमिक उपचार की जानकारी रखें. सुरक्षा बरतकर ही यह त्योहार वास्तव में खुशियों से जगमगाएगा. दिवाली पर पटाखे जरूर जलाएं, लेकिन सुरक्षा सबसे पहले रखें. बच्चों को सतर्क करें, प्राथमिक उपचार की जानकारी रखें और किसी भी दुर्घटना की स्थिति में तुरंत डॉक्टर की मदद लें. यही सच्ची दीपावली है- रोशनी की, सुरक्षा की और जागरूकता की.
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